पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही ‘The Kerala Story’ के तार ‘एक वर्ग को अपमानित किए जाने’ से जोड़ चुकी हैं। उन्होंने राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है और कहा है कि यह फैसला ‘राज्य में शांति बनाए रखने’ के लिए लिया गया है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार को घेर रही है। वहीं, टीएमसी के इस फैसले की एक बड़ी सियासी वजह भी नजर आती है।
हाल ही में हुए सागरदिघी उपचुनाव में सीएम बनर्जी की पार्टी को कांग्रेस-वाम के हाथों 20 हजार से ज्यादा मतों से हार झेलनी पड़ी थी। खास बात है कि इस सीट पर मुस्लिम आबादी 60 फीसदी से ज्यादा है। हार के बाद ही एक्शन में आईं बनर्जी ने अल्पसंख्यक मामलों का काम खुद संभाला। साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए कई बड़ी घोषणाएं भी की गईं। माना जा रहा है कि अल्पसंख्यक वोट बैंक के लिहाज से टीएमसी बैकफुट पर है।
साल 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक राज्य में भाजपा हिंदुत्व के मामले में खास असर नहीं छोड़ सकी है। साथ ही पार्टी टीएमसी को भी खास चुनौती नहीं दे सकी। माना जा रहा है कि ऐसे में बंगाल के कई मुसलमानों को शायद लग रहा है कि अब परेशानी होने की कोई वजह नहीं है। साथ ही मुसलमानों से संपर्क साधने को लेकर भाजपा का रुख भी समुदाय पर असर डालता नजर आ रहा है। इसके अलावा ताजा चुनावों में भाजपा के घटते वोट शेयर के बाद अल्पसंख्यकों को लग सकता है कि टीएमसी के बैनर तले एकजुट होने की कोई जरूरत नहीं है।