विद्युत मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक नईदिल्ली में आयोजित की गई।

विद्युत मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा  मंत्री श्री आर.केसिंह ने की इस बैठक में विद्युत तथा भारी  उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर भी उपस्थित थे संसदीय  सलाहकार समिति की इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों  के माननीय सांसदों ने भाग लिया।

 बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में श्री चंद्रशेखर साहूलोकसभा,श्री दिनेश लाल यादवलोकसभाश्री खगेन मुर्मूलोकसभाश्री महाबली सिंहलोकसभाश्री प्रद्युत बोरदोलोईलोकसभाश्री रितेश पांडेलोकसभाश्री तपन कुमार गोगोईलोकसभाश्री धीरज प्रसाद साहूराज्य सभाश्री रामदास चंद्रभानजी  तडसलोकसभाश्रीमती संगीता कुमारी सिंह देवलोकसभा और श्री बशिष्ठ नारायण सिंहराज्य सभा शामिल थे। बैठक  का विषय भारत में राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड का विकास –  उसका महत्व” था।ट्रांसमिशन प्रणाली बिजली  व्यवस्था का  आधार हैएकीकृत ट्रांसमिशन नेटवर्क की बदौलत कहीं भी बिजली  उत्पन्न की जा सकती है हमारे पास देश में एक  राष्ट्रएक  ग्रिडएक फ्रीक्वेंसीएक  नेशनल लोड डिस्पैच  सेंटर हैजिसके परिणामस्वरूप एक  बाजार है भारत की ट्रांसमिशन  प्रणाली विश्व का प्रमुख एकीकृत ग्रिड है।वर्तमान में देश में  बिजली की खपत 1,400 बिलियन यूनिट है और 2030 तक यह दोगुनी हो जाएगी।इसलिएतदनुसार बिजली  का उत्पादन  बढ़ाने और ट्रांसमिशन क्षमता  को मजबूत बनाने की   आवश्यकता है। इस तरह देश का ट्रांसमिशन तेजी से बढ़ेगा। एकीकृत नेटवर्क (जनरल नेटवर्क एक्सेसके साथ कहीं से भी बिजली खरीदना और बेचना आसान है। सरकार ने नवीकरणीय  ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने के लिए आरई प्रबंधन केंद्र भी खोले हैं। हमने पारदर्शिता और  समान अवसर के लिए  सेंट्रल  ट्रांसमिशन यूटिलिटी (सीटीयूका सृजन किया है।माननीय  सांसदों कोभारत में राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड का विकास – उसका  महत्व’ के संबंध में किए जा रहे विभिन्न सुधारों और उपायों के बारे में सूचित करने के लिए अध्यक्षसीईए की ओर से प्रस्तुति दी गई।

