दिल्ली विकास प्राधिकरण ने नागरिकों की सुविधा से संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण, यमुना फ्लड प्लेन के पुनरुद्धार और राजधानी को हरा-भरा बनाने को प्राथमिकता में रखकर बजट को मंजूरी दी

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में आज राष्ट्रीय राजधानी में नागरिक सुविधाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए कई बड़े फैसले लिए। उपराज्यपाल डीडीए के चेयरमैन भी हैं। बैठक में मुख्य रूप से वार्षिक बजट 2023-24 की मंजूरी दी गई। बैठक में नरेला, द्वारका और रोहिणी में कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए विशेष प्रावधान पर मुहर लगाई गई।  बजट में यूईआर (Urban Extension Road-II), यमुना बाढ़ क्षेत्र इलाकों और हरित क्षेत्रों के कायाकल्प और जीर्णोद्धार पर विशेष जोर दिया गया है। डीडीए ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में रोहिणी, फेज IV और फेज  V, टिकरी कलां और नरेला के लिए पूर्व-निर्धारित दरों (Pre-Determined rates) को भी मंजूरी दे दी और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए भूमि उपयोग में परिवर्तन की अनुमति दी। डीडीए की इस बैठक में उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा और विजेंद्र गुप्ता सहित कई सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में विधायक सोमनाथ भारती, ओपी शर्मा और दिलीप कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे।

बैठक का व्योरा इस प्रकार है-

2023-24 बजट अनुमान : डीडीए ने 7643 करोड़ रुपये का वार्षिक परिव्यय और 8541 करोड़ रुपये अनुमानित प्राप्तियों के साथ वार्षिक बजट 2023-24 को अनुमोदित कर दिया।

बजट की प्रमुख बिंदू:

• नागरिक अवसंरचना

डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आने वाले रोड, सीवेज, पानी की आपूर्ति, बिजली की लाइनें, जल निकासी और भूमि विकास के लिए बुनियादी ढांचों के निर्माण और मौजूदा बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए कुल 3314 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें मुख्य रूप से नरेला, द्वारका और रोहिणी में विकास कार्य शामिल हैं। डीडीए ने यमुना रिवरफ्रंट के व्यापक विकास की भी योजना बनाई है। कुछ विशिष्ट परियोजनाओं के संबंध में विवरण इस प्रकार हैं:-

दिल्ली में शहरी विस्तारित रोड-2 जिसे तीसरा रिंग रोड (UER-II) भी कहा जा रहा है, पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के लिए दिल्ली क्षेत्र में कुल 6421 करोड़ की लागत में से डीडीए ने 3600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस परियोजना से दिल्ली की भीड़भाड़ को कम करने और वाहनों से निकले प्रदूषण को कम करने बहुत अधिक मदद मिलेगी। यह रोड रोहिणी और नरेला के बीच एक आर्टिरियल कनेक्टिविटी होने के अलावा, दिल्ली के लैंड पूलिंग क्षेत्रों को भी जोड़ेगा। इस रोड के बन जाने से गुरुग्राम और सोनीपत की ओर से सेंट्रल दिल्ली में जो भारी ट्रैफिक होता है, उसमें कमी आएगी। वहीं एयरपोर्ट जाने में भी कम समय लगेगा। यह दिल्ली में एक अतिरिक्त पश्चिमी रिंग रोड के रूप में काम करेगा जिससे मुकरबा चौक से सिंघू बॉर्डर के बीच लगातार लग रही भीड़ भी कम होने में मदद मिलेगी।

1.डीडीए ने रोहिणी में अपने विकसित सेक्टर 20, 21 और 22 तथा अविकसित सेक्टर 39, 40 और 41 के खाली पड़ी जमीनों पर और किराड़ी विधानसभा के अनाधिकृत 10 कोलोनियों में जल जमाव की समस्या से निजात पाने के लिए 293.21 करोड़ की लागत से 7.2 किलोमीटर लंबी ट्रंक ड्रेन के निर्माण का प्रस्ताव किया है। इस उद्येश्य के लिए 2023-24 बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

