दिल्ली के इण्डिया गेट कर्त्तव्य पथ पर चल रहे दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने वाली भारत की महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने वाले विशेष डांस थिएटर – ’वॉरियर वूमेन ऑफ भारत’ का मंचन हुआ। ’वॉरियर वूमेन आफ भारत’ अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद का संकल्पित डांस बेस्ड थियेटर प्रोडक्शन है, जिसके तहत आजादी की जंग में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जमकर लोहा लेने वाली भारत की महिला योद्धाओं की जांबाजी को डांस की मल्टी स्टाइल प्रोडक्शन फीचर, यानी बहुआयामी शैली के तहत पेश करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद आजादी की जंग में रानी लक्ष्मीबाई के शौर्यगाथा को रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में अपने अंदाज में अदभुत डांस प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया ,वहीं अन्य जानीमानी प्रसिद्ध नृत्यांगना व कलाकार भी विभीन्न वीर महिला योद्धाओं की जांबाजी को वहु शैली नृत्य नाटिका के माध्यम से अपनी अंदाज में प्रस्तुति देकर इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया ।
इसके अलावा आज स्प्रीट ऑफ इंडिया के तहत देश भर के 200 से अधिक कलाकार एवं प्रतीभा संगम के तहत श्रीलंका, यूएसए, मलेशिया, मॉरीशस, हंगरी एवं एवं जापान से आए विदेशी कलाकरों ने अपनी प्रस्तुति से दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल को यादगार बना दिया लोग नृत्य संगीत का जमकर आनन्द लिए उत्तर प्रदेश की रानी लक्ष्मीबाई और बेगम हजरत महल,तमिलनाडु की रानी वेलु नचियार, कर्नाटक की रानी चेन्नम्मा, मध्य प्रदेश की रानी अवंती बाई, असम की कनकलता बरुआ और भारतीय राष्ट्रीय सेना की कैप्टन लक्ष्मी सहगल के शौर्य, वीरता, जांबाजी और पराक्रम को इस अद्भुत मल्टी स्टाइल डांस प्रोडक्शन ’वॉरियर वूमेन ऑफ भारत’ के जरिये दिखाया गया । मंच पर अपने-अपने अंदाज में डांस प्रस्तुति की इस गुरुतर दायित्व की जिम्मेदारी पद्मश्री पुरस्कार विजेता प्रतिभा प्रह्लाद, शोवना नारायण, अनीता रत्नम, अलेख्य पुंजाला, गोपिका वर्मा, सारोदी सैकिया एवं मीरा दास उठाई एवं सभी ने नृत्य की विभीन्न शैली के माध्यम से अपने किरदार को जीवंत कर दिया
दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल के संस्थापक निदेशक, प्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद ने बताया कि ’वॉरियर वूमेन ऑफ भारत’ एक मल्टी स्टाइल डांस थिएटर प्रोडक्शन है जिसमें पूरे देश से प्रसिद्ध और सम्मानित शास्त्रीय और समकालीन वरिष्ठ नृत्यांगना और थियेटर कलाकार शामिल हैं। वारियर वूमेन आफ भारत के जरिये उन निडर और वीर महिलाओं के जीवन और उनकी उपलब्धियों का नृत्य नाटिका है, जिन्होंने देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति प्रेम से प्रेरित होकर न केवल हथियार उठाए, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्यवाद से दो-दो हाथ करने के लिए युद्ध के मैदान में कदम रखकर अंग्रेजों के छक्के भी छुड़ा दिए।
’वॉरियर वूमेन ऑफ भारत’ ने उस वक्त ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ तलवार उठाई, जब पुरुषों ने अपनी मातृभूमि की क्षेत्रीय, भौतिक और आर्थिक अखंडता के लिए लड़ने से या तो हार मान ली या फिर जंग के दौरान वे मारे गए। रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य का वर्णन करने के लिए भगवान कृष्ण के शब्दों को यदि उधार लें तो ’यदि हम विजयी होते हैं, तो हम जीत के फल का आनंद लेंगे यदि युद्ध के मैदान में पराजित और मारे गए, तो हम निश्चित रूप से अनंत गौरव और मोक्ष अर्जित करेंगे’ ही काफी है।