सांस्कृतिक क्रांति चरम पर है। राष्ट्रीय राजधानी की कलात्मक केंद्रबिंदु को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग की शुरुआत की गई है, एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) ने नई दिल्ली के प्रतिष्ठित सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम परिसर को अगली पीढ़ी के सांस्कृतिक और सिनेमाई पावरहाउस में रूपांतरित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह महत्वाकांक्षी बदलाव भारत की समृद्ध रचनात्मक विरासत को विश्व-स्तरीय अवसंरचना के साथ जोड़ेगा, जिससे राष्ट्र की सांस्कृतिक गाथा में एक जीवंत नया अध्याय जुड़ेगा। दक्षिण दिल्ली के केंद्र में स्थित और 5.5 एकड़ में फैला सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम चार दशकों से अधिक समय से भारत की कलात्मक और सिनेमाई अभिव्यक्ति का केंद्रबिंदु रहा है। वर्ष 1982 में एशियाड के दौरान निर्मित इस चार प्रेक्षागृह और 2,600 से अधिक लोगों की संयुक्त क्षमता वाली बैठक व्यवस्था वाले इस परिसर में वैश्विक फिल्म समारोहों और संगीत समारोहों से लेकर उच्चस्तरीय सार्वजनिक विमर्श तक सबका आयोजन हुआ है।
अपने भव्य नए अवतार में, इस परिसर को एक जीवंत सांस्कृतिक स्थल के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो कई रचनात्मक क्षेत्रों को सहजता से एकीकृत करता है। प्रदर्शन और रंगमंच स्थल, स्थान के सांस्कृतिक केंद्रबिंदु के रूप में काम करेगा, जो बड़े पैमाने पर प्रस्तुतियों, संगीत समारोहों और त्यौहारों की मेजबानी करने में सक्षम होगा। भारतीय फिल्म एवं मीडिया हब स्क्रीनिंग, प्रदर्शनियों और पुरालेखीय कहानियों के माध्यम से सिनेमा का प्रचार करेगा। सम्मेलन और संवाद फोरम नीतिगत शिखर सम्मेलनों, संगोष्ठियों और बौद्धिक आदान-प्रदान के लिए मंच के रूप में कार्य करेगा, जबकि कला और संस्कृति क्षेत्र दृश्य कला, मूर्तिकला और प्रतिष्ठानों के लिए चयनित स्थान प्रदान करेगा।
आगंतुकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए एक पाककला प्लाजा होगा जो भारत के क्षेत्रीय व्यंजनों को प्रदर्शित करेगा, एक सांस्कृतिक बाज़ार और खुदरा क्षेत्र होगा, जिसमें कारीगरों के उत्पाद और पुस्तक मेले उपलब्ध होंगे तथा एक इमर्सिव हेरिटेज गैलरी होगी, जिसमें भारत के इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
पुनर्निर्मित सिरी फोर्ट में कुशल प्रकाश व्यवस्था, गतिक मंच वास्तुकला, इमर्सिव ऑडियो-विजुअल सेटअप, हाई-स्पीड डिजिटल कनेक्टिविटी और सार्वभौमिक पहुंच भी शामिल होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि यह दुनिया के शीर्ष सांस्कृतिक स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।
प्रस्तावित डिज़ाइन के तहत, सिरी फोर्ट का निर्मित क्षेत्रफल लगभग 20,000 वर्ग मीटर से अधिक तक विस्तारित होगा, जिसमें अधिकतम स्वीकार्य भवन की ऊंचाई 26 मीटर होगी। यह सुविधा 1.2 के फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के भीतर विकसित की जाएगी और एलईईडी, आईजीबीसी और गृहा जैसे अंतर्राष्ट्रीय हरित भवन मानदंडों के अनुरूप होगी, जो संधारणीय वास्तुकला और जलवायु उत्तरदायित्व के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एनबीसीसी परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता (पीएमसी) के रूप में परियोजना का संचालन करेगा तथा मास्टर प्लानिंग और वास्तुशिल्प डिज़ाइन से लेकर सांविधिक अनुमोदन, इंजीनियरी, निर्माण और कमीशनिंग तक सभी चरणों की देखरेख करेगा। पुनर्विकास कार्य, डिपोज़िट वर्क के आधार पर किया जाएगा, जिसमें एनएफडीसी द्वारा पीएमसी प्रभार के साथ वास्तविक परियोजना लागत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
एनएफडीसी के एक निर्दिष्ट अधिकारी की अध्यक्षता में एक संयुक्त अधिकार प्राप्त समिति, जिसमें एनएफडीसी और एनबीसीसी दोनों के अधिकारी शामिल होंगे, को परियोजना की समय-सीमा, डिज़ाइन अनुमोदन और समग्र निष्पादन की निगरानी का कार्य सौंपा जाएगा।
जब सिरी फोर्ट में पुन: उद्घाटन किया जाएगा तो यह सिर्फ एक प्रदर्शन की शुरुआत नहीं होगी बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक कल्पना में पुनर्जागरण का अग्रदूत होगा।