भारत के डिजिटल भविष्य के निर्माण की दिशा में सशक्त कदम उठाते हुए, देश की प्रमुख निर्माण और परियोजना प्रबंधन कंपनी एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने महरौली, नई दिल्ली में अपने मौजूदा 40 एकड़ के परिसर में रिहायशी और गैर-रिहायशी भवनों सहित डेटा सेंटर के निर्माण के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो हर मायने में प्रतिष्ठित परिसर होगा। इस परियोजना का निष्पादन लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। समझौता ज्ञापन पर डॉ. राजकुमार उपाध्याय, सीईओ (सी-डॉट) और श्री प्रदीप शर्मा, कार्यपालक निदेशक (व्यापार प्रसार), एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड द्वारा औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए।
यह विशाल परिसर लगभग 53,000 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्रफल में प्रौद्योगिकी, संधारणीयता और नवोन्मेष का शानदार इकोसिस्टम होगा। प्रेरणा जागृत करने और भारत की प्रौद्योगिकी कौशल को मूर्त रूप देने के लिए डिज़ाइन किए गए इस आगामी अवसंरचना में उच्च प्रदर्शन वाला डेटा सेंटर और एनओसी ब्लॉक, आकर्षक तकनीकी टावर, एकीकृत छात्रावास सुविधाओं वाला विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र, सामाजिक सुविधाओं से युक्त स्टाफ के लिए आवास, मनोरंजन क्षेत्र और स्मार्ट रिसेप्शन तथा सुरक्षा नोड शामिल होगा।
एनबीसीसी इस महत्वपूर्ण सहयोग के भाग के रूप में परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता के रूप में परियोजना का नेतृत्व करेगा, जिसमें मास्टर प्लानिंग और डिज़ाइन से लेकर निष्पादन तक, पर्यवेक्षण, सांविधिक अनुमोदन प्राप्त करना आदि कार्य शामिल होंगे। प्रतिस्पर्धी बोली और वार्ता प्रक्रिया के बाद एनबीसीसी का चयन पीएमसी के रूप में किया गया। संपूर्ण परियोजना को आवश्यक अनुमोदन एवं अनापत्ति प्राप्त होने के बाद 36 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस साझेदारी को जो चीज अनूठा बनाती है, वह सिर्फ इसकी व्यापकता नहीं है, बल्कि इसका आशय है। तकनीकी ब्लॉक और डेटा सेंटर के वास्तुशिल्पीय कौशल के एक विशिष्ट स्काइलाइन एलीमेंट बन जाने की परिकल्पना की गई है, जिसमें संभवतः संरचना के शीर्ष पर सी-डॉट का लोगो भी शामिल होगा, जो भारत के डिजिटल सपनों का प्रतीक होगा। यह डिज़ाइन भावी वर्टिकल विस्तार में सहायक होगा तथा डायनेमिक कनेक्शन का अन्वेषण करेगा, जिसमें मौजूदा सुविधाओं के साथ निर्बाध रूप से जुड़ने के लिए स्काईवॉक भी शामिल है। हरित विशेषताएं और बुद्धिमत्तापूर्ण अभिन्यास, एक तरह से रूप और प्रकार्य को साथ लाएंगे जो डिजिटल इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत के युग में भारत की आकांक्षाओं को मूर्त रूप प्रदान करेगा।
यह मेगा विकास मात्र निर्माण परियोजना ही नहीं है, यह नए नवोन्मेष स्थल का जन्म है, जो विजन, इंजीनियरी उत्कृष्टता और राष्ट्रीय उद्देश्य का मिश्रण है। एनबीसीसी के बेमिसाल ट्रैक रिकॉर्ड और सी-डॉट की अग्रणी प्रौद्योगिकियों की विरासत के साथ, यह परियोजना संस्थागत अवसंरचना में नया मानदंड स्थापित करने के लिए तैयार है।