बिन मौसम बरसात का ये दौर!

मंगलवार को वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कहा, कि भारत के एक बड़े हिस्से में बारिश का दौरा असामान्य है, लेकिन इसकी वजह से भूमि ठंडी होने से मानसून के आगमन में देरी नहीं होगी। भारतीय मानसून भूमि और हिंद महासागर के तापमान तथा दबाव के अंतर से संचालित होती है। गर्मियों के महीने में भूमि गर्म हो जाती है, जिससे दबाव का क्षेत्र बढ़ जाता है और ये दवाब क्षेत्र समुद्र से हवा को खींचता है, जिसके कारण बारिश होती है।

ऐसी चिंता जताई जा रही ह, कि लंबे समय होने वाली इस बारिश के कारण भूमि ठंडी हो जाएगी, जिसके कारण कम दबाव वाले क्षेत्र को कमजोर हो सकते हैं और इससे समुद्र में नमी से भरी हवा को खींचने वाले बल में भी कमी आएगी। जिसके कारण मानसून की बारिश के आगमन में देरी हो सकती है, भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 दिनों से पूरे भारत में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे उतर बना हुआ है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र का कहना है, कि बारिश के इस दौर का मानसून पर कोई खास असर नहीं होगा क्योंकि भूमि के गर्म होने के लिए अभी समय है।

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