एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड, दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में ढाका परिसर में महत्वाकांक्षी नए छात्रावास सह आवासीय ब्लॉक का कार्य आरंभ करेगा। इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस पहल के तहत 370 करोड़ रुपये से अधिक की संस्वीकृत लागत वाली यह महत्वपूर्ण परियोजना, एक संपन्न शैक्षिक समुदाय के लिए उन्नत सुविधाओं, पर्यावरण अनुकूल डिज़ाइन और समावेशी सुविधाओं के संयोजन द्वारा परिसर के जीवन-स्तर को रूपांतरित करने का वादा करती है।
इस परियोजना को आरंभ करने के लिए औपचारिक भूमि पूजन 29 सितंबर, 2025 को हुआ। इस अवसर पर प्रोफेसर योगेश सिंह, माननीय कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय; डॉ. विकास गुप्ता, रजिस्ट्रार, दिल्ली विश्वविद्यालय; प्रोफेसर बलराम पाणि, डीन ऑफ कॉलेजस; प्रोफेसर रजनी अब्बी, निदेशक, साउथ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय; श्री के.पी. महादेवास्वामी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनबीसीसी; श्री सलीम अहमद, निदेशक (परियोजनाएं), एनबीसीसी; श्री राजीव कुमार, मुख्य महाप्रबंधक सहित कई गण्यमान्य जन और दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा विशिष्ट अतिथिगण भी उपस्थित रहे।
पुरुष और महिलाओं के लिए दो समर्पित ब्लॉकों में 1,400 से अधिक छात्रों की आवासीय क्षमता वाला यह परिसर विभिन्न आवासीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एकल, ट्रिपल, विवाहित एन सुइट और मास्टर अपार्टमेंट सहित कई आवास उपलब्ध कराएगा। लगभग 70,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली यह इमारत 7.28 एकड़ की साइट पर स्थित है, जिसमें 20% हरित भूपरिदृश्य है तथा यह 400 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग स्थान प्रदान करता है। संधारणीयता के उच्चतम मानकों के अनुरूप, इस परिसर को 3-स्टार गृहा ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्राप्त हुई है, जिसमें वर्षा जल संचयन, 55 केडब्ल्यूपी की रूफटॉप सोलर संस्थापना, 10 ईवी चार्जिंग स्टेशन और एकीकृत ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियाँ शामिल हैं। समग्र छात्र विकास के लिए डिज़ाइन की गई इस सुविधा में विशाल भोजन कक्ष, इनडोर मनोरंजन क्षेत्र, पुस्तकालय और कंप्यूटर कक्ष, लॉन्डरी और उपयोगिता सेवाएं तथा संकाय और विवाहित छात्रों के लिए अलग-अलग सुविधाएं शामिल हैं।
ढाका परिसर में छात्रावास सह आवासीय ब्लॉक, परिसर आवास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करता है, जो एक ओर जहाँ भारत में रहने वाले छात्रों के लिए एक नया मानक स्थापित करता है वहीं दूसरी ओर नवोन्मेष, संधारणीयता और उच्चतर शिक्षा के भविष्य के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय और एनबीसीसी की साझा प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है।