2. द्वारका के सेक्टर-8 में स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस नाला के बन जाने से बरसात के समय हवाई अड्डे से निकलने वाले अतिरिक्त जल को निकासी करने के उद्येश्य से बनाया जा रहा है। इसके कारण द्वारका सेक्टर-8, राजनगर, बगडोला और पालम क्षेत्र में वर्षाजल के कारण बाढ़ की समस्या भी निजात मिलेगी। इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद आस-पास के इलाकों में नीचे जा रहे भूजल के स्तर में सुधार होगा। इस पानी को द्वारका के सेक्टर 8 और सेक्टर 23 के पार्कों में लगे जल निकायों, रिचार्ज पिट्स और जल प्रतिधारण निकायों में संग्रहित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए डीडीए ने 2023-24 के बजट में 30 करोड़ का प्रावधान किया है।

3. डीडीए ने नेहरू प्लेस और भीकाजी कामा प्लेस वाणिज्यिक केंद्रों में पुरानी सुविधाओं को अपग्रेडेशन और तकनीकी से लैस किया है। मल्टीलेवल कार पार्किंग के निर्माण सहित नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसके लिए बजट अनुमान 2023-24 में 65 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

4. द्वारका में दो फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इससे पैदल चलने वालों को सुरक्षित रास्ता मिल सकेगा। इसके लिए बजट अनुमान 2023-24 में छह करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

5. डीडीए ने यमुना नदी के बाढ़ग्रस्त इलाकों के कायाकल्प और पुनरुद्धार के लिए कुल 928.92 करोड़ का परिव्यय रखा है। इस काम को 10 अलग-अलग उप परियोजनाओं के रूप में चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। बजट अनुमान 2023-24 में इसके लिए 405 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

6. प्रतिष्ठित भारत वंदना पार्क का निर्माण जोरों पर है। सेक्टर-20, द्वारका में स्थित यह पार्क 189.28 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी परियोजना लागत  524  करोड़ रुपये है। इसके लिए बजट अनुमान 2023-24 में 105 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

7. डीडीए ने दिल्ली के हरित क्षेत्रों के समग्र विकास और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस पहल को जारी रखते हुए डीडीए मौजूदा और साथ ही नए पार्कों का विकास, उन्नयन और आधुनिकीकरण कर रहा है। इसके लिए 2023-24 के बजट में 61 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा डीडीए करीब 787 पार्कों का रखरखाव भी कर रहा है। इस उद्येश्य के लिए 2023-24 में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

8. डीडीए ने पूरी दिल्ली में जल निकायों (वाटर बॉडीज) के कायाकल्प के लिए एक कार्य योजना (एक्शन प्लान) भी तैयार की है। इसके लिए 2023-24 में 55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पार्कों में ताजे पानी की निर्भरता को कम करने और जल निकायों के लिए सिंचाई और उसके कायाकल्प के लिए डीडीए ने सतत जल प्रबंधन अभ्यास को क्रियान्वित किया है। इसके माध्यम से सेंट्रलाइज्ड एसटीपी से लेकर एसटीपी पाइपलाइन के माध्यम से डीडीए ने केंद्रीकृत एसटीपी से एसटीपी पाइपलाइन के माध्यम से और आस-पास के नालों पर स्थापित विकेन्द्रीकृत एसटीपी के माध्यम से निर्मित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए उपचारित जल का उपयोग करने के लिए सतत जल प्रबंधन अभ्यास को  लागू किया है। ये प्रौद्योगिकी हैं-निर्माणाधीन वेटलैंड- फाइटोरिड – एसडब्ल्यूएबी, ज़ोहकासौ और एमबीबीआर। इस कार्य के लिए 2023-24 के बजट में 4 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

9. डीडीए ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इंवायरोनमेंट मैनेजमेंट ऑफ डिग्रेडेड इकोसिस्टम (CEMDE) के सहयोग से पूरी दिल्ली में 3000 एकड़ क्षेत्र के सात जैव विविधता वाले पार्कों का एक नेटवर्क स्थापित किया है। इन बायोडर्वसिटी पार्कों के रखरखाव के लिए 2023-24 के बजट में 33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

10. डीडीए दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के लिए 1000 करोड़ खर्च करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इस उद्येश्य के लिए 2023-24 के बजट में 350 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

11. डीडीए की बहुमूल्य भूमि के अतिक्रमण को रोकने के लिए  2023-24 के बजट में सुरक्षा/संरक्षा के मद में 106 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

आवास:

12. डीडीए ने मौजूदा आवास परियोजनाओं की बिक्री से लगभग 4310 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है। ये परियोजनाएं जल्द ही पूरा होने वाली है। नरेला के आसपास एन 8 और एनएच 2 के तीसरे रिंग रोड में मिल जाने और प्रस्तावित मेट्रो लाइन के बन जाने के बाद इस डीडीए के इस आवास परियोजनाओं की कीमत में और इजाफा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही डीडीए के आवासीय फ्लैटों की मांग में वृद्धि की उम्मीद है।

