रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक -राधिका चीमा

चण्डीगढ़

‘रक्षाबंधन’ के अवसर पर आईकेजे केयर फाउंडेशन(जोकि लोगों के बीच आशा और ख़ुशी को सांझा करती है) के सौजन्य से चण्डीगढ़ में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया। इस मौके पर अनेकों भाई-बहनों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस मौके पर उपस्थित आईकेजे केयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन और जानी-मानी युवा उद्यमी राधिका चीमा ने रक्षाबंधन के इस पावन त्यौहार के महत्व को बताते हुए कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के बीच के पवित्र बंधन को और मजबूत करने वाला पर्व है। रक्षाबंधन का अर्थ ही है रक्षा का बंधन। बहन अपने भाई की कलाई पर ‘राखी’ का पवित्र धागा बांधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करता है। रखाबंधन का त्यौहार आते ही भाई-बहन की पुरानी यादें सब ताजा हो जाती है। क्योंकि यह ऐसा बंधन जो रिश्ते को रिचार्ज कर देता है। रिश्तों को निभाने के लिए धैर्य, समझदारी, अपनापन, प्यार और त्याग की आवश्यकता होती है। बस इस प्यार के बंधन को संजोकर रखने के लिए इन सबको एक माला में पिरोना ही रक्षाबंधन कहलाता है। आज के युग में चाहें हम कितनी ही तरक्की कर लें बस इन त्यौहारों की वजह से हम एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। राखी का त्यौहार प्रेम का प्रतीक है। एक दूसरे से किये हुए वायदें निभाने का प्रतीक है। अपनी भूली बिसरी यादों का तरोताजा करने का दिन है। कुछ नये वायदें कर भाई-बहन के अपनेपन का पवित्र दिन है।


भारतवर्ष अनेक रीति-रिवाजों, संस्कृति और त्यौहारों का देश कहा जाता है। उन्होंने कहा कि त्यौहार हमारे लिए हर बार नया संदेश लेकर आते हैं। आज के आधुनिक युग में दिखावा कुछ ज्यादा हो गया, इससे बचें। केवल रेशम की डोरी बांधने से रक्षाबंधन नही हो जाता बल्कि उसमें प्यार की मिठास जरूरी है, यही तो प्यार का प्रतीक है।

बता दें, आईकेजे केयर फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बच्चें को दृढ़ता, प्रतिबद्धता, परिश्रम से शिक्षित करना, सामाजिक जागरूक समाज का निर्माण करना, लड़कियों और महिलाओं में नौकरी उन्मुख केरियर कौशल विकसित करना, गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों के इलाज में मदद करना, आसपास के लोगों को जागरूक और शिक्षित करना, स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देना इत्यादि।

बता दें, आईकेजे केयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन राधिका चीमा सदैव सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। इनकी रूचि और कौशल को देख इन्हें स्वच्छ भारत अभियान (अंबाला) का ब्रांड अंबेस्डर भी बनाया गया। वे जिला युवा विकास संगठन (महिला ईकाई) की अध्यक्ष भी हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (आईएचआरओ) के हरियाणा प्रदेश की अध्यक्ष के पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। जिसके अंतर्गत उन्होंने लड़कियों और महिलाओं के कौशल को भी बढ़ावा दिया। पर्यावरण सरंक्षण में भी अपना अहम योगदान देते हुए सघन वृक्षारोपण, पौधों का वितरण एवं पॉलीथिन मुक्त अंबाला मुहीम भी चलाई। कोरोना काल के दौरान जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन, दवाईयां, मास्क और अन्य आवश्यक चीजें वितरित करने के लिए संस्था ने प्रसाशन के सहयोग के साथ-साथ अन्य संस्थाओं को आर्थिक सहयोग किया। राधिका चीमा को महिला सशक्तिकरण के अग्रणी मिसाल के रूप में भी जाना व पहचाना जाता है। बहुत ही प्रतिष्ठित हस्तियों ने इनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों की सराहना की है। इसे अतिरिक्त इन्हें विभिन्न समारोहों में विशेष तौर पर सम्मानित भी किया जा चुका है।

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