हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, कि चितौड़गढ़ के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने वाले हाईवे प्रोजेक्ट का काम 90 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है। PTI के साथ एक इंटरव्यू में गडकरी ने बताया, कि कैलाश मानसरोवर प्रोजेक्ट का 93 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है। इस नई सड़क के बन जाने के बाद से श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर जाने के लिए जो समय लगता है उसमें काफी दिनों की कमी आने की उम्मीद है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए सिक्किम और नेपाल के रास्ते से जाने में वर्तमान में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लगता है।
सीमा सड़क संगठन-
2022 में मंत्री ने, कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के रूप में प्रसिद्ध धारचूला से लिपुलेख तक सड़क संपर्क के काम को पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सराहना की, जिससे तीर्थयात्रियों की यात्रा आसान हो जाएगी। पिथौरागढ़-तवाघाट-घाटियाबागढ़ रोड, धारचूला लिपुलेख रोड का विस्तार है, यह रोड घाटियाबाढ़ से निकलती है और लिपुलेख जो कैलाश मानसरोवर का प्रवेश द्वार है उसके पास समाप्त हो जाती है।
यात्रा के समय में आएगी कई दिनों की कमी-
80 किलोमीटर लंबे धारचूला को बॉर्डर रोड Organization ने लिपुलेख से जोड़ दिया है। यह रोड 6000 से 17,060 फीट की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद से श्रद्धालुओं को कठिन और जोखिम भरे मार्ग से यात्रा नहीं करनी पड़ेगी, साथ ही वर्तमान में यात्रा करने में जितना समय लगता है, उसमें 2 से 3 दिन की कमी आएगी।