13. बजट में सभी चल रहे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने पर जोर दिया गया है। चालू वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण आवसीय परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा। इन आवास परियोजनाओं में द्वारका गोल्फ कोर्स के सामने लगभग 1114 एचआईजी फ्लैट, लोक नायक पुरम में लगभग 650 एमआईजी फ्लैट और नरेला में लगभग 9000 एचआईजी/एमआईजी फ्लैट शामिल हैं। लोक नायक पुरम और नरेला के फ्लैट दिल्ली में बन रहे तीसरे रिंग रोड के करीब हैं जहां काम जोरों पर है।

इन सबके अलावा, कड़कड़डूमा, दिल्ली में पारगमन उन्मुख विकास (टीओडी) मानदंडों पर आधारित आवासीय परिसरों का निर्माण वर्तमान में प्रगति पर है। TOD मेट्रो स्टेशनों, आवासीय परिसरों, कार्यस्थलों और मनोरंजक स्थानों को एक साथ लाता है। यानी एक ही जगह पर इन चीजों को जोड़ देता है। इस परियोजना में पहले चरण में 1108 एमआईजी और 522 ईडब्ल्यूएस आवासीय फ्लैटों का निर्माण शामिल है।

2023-24 बजट में आवास निर्माण के लिए कुल 1767 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, जिसमें से 240 करोड़ टीओडी के आधार पर कड़कड़डूमा में आवास का निर्माण से संबंधित है।

14. डीडीए झुग्गीवासियों के यथास्थान पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए 10 नई परियोजनाओं के लिए आरएफपी मंगाई गई है। इसके तहत डीयू के 3024 ईडब्ल्यूएस आवास का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। वहीं, माननीय प्रधानमंत्री ने नवंबर 2022 में कालकाजी एक्सटेंशन में झुग्गीवासियों को इन आवासों की चाबियां सौंपी थीं। इसके अलावा, यथास्थान पुनर्वास योजना के तहत निम्नलिखित आवासीय परियोजनाएं प्रगति पर हैं:

जेलोरवाला बाग: – डीयू के डिजाइन और ब्यूल्ट मॉडल पर आधारित 1675 ईडब्ल्यूएस आवास का निर्माण के अग्रिम चरण में हैं और 2023-24 के दौरान पूरा होने की संभावना है।

कठपुतली कॉलोनीः- डीयू के 2800 ईडब्ल्यूएस आवास  का निर्माण पीपीपी मॉडल पर किया जा रहा है।

इस मद में 2023-24 के बजट में 70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

स्पोर्ट्स प्रोत्साहन

15. दिल्ली में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए डीडीए एक प्रमुख एजेंसी है और इसने 15 स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, 3 मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और 2 गोल्फ कोर्स का एक नेटवर्क स्थापित किया है जो वर्तमान में संचालन में हैं। इन परिसरों के रख-रखाव के लिए 2023-24 के अनुमानित बजट में 178 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।

16. द्वारका के सेक्टर 17 में एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन 2023 की पहली छमाही में और सेक्टर 8, 19 और 23 में तीन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और सेक्टर 24 द्वारका में एक गोल्फ कोर्स का उद्घाटन भी साल के अंत तक कर लिया जाएगा। इन सबके लिए 2023-24 के अनुमानित बजट में 155 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

17. इन सबके अलावा डीडीए ने पीपीपी मोड पर द्वारका सेक्टर 19 बी में एक एकीकृत बहुउद्येशीय खेल क्षेत्र का विकास भी किया है। रोहिणी और नरेला में दो और खेल परिसरों का निर्माण भी पीपीपी मोड पर प्रस्तावित है।

13. 49 हेक्टेयर (33.33 एकड़) एरिया जंगपुरा- नई दिल्ली जंगपुरा में स्थित 13.49 हेक्टेयर (33.33 एकड़) क्षेत्र में लैंड यूज को बदला गया है। इसके तहत  ‘इंडस्ट्रियल’ और  ‘यूटीलिटी’ से ‘ट्रांसपोर्टेशन’ (T2) में परिवर्तित किया गया है।  राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और मजबूत बनाने के लिए डीडीए ने लैंड यूज में बदलाव को मंजूरी दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम लिमिटेड (NCRTC)ने डीडीए से जंगपुरा में 13.49 हेक्टेयर (33.33 एकड़) क्षेत्र के लैंड यूज में बदलाव के लिए आग्रह किया था। इसमें रिजनल रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम यानी रैपिड रेल के लिए जमीन आवंटित की जाएगी। इसमें स्टैबलिंग यार्ड, स्टेशन, ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर, एनसीआरटीसी ऑफिस और स्टाफ क्वार्टर भी बनाया जाएगा।

