पीएफसी ने स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 20 कंपनियों के साथ ₹ 2.37 लाख करोड़ के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

गोवा

ऊर्जा परिवर्तन के लिए खुद को फोकल फंडिंग एजेंसी के रूप में स्थापित करने की अपनी योजना के हिस्से के रूप में, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की 20 कंपनियों के साथ 2.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित किए। इन समझौता ज्ञापनों पर सौर, पवन ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज, इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में हरित ऊर्जा उपकरण के निर्माताओं के साथ हस्ताक्षर किए गए। अडानी, ग्रीनको, रीन्यू, कॉन्टिनम, अवाडा, जेबीएम ऑटो, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी ऐसी कुछ कंपनियां थीं जिनके साथ पीएफसी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। पीएफसी भारत में ऊर्जा परिवर्तन का एक अग्रणी फाइनेंसर है और ये समझौता ज्ञापन अपने ऊर्जा संक्रमण पोर्टफोलियो को लगातार बढ़ाने और देश के ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की पीएफसी की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। भारत की G20 अध्यक्षता के तहत ऊर्जा परिवर्तन पर चल रहे विचार-विमर्श की पृष्ठभूमि में यह समझौता ज्ञापन महत्वपूर्ण है।

पीएफसी को प्रतिस्पर्धी दरों पर लंबी अवधि के लिए फंड उपलब्ध कराने और बड़े एक्सपोजर लेने का अनूठा लाभ प्राप्त है। पीएफसी स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में अपतटीय पवन, पंपयुक्त हाइड्रो स्टोरेज, सौर मॉड्यूल और सेल जैसी अन्य परियोजनाओं को वित्त पोषित करना चाहता है।
एक कार्यक्रम में श्रीमतीपरमिंदर चोपड़ा, निदेशक (वित्त) और सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार), पीएफसी, श्री राजीव रंजन झा, निदेशक (परियोजनाएं) और श्री मनोज शर्मा, निदेशक (वाणिज्यिक) की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। गोवा में G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर आयोजित पीएफसी ने हाल ही में रिफाइनरियों, बंदरगाहों, सड़कों, मेट्रो, जैव ईंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में प्रवेश करके अपने ऋण पोर्टफोलियो में विविधता लाई है।

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