पीएण्डवजी इंडिया और सेंटर फॉर सिविल सोसायटी ने‘वूमन इन स्टेम कारवां’ रोड शो को हरी झंडी दिखाई

नई दिल्ली

प्रॉक्टर एंड गैम्बोल इंडिया (पीएण्डसजी इंडिया) ने 11 फरवरी को अपनी तरह के पहले रोड शो ‘वूमन इन स्टेलम कारवां’ को हरी झंडी दिखाई। इस रोड शो का आयोजन कई शहरों में किया जाएगा। इसमें साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथेमैटिक्स (स्टेम) से जुड़े उद्यमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया। इस रोड शो को जी20 आयोजनों के तहत आधिकारिक मान्यता मिली है और इसकी शुरुआत नई दिल्ली में इंटरनेशनल डे फॉर वूमन एण्ड गर्ल्स इन साइंस पर एक बेहतरीन ‘वूमन इन स्टेहम: पॉलिसी, प्रैक्टिस एण्ड  इंटरवेंशन्सफ’ गोलमेज सम्मे‍लन के साथ हुई। यह सम्मेलन स्टेडियम के अवसरों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिये नीतिगत प्रावधानों, जमीनी स्‍तर की सच्चाइयों, कॉर्पोरेट्स की भूमिका और प्रत्यक्ष हस्त्क्षेपों पर केन्द्रित था।

इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा प्रतिष्ठित पेशेवर एक साथ आए, जिनमें नीति-निर्माता, व्यवसायी, शिक्षाविद और निवेशक शामिल थे और उन्होंने उन सभी तरीकों पर चर्चा की, जिनसे सही मध्य,स्थेताओं, नीतियों में जरूरी सुधारों और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के कार्यान्वयन द्वारा स्टेेम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को मजबूती दी जा सकती है। सम्मेलन में मौजूद पदाधिकारियों में पीएण्डाजी इंडिया, सेंटर फॉर सिविल सोसायटी, शिक्षा मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और नीति आयोग के प्रतिनिधि शामिल थे। यह चर्चा महत्वपूर्ण विषय क्षेत्रों के इर्द-गिर्द रही, जैसे कि नीतिगत उपायों के माध्य म से स्टेिम कॅरियर्स में महिलाओं का प्रवेश संभव बनाना, विभिन्न  क्षेत्रों में स्टेदम में महिलाओं की वर्तमान सच्चा ई पर जमीनी-स्त र की सूचनाएं और सरकार तथा व्यावसायों के वे हस्तषक्षेप, जो कि अगले 5 वर्षों में स्टेाम में महिलाओं के प्रवेश और बने रहने को आसान बना सकते हैं।

इस सम्मेलन के दौरान पीएण्डाजी इंडिया और सेंटर फॉर सिविल सोसायटी ने नालागढ़, हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्री यल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में कोर्स कर रहीं लड़कियों को पीएंडजी शिक्षा बेटियाँ स्कॉलरशिप भी दी। अपने अगले चरण में यह कारवां अब हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में जाएगा, जहाँ पीएण्ड‍जी शिक्षा बेटियाँ स्कॉलरशिप के तहत ऐसी और भी लड़कियों को छात्रवृत्तियां दी जाएंगी, जोकि स्टे म के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिये विभिन्न कोर्सेस कर रही हैं।

इस अवसर पर पीएण्डभजी इंडिया के एमडी एवं सीईओ एल. वी. वैद्यनाथन ने कहा, “पीएण्डोजी में हमें ऐसी दुनिया बनाने में मदद करने पर यकीन है, जहाँ पीएण्ड जी के भीतर और बाहर सभी के लिये बराबरी और समावेश को हासिल किया जा सके। डेटा से पता चलता है कि भारत में स्टे्म के कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्वस केवल 14% है। स्टेभम के पाठ्यक्रम में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्वर लगातार कम बना हुआ है, जिससे उत्पावदन, इंजीनियरिंग और टेक्नोालॉजी की भूमिकाओं में उनका प्रतिनिधित्वन कम होता है। इसका कारण अक्सेर वे रूढ़ियाँ और भेदभाव होते हैं, जोकि महिलाओं को स्टेओम में कॅरियर्स बनाने और आगे बढ़ने से रोकते हैं। हमने पिछले साल पीएण्डिजी शिक्षा बेटियाँ स्कॉलरशिप प्रोग्राम लॉन्चम किया था, जिसका लक्ष्यस था उन लड़कियों के लिये बाधाओं को तोड़ना, जोकि स्टेँम में कॅरियर बनाना चाहती हैं और इसमें हमने सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के साथ भागीदारी की थी। इस साल हमने अपने स्कॉलरशिप प्रोग्राम का दायरा बढ़ाया है, ताकि ज्यादा लड़कियों तक पहुँच बना सके और हम ‘वूमन इन स्टेगम कारवां’ में ज्यादा सार्थक संवाद के लिये साथ आकर खुश हैं, ताकि प्रगति पर विमर्श हो सके और ज्यादा लड़कियों को स्टेंम शिक्षा लेने के लिये प्रेरित किया जा सके।”

सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी संपत गोयल ने कहा,“स्टेिम के क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति‍निधि त्वय की जरूरत को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहा जा सकता। देश के विकास में टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति की महत्व‍पूर्ण भूमिका के साथ, महिलाओं की भागीदारी उन संभावनाओं में विविधता को बढ़ाती है, जो मौलिकता, नवाचार और क्षमता को प्रेरित करती हैं। इन क्षेत्रों में पेशेवर तरक्की और उपलब्धि की संभावना को देखते हुए, हमें इन फायदेमंद पदों पर आने में महिलाओं को सहयोग देने और इस प्रक्रिया में उन्‍हें सशक्त करने की जरूरत है।”

सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के साथ भागीदारी में पीएण्डनजी इंडिया लड़ेकियों के लिये स्टेकम में करियर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए कंपनी अपनी प्रमुख सीएसआर पहल पीएण्डडजी शिक्षा के तहत ‘पीएण्ड जी शिक्षा बेटियाँ स्कॉ लरशिप’ प्रोग्राम के माध्य‍म से स्टेबम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में शिक्षा लेने की आकांक्षा रखने वाली लड़कियों को वित्ती’य सहायता एवं संरक्षण प्रदान करती है। यह प्रोग्राम बाधाओं को तोड़ने और कुशल महिला पेशेवरों का उत्पादन, टेक्नो लॉजी, इंजीनियरिंग तथा स्टेम से जुड़ी दूसरी नौकरियों में प्रवेश संभव बनाने के लक्ष्य के साथ अब तक सैकड़ों महिलाओं को सहयोग दे चुका है।

इसके अलावा, कंपनी का स्किन केयर ब्राण्डा ओले अपनी ‘स्टेकम द गैप’ पहल के साथ स्टे म कॅरियर्स में लैंगिक अंतर को कम करने के लिये काम कर रहा है, जिसके लिये उन भेदभावों और रूढि़यों पर रोशनी डाली जाती है, जो प्रगति को रोकती हैं और जिसके द्वारा लड़कियों में स्टेेम विषयों पर रुचि और रोमांच  जगाया जाता है। पीएण्डगजी इंडिया की एनआईटीआईई के साथ भी लंबे समय की भागीदारी है और कंपनी ऐसे मुद्दों पर बातचीत को बढ़ावा देने के लिये वार्षिक ‘पीएण्डलजी-एनआईटीआईई इवैे म लिटी समिट’ का आयोजन करती है, ताकि उन मुद्दों पर संवाद को बढ़ावा दिया जा सके जोकि महिलाओं के लिए सीमायें तय करते हैं। आयोजन की मदद से गहरी जड़ें जमा चुकी उन रूढ़ियों का खुलासा किया जाता है, जो अब भी मौजूद हैं और उस बदलाव को प्रेरित किया जाता  है, जोकि‍ स्टेमम और आपूर्ति श्रृंखला में खासकर महिलाओं की समान भागीदारी से जुड़ा है।

पीएण्डडजी शिक्षा के विषय में : 2005 में लॉन्चू ‘पीएण्डमजी शिक्षा’ कंपनी की प्रमुख सीएसआर पहल है, जो संपूर्ण शैक्षणिक हस्तक्षेप के माध्यम से सुविधाहीन बच्चों को सम्पू‍र्ण शिक्षा  उपलब्ध कराने पर ध्यान केन्द्रित करती है। पिछले कुछ समय में पीएण्डमजी शिक्षा एक समग्र शिक्षा कार्यक्रम के रूप में विकसित हुई है, जिसका लक्ष्यै बच्चों  की पढ़ाई के परिणाम में सुधार लाना, शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को मजबूती देना और हाशिये पर खड़ी लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्ता करना है।

प्रॉक्टर एंड गैम्ब्ल के विषय में:

पी एंड जी विक्सल®, एरियल®, टाइड®, व्हिस्पलर®, ओले®, जिलेट®, वीनस®,  एम्बिप्योणर®, पैम्पलर्स®, पैंटीन®, ओरल-बी®, हेड एण्डस शोल्डर्स®, हर्बल एसेंसेस® और ओल्ड  स्पा इस® समेत भरोसेमंद, अच्छी गुणवत्ता‍ के और अग्रणी ब्रांड सब के सबसे मजबूत में से एक पोर्टफोलियो के साथ भारत में उपभोक्ताओं को सेवा देती है। पीएण्डेजी इंडिया और इसके ब्राण्ड्सल की ताजातरीन खबरों और गहन जानकारी के लिये कृपया in.pg.com देखें।

सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के विषय में:

सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस)एक गैर-लाभकारी विचार मंच है, जो नई दिल्ली  में स्थित है। इसकी स्थापना 1997 में यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के भूतपूर्व प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्सी, डॉ. पार्थ जे. शाह ने की थी। यह एक स्वतंत्र शिक्षा संस्थान  के रूप में काम करता है। 2021 ग्लोबल गो टू थिंक टैंक इंडेक्स रिपोर्ट(थिंक टैक्सी एण्डं सिविल सोसायटी प्रोग्राम, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया) के अनुसार सीसीएस को भारत में 5वां और विश्व में 83वां स्थान प्राप्त हुआ था।

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