7,847.97 वर्ग मीटर (1.94 एकड़) भूमि के लैंड यूज में बदलाव। इसके तहत सीआरपीएफ के लिए ट्रांजिट कैंप के निर्माण हेतु गृह मंत्रालय को 1.94 एकड़ भूमि आवंटित। इसमें सीएलयू प्रस्ताव के बदले सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक से “मनोरंजनात्मक” इस्तेमाल हो सकेगा।

प्राधिकरण ने सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक से मनोरंजन के लिए भूमि उपयोग के परिवर्तन को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में सीआरपीएफ के तरफ से अनुरोध आया था। दरअसल, बवाना के सीआरपीएफ कैंपस के कुल जमीन में से सीआरपीएफ ने 1.94 एकड़ जमीन के लिए सीएलयू मांगा था। यह डीडीए द्वारा स्वीकृत  गृह मंत्रालय को आवंटित 1.94 एकड़ भूमि के बदले में थी जो जमीन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास है।

सीएलयू से पीएसपी से रिक्रिएशनल का प्रस्ताव अनुपूरक है। दरअसल, ट्रांजिट कैंप का इस्तेमाल उन कर्मियों के ठहरने के लिए किया जाता है जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में तत्काल तैनात किया जाता है। इसके अलावा जवानों को देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किया जाता है। गंतव्य स्थान से पहले ये कर्मी यही ठहरते हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और छत्तीसगढ़ में तैनात कर्मी भी अपने तबादले/तैनाती या छुट्टी के दौरान यहीं रहते हैं।

7 एकड़ में से 2 एकड़ पर अतिरिक्त गतिविधियों के लिएअनुमति: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को अपनी सेवाओं का विस्तार करने और अपने छात्रों और कर्मचारियों के लिए व्यापक सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए, प्राधिकरण ने विश्वविद्यालय को तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र, सामुदायिक हॉल स्थापित करने की अनुमति दी है।  द्वारका में उन्हें मनोरंजन हॉल, पुस्तकालय सहित अन्य चीजों को बनाने 7 एकड़ में से 2 एकड़ जमीन दी है।

द्वारका के सेक्टर 14 में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) का एकीकृत परिसर 12 एकड़ भूमि पर स्थित है। इसके अलावा, अपने मौजूदा परिसर के निकट 7 एकड़ की अतिरिक्त भूमि भी डीडीए द्वारा एनएलयू, दिल्ली को “हॉस्टल के निर्माण” के लिए आवंटित की गई थी। अपने छात्रों और कर्मचारियों को सर्वोत्तम संभव सुविधाएं और संसाधन प्रदान करने के लिए एनएलयू के अनुरोध पर भूमि को 2 एकड़ और 5 एकड़ क्षेत्र के दो भूखंडों में विभाजित किया गया था।

यह निर्णय दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 के अनुसार लिया गया था, जो कुछ शर्तों के अधीन आवासीय उपयोग क्षेत्र में कुछ अतिरिक्त गतिविधियों को करने की अनुमति देता है।

प्राधिकरण ने भारत के कैग (सीएजी) द्वारा प्रमाणन के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए डीडीए के वार्षिक खातों को अपनाया। इसके अलावा, डीडीए ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोहिणी में फेज IV और फेज V, टिकरी कलां और नरेला के लिए पूर्व-निर्धारित दरों को भी मंजूरी दी है। पूर्व-निर्धारित दर (PDRS) का मतलब वह दर या कीमत है जो विभिन्न श्रेणियों में वैकल्पिक जमीन आवंटन पर चार्ज किया जाता है। दरअसल, इसमें  विभिन्न श्रेणियों के उन व्यक्तियों की जमीन है जिसे दिल्ली के नियोजित विकास (प्लांड डेवलपमेंट) के लिए अधिग्रहित किया गया है। अब नए मास्टर प्लान के तहत लो और मिडल क्लास के व्यक्तियों को ड्रॉ के जरिए इंडस्ट्रियलिस्ट, मालिक, वेयरहाइस के मालिक, इंडस्ट्रीज आदि को गैर-स्थायी जगहों से स्थायी जगहों में स्थांतरित किया जा रहा है।

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