नई दिल्ली
तेल एवं गैस विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को लगातार दूसरी तिमाही में घाटा हुआ है। तीनों कंपनियों को वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में कुल 2,748.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।तीनों कंपनियों ने बताया कि यह नुकसान पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी पर विपणन मार्जिन में गिरावट की वजह से हुआ है।सरकार ने एलपीजी के लिए इन कंपनियों को एकमुश्त 22,000 करोड़ रुपये के सरकारी अनुदान से नुकसान कम हुआ, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सका है। सरकार ने आईओसी को दूसरी तिमाही के बाद एलपीजी सब्सिडी के लिए 10,800 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, एचपीसीएल को 5,617 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ। बीपीसीएल को 5,582 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान मिला है। पिछले दो साल में रसोई गैस को लागत से कम दरों पर बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने इन कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया है, जिससे उनका नुकसान कम हुआ है।
बीपीसीएल का घाटा जुलाई-सितंबर तिमाही में 304.17 करोड़ रुपये रहा, जबकि पहली तिमाही में 6,263.05 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एक अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इन तीनों कंपनियों का संयुक्त घाटा 21,201.18 करोड़ रुपये रहा।
आईओसी को 30 सितंबर को समाप्त जुलाई-सितंबर तिमाही में 272.35 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, पहली तिमाही में 1,995.3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
एचपीसीएल को दूसरी तिमाही में 2,172.14 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि पहली तिमाही में 10,196.94 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।