कभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को थोड़ी हीन भावना होती थी, लेकिन अब दिल्ली के बच्चे गर्व से कहते हैं कि हम सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर कर दिया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने रोहिणी सेक्टर 18 में एक और बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को दिल्लीवासियों को समर्पित किया। इसके साथ ही दिल्ली में अब एक्सीलेंस स्कूलों की संख्या 37 हो गई है। स्कूल का उद्घाटन कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रोहिणी का यह स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल देश के बेहतरीन स्कूलों में से एक है। इसमें उपलब्ध सुविधाएं इंफ्रास्ट्रक्चर डीपीएस, गोयनका जैसे नामी प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है। एक जमाना था, जब गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे, तो उनको थोड़ी हीन भावना होती थी कि वे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। लेकिन अब गर्व के साथ दिल्ली के बच्चे कहते हैं कि हम सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। सीएम ने बच्चों से कहा कि आपके मनीष अंकल ने आपके लिए संदेश भेजा है कि मै ठीक हूं, आप अपनी पढ़ाई और सेहत का ध्यान रखना। उनको आप लोगों की पढ़ाई और स्वास्थ्य की चिंता है। भगवान सच्चाई पर चलने वालों की परीक्षा लेते रहते हैं। मनीष सिसोदिया की भी परीक्षा ली जा रही है। वो 100 में 100 नंबर लेकर बाहर आएंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी, डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान समेत शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 18 में नव निर्मित बी. आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल का एनसीसी बैंड ने स्वागत किया। सीएम अरविंद केजरीवाल नाम पट्टिका का अनावरण कर भूतल पर बने नए क्लासरूम और केमिस्ट्री लैब को देखने पहुंचे। फिर वो प्रथम तल पर पहुंचे, जहां फिजिक्स लैब का जायजा लिया। इसके उपरांत द्वितीय तल पर बने मल्टी पर्पस हॉल में पहुंचे और दीप प्रज्वलित कर स्कूल उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान स्कूल के संगीत शिक्षकों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत ही शानदार और आलीशान स्कूल बना है। यह स्कूल शायद पूरे देश में सबसे सर्वश्रेष्ठ स्कूल कहा जा सकता है, जिसमें सरकारी ही नहीं बल्कि प्राइवेट स्कूल भी शामिल हैं। अगर इस स्कूल की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की बात की जाए तो शायद यह स्कूल देश और दिल्ली के कई नामी गिरामी प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है। एक जमाना था, जब गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे तो उन्हें थोड़ी हीन भावना महसूस होती थी। मगर अब यही सरकारी स्कूल के बच्चे अपने इलाके में कॉलर ऊपर करके गर्व के साथ बोल सकते हैं कि हम इस सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्कूल ऑफ स्पेशलाइज एक्सीलेंस (एसओएसई) एक नए किस्म का प्रयोग था जो बहुत ही सफल रहा। इन स्कूलों में बच्चों को स्पेशल सब्जेक्ट्स के अंदर 9वीं कक्षा से ही तैयार करना शुरू कर दिया जाता है। बच्चे साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथमेटिक्स (स्टेम) की पढ़ाई के साथ 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता हासिल करेंगे। अभी तक दिल्ली में ऐसे 37 स्पेशलाइज्ड स्कूल बनाए गए हैं। इस स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए लगभग 4400 सीटों पर प्रवेश पाने के लिए 92 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया हैं। इतनी लंबी लाइन तो कई नामी-गिरामी प्राइवेट स्कूलों के लिए भी नहीं लगती है, जितनी दिल्ली सरकार के स्पेशलाइज सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए लग रही है। इतने सारे आवेदन आने पर अगर किसी बच्चे को इस स्कूल में दाखिला मिल जाता है, तो उसका भाग्य बहुत अच्छा है कि उस बच्चे को आखिर इस स्कूल में दाखिला मिल गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत ही आलीशान स्कूल है। मैं बेहद खुश हूं कि आज इस स्कूल का उद्घाटन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज जब मैं स्कूल का उद्घाटन करने के लिए आ रहा था तो कुछ लोग विरोध करते दिखे। मेरा उन लोगों से यही कहना है कि हम आपके बच्चों को भी पढ़ाएंगे, यहीं इसी स्कूल में पढ़ाएंगे। आखिर आप विरोध क्यों कर रहे हैं? यह स्कूल कोई आम आदमी पार्टी के लोगों के बच्चों का स्कूल नहीं है। इस स्कूल में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सभी के बच्चे पढ़ेंगे और जो किसी भी पार्टी में नहीं हैं, उनके भी बच्चे पढ़ेंगे। यहां दिल्ली के आम लोगों के बच्चे पढ़ेंगे। स्कूल में आकर विरोध करना गलत बात है। लोग कहीं भी जाकर आम आदमी पार्टी का विरोध कर सकते हैं। स्कूल में बच्चों की पढ़ाई होगी। यह गलत बात है, ऐसा नहीं करना चाहिए। सीएम ने स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अपील की कि जब भी विरोध करने वाले लोग अपने बच्चों का दाखिला कराने स्कूल में आएं, तो उनका फूलों से स्वागत करें और उनके बच्चों का दाखिला जरूर लें।