केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अडानी विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्षी दल कांग्रेस की मांग अनावश्यक है। लोगों को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जो आरोप अडानी समूह पर लगाए गए हैं उनकी जांच के लिए देश की न्यायपालिका पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि आपको पता है सुप्रीम कोर्ट इस मामले की फिलहाल जांच कर रहा है। शाह ने ये बात इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में कही।
मोदी सरकार और अडानी समूह के बीच गठजोड़ को लेकर शाह ने कहा कि उन्हें और उनकी सरकार को इसे लेकर कोई भ्रम नहीं है, सरकार जांच में पूरा सहयोग कर रही है। उन्हें देश की न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है और ये भरोसा विपक्ष को भी जताना चाहिए।
संसद में बोलने का होता है नियम-
संसद में राहुल गांधी को न बोलने देने पर अमित शाह ने कहा कि संसद में बोलने का एक नियम होता है उसी पालन हम सब करते हैं। ये नियम हमने नहीं बनाए हैं वो कांग्रेस के समय से ही चलते आ रहे हैं। आप संसद में ऐसे ही कभी भी खड़े होकर नहीं बोल सकते। आप अपने लिए समय लेकर ऐसा कर सकते हैं।
वहीं भाजपा और कांग्रेस के बीच लगातार टकराव और विरोध के कारण संसद की कार्यवाही रुकी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इस मामले पर बात करने और किसी सहमति पर पहुंचने के लिए राजी हो जाता है, तो संसद काम करना शुरू कर सकती है।
भले ही हम विपक्ष से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, इसलिए हमें उनसे दूसरे तरीके से बात करनी होगी। उन्हें संसद में खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की अनुमति है।
हम विपक्ष से बातचीत करने को तैयार- शाह
लंदन में राहुल गांधी की टिप्पणी और संसद में अडाणी समूह के मुद्दे के उछलने के कारण संसद के दोनों सदनों को 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस पर अमित शाह का कहना है कि विपक्ष सदन के स्पीकर से बात कर संसद की कारवाई को दोनों दलों की बातचीत के लिए फिर से शुरु करा सकता है। वो दो कदम आगे आएंगे तो हम भी दो कदम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने हमसे बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है और वो लगातार इस मुद्दे पर सिर्फ मीडिया से ही बातें कर रहे हैं।