विभिन्न योजनाओं के कार्य राजीविका के माध्यम से किए जाने की मांग बढ़ाने के प्रयास आवश्यक -अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज

जयपुर, 28 मार्च। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अभय कुमार सिंह ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विभिन्न योजनाओं में अधिकाधिक कार्य राजीविका के माध्यम से करवाने की मांग आनी चाहिए। इस दिशा में गंभीरता से काम किए जाने की आवश्यकता है।

श्री सिंह ने मंगलवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में राजीविका के जिला कार्यक्रम अधिकारियों, क्लस्टर स्तरीय फेडरेशन के प्रबन्धकों, स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। ‘‘खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता (एफएनएचडब्ल्यू) एवं जेंडर’’ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजीविका में संसाधन, धनराशि होते हुए भी मांग के अभाव में गरीब महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता।

उन्होंने कहा कि मनरेगा में जिन महिलाओं को 60 दिवस का रोजगार मिला है, उनके परिवार को राजीविका से आवश्यक रूप से जोड़ा जाए। राजीविका के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीएलफएफ और गु्रप मिलकर विभाग के सहयोग से अधिक से अधिक मांगों के प्रस्ताव बनाकर महिलाओं को इन कार्यों से जोड़ें।

इस कार्य के लिए कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) को महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए उन्होंने कहा कि सीआरपी को एक्टिवेट कर उनको मजबूत पहचान दें। खासकर चारागाह विकास, पशुपालन, घास लगाने, पौधारोपण, वनोपज जैसे कार्यो के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को राजीविका से जोड़ने के लिए काम करें। उन्होने कहा कि क्लस्टर स्तरीय फेडरेशन को बचत और धन के रोटेशन की  जानकारी हर समय होनी चाहिए और उनके चुनाव भी नियमित रूप से सम्पन्न होने चाहिए। वाटरशेड में रोजगार के कार्यों, पौधारोपण आदि के कार्यो से ग्रामीण महिलाओं को जोड़ने के लिए धन की कमी नहीं है।

पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की हर महिला को सशक्त होना चाहिए। चैक बुक पर साइन करने, पैसा देते समय रखी जाने वाली सावधानियां जैसी आधारभूत वित्तीय साक्षरता भी जरूरी है। उन्होंने सीएलएफ प्रबन्धकों को रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखने और त्वरित जानकारी की उपलब्धता के गुर बताए।

उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारियों एवं अन्य प्रतिभागियों को राज्य सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी रखने और जरूरत पड़ने पर पात्र व्यक्ति को उनका लाभ दिलाने का प्रयास करने को कहा।

इस अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय में गृहविज्ञान विभाग की प्रोफेसर श्रीमती मुक्ता अग्रवाल ने मोटे अनाज के पोषण सम्बन्धी फायदे बताए। उपस्थित सदस्यों द्वारा एफएनएचडब्ल्यू टूलकिट एवं फ्लिप बुक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक राजीविका श्री हरदीप सिंह पुरी, डायरेक्टर आरसीएच श्री आर.पी.डोरिया, उपनिदेशक शिक्षा विभाग मधु शर्मा एवं एनआरपी जेंडर श्रीमती पी.देवी भी उपस्थित थीं।

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