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे साथ दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने वाले मनीष सिसोदिया नहीं है। कुछ दिनों पहले मेरे पास कुछ बच्चे आए और कहने लगे कि हमें मनीष अंकल की बहुत याद आ रही है। शिक्षकों ने भी कहा कि हम उन्हें बहुत याद करते हैं। बच्चों ने कहा कि उन्हें गलत केस में फंसाया गया है। मैंने भी उनसे कहा कि यह बात तो सारी दुनिया जानती है और हमें भी मनीष की बहुत याद आती है। मगर मनीष सिसोदिया ने सभी प्यारे बच्चों और शिक्षकों के लिए एक संदेश भेजा है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि मैं जहां भी हूं, ठीक हूं। आप लोग मेरी चिंता मत करना, आप अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना। सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि श्री मनीष सिसोदिया को वहां जेल के अंदर बैठकर भी बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य की चिंता है। श्री मनीष सिसोदिया ने संदेश दिया है कि सभी बच्चों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना है, अच्छे नंबर लाकर पास होना है और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बात को हम सभी जानते हैं कि जब कोई सच्चाई के रास्ते पर चलता है तो भगवान कभी न कभी, कहीं न कहीं उसकी परीक्षा जरूर लेते हैं। ऐसे ही एक बार भगवान ने राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा ली थी। राजा हरिश्चंद्र को सत्यवादी हरिश्चंद्र कहा जाता था। वह कितने बड़े सत्यवादी हैं, यह पता करने के लिए एक बार भगवान ने उनकी परीक्षा ली थी। भगवान ने उनका सारा राजपाट छीन लिया था। इसके बाद उनके बेटे की मृत्यु हो गई थी और जब राजा की धर्मपत्नी अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट पहुंची तो उनके पास बेटे की लाश को ढकने को कफन खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। भगवान इसी तरह से श्री मनीष सिसोदिया की भी परीक्षा ले रहे हैं। बच्चों के प्रिय मनीष अंकल भी 100 में से 100 नंबर लाकर पास होंगे। बहुत जल्द वापस आपके साथ काम करेंगे। सीएम ने बच्चों से अपील की कि जब भगवान से अपने लिए प्रार्थना करें तब मनीष अंकल के स्वास्थ्य और उनके भले के लिए जरूर प्रार्थना कर लेना।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि यह हमारे देश की दुखद सच्चाई रही है कि आज़ादी के 75 साल के बाद भी एक बच्चे का भविष्य इस बात से निर्धारित होता है कि वो किस परिवार में पैदा हो रहा है। पैसे वाले घर का लड़का जब महंगी प्राइवेट स्कूल में एडमिशन लेता है तभी उसका उज्जवल भविष्य दिखने लगता है कि वह बड़ा होकर कुछ अच्छा करेगा, लेकिन एक कड़वी सच्चाई है यह भी है कि देश में बहुत सारे ऐसे अभिभावक भी हैं जो दिल पर पत्थर रखकर अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो सरकारी स्कूल से पढ़ते हुए अपनी 12वीं की पढाई मुश्किल से पूरी कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के पास एक विकल्प जरुर होना चाहिए कि वे पढ़ कर अपने सपनों को पूरा कर सके। स्कूल इसके लिए उसे अवसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आज देश में बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कही काम किया जा रहे है तो वो देश की राजधनी दिल्ली है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के स्कूलों को शानदार बनाया जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल का एक ही सपना है कि जैसी शिक्षा उन्होंने अपने बच्चों को दिलाई, वैसे ही शिक्षा देश और दिल्ली के हर बच्चे को मिलनी चाहिए। हमे गर्व है कि पिछले 8 सालों में हमारी सरकार ने गंभीरता से इस पर काम किया और दिल्ली के बच्चों के बेहतरीन भविष्य के लिए अवसर दिए।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि पढ़ाई को लेकर दिल्ली का माहौल बदल चुका है। आज सिर्फ़ बड़े घरों के बच्चे आईआईटी और मेडिकल में नहीं जा रहे, बल्कि हर वर्ष दिल्ली सरकार के स्कूलों के हजारों बच्चे आईआईटी और मेडिकल की परीक्षा क्लियर कर देश के नामी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने जा रहे है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में हर तबके के बच्चों को शानदार शिक्षा देने का मुख्यमंत्री जी का सपना पूरा हो रहा है। इसका उदाहरण है कि एक डीटीसी बस कंडक्टर का बेटा प्रिंस कुमार दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़कर आईआईटी मुंबई में एडमिशन लेता है और एक सिक्योरिटी गार्ड का बच्चा आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन लेता है।