भारत सरकार ने देश में राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड के विकास के लिए विविध कदम उठाए हैं।इनमें राष्ट्रीय ग्रिड का  विकास और वृद्धिराष्ट्रीय ग्रिड के लाभ और विकासराष्ट्रीय ग्रिड की योजनाआरई एकीकरण में राष्ट्रीय ग्रिड का महत्वआरई को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधार और लोड डिस्पैच सेंटर द्वारा ग्रिड प्रबंधन शामिल हैं।क्षेत्रीय ग्रिडों को दिसंबर  2013 तक  जोड़कर  राष्ट्रीय ग्रिड बनाया गया था। सुदूर लेह क्षेत्र को जनवरी  2019  में 220 केवी श्रीनगरलेह ट्रांसमिशन सिस्टम  के माध्यम  से  राष्ट्रीय  ग्रिड से जोड़ा गया था। 2014-15 से नेशनल ग्रिड  ट्रांसमिशन सिस्टम में 1,71,149 सीकेएम की ट्रांसमिशन  लाइन जोड़ी गई है और 2014-15 से उसमें 6,03,916  एमवीए की ट्रांसमिशन क्षमता को जोड़ा गया है। वर्तमान में राष्ट्रीय ग्रिड की स्थापित क्षमता 404 गीगावॉट है और पूरी की जाने वाली अधिकतम मांग 216 गीगावॉट है। राष्ट्रीय ग्रिड ने  1200 केवी अल्ट्रा हाई वोल्टेज एसी सिस्टमआरओडब्ल्यू को कम करने के लिए टॉवर डिजाइनऐप आधारित पेट्रोलिंगहॉट लाइन का रखरखावलैस लैंड रीजन् के लिए ट्यूबलर पोल  और रखरखाव के लिए गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआईएसजैसी कई प्रौद्योगिकियों को अपनाया है। ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर  और  अंतरक्षेत्रीय ट्रांसमिशन क्षमता में  वृद्धि के साथट्रांसमिशन  नेटवर्क में संकुलन से राहत मिली है। साथ हीइसने कीमतों में कमी के साथ ओपन एक्सेस लेनदेन को भी बढ़ावा दिया है।गैरजीवाश्म ईंधन ऊर्जा के  एकीकरण के लिए उठाए गए कदमों में हरित ऊर्जा गलियारों का कार्यान्वयन करनाअल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा पार्कों के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली, 2022 तक 66.5 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के लिए  ट्रांसमिशन प्रणालीआरई उत्पादन की विषमता और अनिश्चितता को दूर करने के लिए 13 आरई प्रबंधन केंद्रों (आरईएमसीकी स्थापना, 2026-27 तक अतिरिक्त 52 गीगावाट संभावित आरईजेड के एकीकरण के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली की योजना तैयार करना, 2030 तक अतिरिक् 181.5  गीगावाट आरईएस के लिए ट्रांसमिशन योजनाओं की योजना  बनाना और क्रमिक रूप से इसका कार्यान्वयन किया जाना  शामिल है 

पावरग्रिड द्वारा 5 राज्यों में 7 सौर पार्कों (6500 मेगावाटके लिए ट्रांसमिशन प्रणाली कार्यान्वित की गई हैजिसमें लगभग 1870 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें और 1,3500 एमवीए ट्रांसमिशन क्षमता वाले 5 सबस्टेशन शामिल हैं। नवीकरणीय ऊर्जा के  एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधारों में सौर और पवन ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली के ट्रांसमिशन पर अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन शुल्क की छूटमौजूदा पीपीए के तहत तापीयहाइड्रो ऊर्जा के साथ नवीकरणीय ऊर्जा को जोड़नाग्रीन टर्मअहेड मार्केट (जीटीएएम)आरई जनरेशन प्रोजेक्ट तक आसान पहुंच– जनरल नेटवर्क एक्सेस शामिल है।

पोसोको द्वारा ग्रिड प्रबंधन के परिचालन क्षेत्रों में नेशनल ओपन एक्सेस रजिस्ट्री (एनओएआरहैं। एनओएआर पारदर्शी तरीके  से ग्रीन ओपन एक्सेस की सुविधा प्रदान करेगा और एसएलडीसी के साथ एकीकरण भी प्रगति पर है।ट्रांसमिशन क्षेत्र में हाल  में किए गए सुधार के उपायों के अंतर्गत पारदर्शिता लाने और  सभी ट्रांसमिशन डेवलपर्स के लिए समान अवसर उपलब्  कराने के लिए सीटीयू को पावरग्रिड से अलग किया गया है।

राष्ट्रीय ग्रिड के भविष्य के लक्ष्यों में आरई के त्रुटिहीन एकीकरण के लिए उत्पादन से पहले ट्रांसमिशनओएसओडब्ल्यूओजी :  वन सनवन वर्ल्डवन ग्रिडग्रीन ओपन एक्सेस को सुगम  बनाना तथा आपूर्ति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना शामिल हैं।माननीय सांसदों ने विद्युत मंत्रालय की ओर से की गई विभिन्न  पहलों और योजनाओं के संबंध में कई सुझाव दिए।