एनबीसीसी छत्तीसगढ़ में एकलव्य मॉडल रिहायशी विद्यालयों का निर्माण कार्य निष्पादित करेगा

एनबीसीसी को छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर एकलव्य मॉडल रिहायशी विद्यालयों के निर्माण का कार्य सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदान की गई इस परियोजना का मूल्य लगभग 459.60 करोड़ रुपये है।

इस पहल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए समावेशी वातावरण को बढ़ावा देते हुए उनके शैक्षिक अवसंरचना को सुदृढ़ करना है। कार्यनीतिक रूप से चिह्‌नित  स्थानों पर विद्यालय स्थापित किए जाएंगे जिनमें बस्तर (लोहंडीगुड़ादरभाबस्तानार)सुकमा (छिंदगढ़)दंतेवाड़ा (गीदमकटेकल्याण)नारायणपुर (ओरछा)राजनंदगांव (मोहला) और जशपुर (जशपुरमनोरा) शामिल हैं।

एकलव्य मॉडल रिहायशी विद्यालयों में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो अनुकूल शिक्षण वातावरण प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई हैं। प्रत्येक विद्यालय में आधुनिक कक्षाएँ और सुविधाएँ उपलब्ध होंगीसाथ ही वार्डन निवास सहित लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास होंगे। अतिरिक्त सुविधाओं में रसोई और भोजन कक्षआगंतुकों के लिए अतिथि गृहप्रधानाचार्यों के लिए निवासटाइप III और टाइप II श्रेणियों में स्टाफ  क्वार्टर्स  और जल अवसंरचना को सहायता देने के लिए पंप कक्ष शामिल हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों दोनों के लिए समान रूप से समग्र और सहायक वातावरण सुनिश्चित करना है।संधारणीय विकास के प्रति एनबीसीसी की प्रतिबद्धता के अनुरूपइस परियोजना में विभिन्न पर्यावरण-अनुकूल तत्वों को शामिल किया गया है। भूजल स्तर में वृद्धि करने हेतु रिचार्ज पिट्स संस्थापित किए जाएंगेजबकि सौर ऊर्जा संयंत्र और सौर जल हीटर्सनवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देंगे। रसोई अपशिष्ट निपटान इकाइयां और कम्पोस्ट पिट्सअपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकताओं को पूरा करेंगेसाथ ही उचित अपशिष्ट पृथक्करण के लिए कार्यनीतिक रूप से रखे गए डस्टबिन्स भी इसमें सहायक होंगे। कार्बन फुटप्रिंट को न्यूनतम करने के लिए सौर स्ट्रीट लाइटें संस्थापित की जाएंगी तथा जल संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने के लिए वर्षा जल निकासी नेटवर्कों  सहित वर्षा जल संचयन प्रणालियां कार्यान्वित की जाएंगी। विद्यालयों में पर्यावरण अनुकूल वाहित मल (सीवेज) प्रणाली भी होगी।

यह परियोजना जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और भारत के भावी लीडर्स के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। बड़े पैमाने वाली अवसंरचना परियोजनाओं की सुपुर्दगी करने में एनबीसीसी की प्रमाणित विशेषज्ञता, इस पहल के उच्च गुणवत्ता वाले निष्पादन को सुनिश्चित करेगी।