रोहिणी के सेक्टर-18 में बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस खुलने से क्षेत्र के लोगों में अपार खुशी दिखी। काफी लोग सीएम का धन्यवाद करने के लिए स्कूल पहुंचे। लोगों ने सीएम अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल प्रारंभ होने से बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा मिल पाएगी। इससे बच्चों का भविष्य सुनहरा होगा। लोगों ने स्कूल से निकलने के दौरान भी सीएम अरविंद केजरीवाल का जयघोष कर धन्यवाद किया। सीएम ने भी हाथ जोड़कर जनता का अभिवादन स्वीकार किया।
लोक निर्माण विभाग ने पक्के स्कूल भवन के निर्माण का कार्य दिसंबर 2020 में शुरू हुआ और दिसंबर 2022 में बनकर तैयार हुआ। रोहिणी सेक्टर-18 में बना स्कूल आंतरिक जल आपूर्ति, स्वच्छता प्रतिष्ठानों, आंतरिक विद्युत स्थापना, एसटीपी, फर्नीचर, आरडब्ल्यूएचएस आदि आधुनिक सुविधाओं से लैस है।

स्कूल में बने हैं 50 क्लास रूम

यह स्कूल करीब 8631 वर्ग मीटर में फैला है और पूरी बिल्डिंग में 127 रूम हैं। जिसमे –
– 50 क्लास रूम
– 10 लैब्स
– 2 लाइब्रेरी
– एक मल्टी परपज हॉल
– 15 अधिकारी और स्टाफ रूम
– 30 शौचालय
– 6 सीढ़ी
– 1 लिफ्ट

स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथेमेटिक्स (स्टेम) और 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता दी जाती है। रोहिणी सेक्टर-18 में नव निर्मित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में इस वर्ष स्टेम और 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता हासिल करने के लिए 400 छात्र-छात्राएं कक्षा 9 में प्रवेश लेंगे। जब यह स्कूल पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तब इसमें एक हजार छात्र – छात्राएं दाखिला ले सकेंगी।
दिल्ली सरकार की योजना 2023-24 में 37 भवनों में 46 डॉ बी आर अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) बनाकर समर्पित करने की है। जहां करीब 10 हजार छात्र दाखिला ले सकेंगे। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए एसओएसई में लगभग 4400 सीटों के लिए दिल्ली सरकार को 92 हजार छात्र-छात्राओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्रवेश के पहले दौर के प्रवेश परिणाम अगले सप्ताह तक घोषित किए जाएंगे। डॉ बी आर अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल 2023 से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।

 

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