नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि ईमानदारी और सच्चरित्र की दुहाई देकर सत्ता में आने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरआत्मा और नैतिकता दम तोड़ चुकी है। उनके मंत्री सत्येंद्र जैन को जेल गए हुए छह महीने होने को आ रहे हैं लेकिन उन्हें केबिनेट से नहीं हटाया गया। नियमानुसार अगर कोई सरकारी कर्मचारी 48 घंटे हिरासत में बिताता है तो उसे नौकरी से निलंबित कर दिया जाता है। अगर उसे जेल भेजा जाता है तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है लेकिन सत्येंद्र जैन छह महीने से दिल्ली के मंत्री बने हुए हैं और अपने वेतन और भत्तों के साथ-साथ सारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। पूरी दुनिया को बेइमान और अपने आपको कट्टर ईमानदार कहने वाले केजरीवाल के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा कोई और उदाहरण नहीं हो सकता। संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता श्री अजय सहरावत व श्री शुभेन्दू शेखर अवस्थी भी उपस्थित थे।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि राजनीति में गिरावट की यह इन्तहा हो चुकी है कि सत्येंद्र जैन न तो खुद इस्तीफा दे रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री उन्हें हटा रहे हैं, वह मंत्री के रूप में पूरा वेतन और भत्ते भी ले रहे हैं। श्री बिधूड़ी ने बताया कि दिल्ली के एक मंत्री को 20 हजार रुपए मासिक वेतन, 18 हजार रुपए मासिक निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता, 4 हजार रुपए मासिक अतिथियों के सत्कार का भत्ता, एक हजार रुपए प्रतिदिन का दैनिक भत्ता, 3000 यूनिट बिजली के बिल का भुगतान, 30 हजार रुपए डेटा ऑपरेटर के और दो अर्दली का न्यूनतम वेतन करीब 32 हजार रुपए लिए दिए जाते हैं। जब वह मंत्री के रूप में कार्य ही नहीं कर रहे और उनके पास कोई विभाग ही नहीं है तो फिर मंत्री के रूप में वेतन का सवाल ही पैदा नही होता। जेल में होने के कारण न तो वह निर्वाचन क्षेत्र में जा रहे हैं और न ही उनके अतिथियों के आने का सवाल है। इसी तरह मंत्री के रूप में एक हजार रुपए का दैनिक भत्ता भी नहीं दिया जाना चाहिए। जब वह जेल में हैं तो फिर डेटा ऑपरेटर और दो अर्दलियों की नियुक्ति का भी प्रश्न नहीं उठता। इस तरह एक मंत्री का खर्चा डेढ़ लाख रुपया मासिक से अधिक बैठता है। सत्येंद्र जैन 6 महीने से जेल में हैं और वह वेतन और भत्तों सहित इन सारी सुविधाओं का भी लाभ उठा रहे हैं। अगर वह काम नहीं कर रहे तो फिर उन्हें वेतन क्यों दिया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने उपराज्यपाल से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करके उचित कार्रवाई करें। 30 मई से सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी हुई थी। उस दिन के बाद उन्होंने जितना वैतन और भत्ते लिए हैं, वे सभी तुरंत वापस लिए जाएं क्योंकि यह दिल्ली के खजाने पर खुला डाका है। यह राजनीतिक सिद्धांतों और नैतिकता का भी खुला उल्लंघन है और दिल्ली के गार्जियन होने के नाते उपराज्यपाल सत्येंद्र जैन को मंत्री के रूप में दी गई तमाम सुविधाएं वापस ले लें।