नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने 232 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। टिकट में महिलाओं को अधिक तरजीह दी गई है। जारी सूची में 126 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है। राष्ट्रीय नेतृत्व की संस्तुति के बाद यह सूची जारी की गई है। भाजपा ने अपनी पहली सूची में किसी तरह का खास प्रयोग नहीं किया है। पिछले चुनाव में सभी वार्ड में नये चेहरे को उतारा गया था, लेकिन इस बार वैसे चेहरे को उतारा गया है जिनका अनुभव बेहतर है। मसलन नौ पूर्व मेयर, 52 पूर्व पार्षदों, तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को उतारा गया है। इसके अलावा दो प्रदेश पदाधिकारियों, चार जिला अध्यक्षों के साथ ही तीन डाक्टरों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
सबका साथ सबका विकास के नारे वाली पार्टी ने सभी वर्ग का ख्याल सूची जारी करते वक्त रखा है। कुल 232 उम्मीदवारों की सूची में 23 पंजाबी, 21 वैश्य, 42 ब्राह्मण, 34 जाट, 26 पूर्वांचली, 22 राजपूत, 17 गुर्जर, 13 जाटव, नौ बाल्मीकि, नौ यादव, एक सिंधी, दो उत्तराखंडवासी के साथ ही सात सिख, तीन मुस्लिम व एक जैन समाज के कार्यकर्ता को तरजीह दी है। इसके अलावा पार्टी ने एक बलाई, दो भूमिहार, दो धानक, तीन धोबी, एक कश्यप, एक कायस्थ, दो कोली, एक कुशवाह, एक लोहार, एक सैनी, एक सुनार, दो स्वर्णकार समाज से जुड़े कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि पहली सूची में भाजपा ने समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। इस सूची को देखकर कह सकते हैं कि दिल्ली भाजपा ने समाज के सभी वर्गों से उत्कृष्ट प्रत्याशी छांट कर एमसीडी में जनता की सेवा के लिये समर्पित किया हैं। प्रत्याशी चुनते हुये उनके सेवा भाव के साथ ही विभिन्न रायशुमारी एवं सर्वे में उनकी लोकप्रियता पर भी खासतौर पर ध्यान दिया गया है। पूर्व मेयर व प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि जिस प्रकार दिल्ली की जनता का पिछले 15 सालों से आशीर्वाद मिल रहा है उससे पूर्ण विश्वास है कि दिल्ली भाजपा चौथी बार भी एमसीडी में बहुमत के साथ आएगी और लोगों की सेवा करेगी।
भाजपा की पहली सूची जारी होने के साथ ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। टिकट मिलने से वंचित नेता अब अपने-अपने क्षेत्र के बड़े नेताओं से भी शिकायत भी करने लगे है। पुरुष दावेदारों के नाम कटने से भी आपत्ति दर्ज करा रहे है। उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता इस असंतोष को पाटने में भी जुट गए है। एमसीडी चुनाव में जीत दर्ज करना इस बार भाजपा के लिए बेहद अहम है। आम आदमी पार्टी की बढ़ती रफ्तार को रोकने में भाजपा वह हर दांव चल रही है जिससे चौथी बार एमसीडी में सत्ता बरकरार रहे और आम आदमी पार्टी में लोगों का विश्वास घट रहा है इसे साबित कर सके। हालांकि 15000 दावेदारों को समझाना भाजपा के लिए बेहद कठिन है। बावजूद भाजपा नेता असंतुष्ट दावेदारों को समझाने की जुगत में लगे हुए है और उन्हें पार्टी के संगठन को मजबूत करने की सलाह दे रहे है। उन्हें मनाने के लिए विशेष तौर पर एक कमेटी भी गठित की गई है ताकि वह बतौर बागी चुनाव में नहीं उतरे।
भाजपा की पहली सूची से न केवल दावेदार निराश है बल्कि सांसद, विधायक और प्रदेश पदाधिकारियों को भी निराशा हाथ लगी है। दरअसल सांसद, विधायक और पदाधिकारियों ने जिस उम्मीदवार पर मुहर लगाई थी उसे भी राष्ट्रीय नेतृत्व ने दरकिनार किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की अध्यक्षता में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी बैजयंत जय पांडा, राष्ट्रीय मंत्री और प्रदेश सह-प्रभारी डॉ. अलका गुर्जर के मार्गदर्शन में बैठक हुई। बैठक में प्रदेश चुनाव समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।