नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थित सभागार में कल शाम “उद्भव सांस्कृतिक सम्मान समारोह” में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मूर्धन्य वरिष्ठ साहित्यकार, भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री, वर्तमान में सांसद लोकसभा डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” को “उद्भव शिखर सम्मान” से तथा उद्भव सांस्कृतिक सम्मान से पत्रकार राजीव निशाना सहित देश की कई जानी-मानी हस्तियां को अलंकृत किया गया।
“उद्भव” साहित्य एवं संस्कृति के प्रति समर्पित एक ऐसी संस्था है जो विगत 27 वर्षों से निरंतर साहित्य संस्कृति एवं भाषा के उत्थान के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत है।साहित्य, कला, संस्कृति, न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज एवं पत्रकारिता आदि विभिन्न क्षेत्रों की प्रगति में अपना अतुलनीय योगदान देने वाले प्रखर व्यक्तित्वों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु स्थापित उद्भव संस्था भारतीय मनीषा को नमन करते हुए ‘उद्भव शिखर सम्मान एवं उद्भव मानवसेवा सम्मान प्रदान करती है।
इस अवसर पर “उद्भव सांस्कृतिक सम्मान से अलंकृत होने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में महाराष्ट्र के समाजसेवी एवं इंजीनियर मोहन पारा जी आव्हाड, प्राचार्य प्रो. विपिन कुमार अग्रवाल, प्रो. सत्यकेतु सांकृत, इंद्रजीत शर्मा (अमेरिका), शिक्षाविद् डॉ. राजेश्वरी कापड़ी, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमचंद्र भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार, लेखिका शोभना मित्तल, जीवन कौशल विशेषज्ञ चंद्रा पी. डोभाल, वरिष्ठ पत्रकार राजीव निशाना, रोबोटिक सर्जन डॉ. शैलेश गुप्ता, प्रो. इशरत जहाॅं, समाज सेवी ममता सोनी, प्रबंधक एवं शिक्षाविद् संजय पांचाल तथा चिकित्सक डॉ. देश राज सम्मिलित थे।
इस अवसर पर श्री उमापति प्रोफेसर उमापति दीक्षित ने केंद्रीय हिंदी संस्थान से प्रकाशित होने वाली पत्रिका “भावक” के कुंभ विशेषांक की प्रतियां माननीय मंत्री जी को भेंट कीं।इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के भव्य सभागार में कार्यक्रम को गौरवपूर्ण बनाने के लिए मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, महानिदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान उपस्थित थे, वहीं अध्यक्ष के रूप में महामहिम श्री गनबोल दामजेव, भारत में मंगोलिया के राजदूत मंच पर आसीन थे।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. अरुण प्रकाश ढौंडियाल, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् और लेखक डॉ. अशोक पांडेय, गगनांचल पत्रिका के संपादक डॉ. आशीष कंधवे , वरिष्ठ कवि-लेखक शैलेंद्र शैल, दिल्ली विधानसभा में मुख्य सचेतक के विशेष कार्याधिकारी मनजीत सिंह राणा मंच की शोभा बढ़ा रहे थे।अतिथियों के स्वागत का दायित्व सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं कवि चंद्रशेखर आश्री ने निभाया वहीं इस महत्वपूर्ण वैचारिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का संचालन “उद्भव” के अध्यक्ष एवं कवि डॉ. विवेक गौतम ने किया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि साहित्य पीड़ा,
मन स्थिति और स्थिति के बीच के अंतर को रेखांकित करता है तथा साहित्य और संस्कृति की सेवा को उन्होंने मिशन के रूप में लेने का आवाहन किया। बाज़ारवाद के इस दौर में मनुष्यता खोती जा रही है जिसे सिर्फ साहित्य और सांस्कृतिक चेतना से ही बचाया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि साहित्यकार डॉ.विवेक गौतम जैसे निष्ठावान व्यक्ति उद्भव के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो साहित्यिक और सांस्कृतिक काम कर रहे हैं वह रेखांकित किए जाने योग्य है।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि किसी भी कार्य को लगातार 27 वर्षों तक एक निष्ठा के साथ करते रहना इतना सरल नहीं है। यह एक श्रम साध्य काम है जिसे डॉ. विवेक गौतम ने अपनी निष्ठा, साहित्य के प्रति समर्पण और संस्कृति के प्रति चेतना के माध्यम से लगभग 3 दशकों तक निरंतर करते रहने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज आदमी को इंसान बनाने की आवश्यकता है न कि मशीन।
विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ. आशीष कंधवे ने अपने उद्बोधन के माध्यम से डॉ. विवेक गौतम की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि “उद्भव” अपनी सांस्कृतिक और वैचारिक चेतना के कारण आज देश की महत्वपूर्ण साहित्यिक संस्था के रूप में पहचानी जाती है। अनेक उतार-चढ़ाव से होते हुए डॉ. गौतम अपनी निष्ठा और समर्पण की शक्ति से इस कार्य को सार्थक और साकार करते आए हैं। साहित्य निश्चित रूप से समाज में मंगल की कामना करता है और विवेक गौतम उसी मंगल-आशा के प्रतीक हैं ।
प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. अशोक पांडेय ने अपने उद्बोधन में जीवन की अनुभूत सच्चाइयों के महत्व और उनसे उपजी प्रेरणा की ओर संकेत किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल ने डॉ.निशंक को अपना नवीनतम काव्य संग्रह भेंट करते हुए अपने संबोधन के माध्यम से विवेक गौतम तथा उद्भव संस्था और आयोजित सांस्कृतिक सम्मान समारोह के लिए बधाई दी एवं भविष्य में भी इस कार्यक्रम को वह निरंतर जारी रखेंने के लिए शुभकामनाएं दी ।
दिल्ली विधानसभा में मुख्य सचेतक के ओएसडी मंजीत सिंह राणा ने विवेक गौतम और उद्भव संस्था को बधाई देते हुए कहा कि विगत 15 वर्षों में संस्था अपने काम के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में सफल रही है।
साहित्य, संस्कृति और समाज पर केंद्रित इस सम्मान समारोह में डॉ. निशंक ने अपनी कविता पाठ से उपस्थित श्रोताओं को आह्लादित कर दिया।
इस सम्मान समारोह के साक्षी के रूप में देश के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे जिनमें डॉ. ऐश्वर्या झा, डॉ.हर्षवर्धन आर्य ,नीदरलैंड के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मोहन कांत गौतम, लेखिका आभा चौधरी, कवि-संपादक राकेश पांडेय, डॉ. रमेश कुमार बरनवाल, डॉ. महेंद्र प्रजापति, मदन मोहन गौतम,अमोल प्रचेता, एकता गौतम, गगन भारद्वाज, रामचंद्र बडोनी और विजय यादव आदि प्रमुख थे।