एक भारत श्रेष्ठ भारत को उसकी वास्तविक भावना में मनाना:राष्ट्रीय पुस्तक न्यास

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ने 11 दिसंबर 2022 को नई  दिल्ली में अपने मुख्यालय में और साथ ही देश भर के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों, पुस्तक प्रोन्नयन एवं विक्रय केंद्रों में भारतीय भाषा दिवस मनाया।”साझा ज्ञान – साझी परंपरा” विषय पर काशी तमिल संगमम में एक भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें हिंदी और तमिल में बड़ी मात्रा में स्कूल और कॉलेज के छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। छात्रों ने साहित्य और संस्कृति में देश के सभी हिस्सों को एक इकाई के रूप में जोड़ने और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के बारे में बात की।

न्यास के निदेशक श्री युवराज मलिक ने न्यास मुख्यालय, नई  दिल्ली में उपस्थित युवा छात्रों को संबोधित किया और भारतीय भाषा दिवस और सुब्रह्मण्यम भारती की 140वीं जयंती के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने राष्ट्र के विकास, एकता के निर्माण और एक भारत श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए एक सहायता के रूप में कई भाषाओं को जानने के महत्व की बात की। उन्होंने छात्रों को अपनी मातृभाषा पर गर्व करने और अपने साथी देशवासियों के साथ बेहतर संवाद करने के लिए अन्य भारतीय भाषाओं को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।

मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में स्थित न्यास के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ साथ लखनऊ, गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला, कटक, देहरादून, पटना, भोपाल, हैदराबाद और कोच्चि के सभी पुस्तक प्रोन्नयन एवं विक्रय केंद्रों और न्यास के दिल्ली मेट्रो में मौजूद विक्रय केंद्रों में एक से अधिक भाषाओं को जानने के महत्व पर जोर देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने अपनी मातृभाषा और आधिकारिक राज्य भाषा में किताबें पढ़ीं और कहानी सुनाने व कहानी-लेखन प्रतियोगिताओं में भाग लिया

आयोजित गतिविधियों के माध्यम से छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं, जनजातीय भाषाओं की प्रकृति और संरचना, भारत की हर प्रमुख भाषा में आमतौर पर बोले जाने  वाले मुहावरों और वाक्यों के बारे में जानने के साथ-साथ इन भाषाओं के समृद्ध साहित्य के बारे में भी जाना। देश भर में 16 से ज़ादा रा.पु.न्या-भारत के पुस्तक प्रोन्नयन एवं विक्रय केंद्रों में भाषाओं के इस उत्सव में 1000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत, विभिन्न राज्यों में  न्यास के सभी केंद्रों को एक-दूसरे के साथ जोड़ा गया ताकि बातचीत और संवाद को बढ़ाया जा सके। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छात्रों ने वीडियो कॉल के जरिए एक-दूसरे से बातचीत की और एक-दूसरे को अपनी-अपनी भाषा में शब्द सिखाए।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ने अपने मोबाइल प्रदर्शनी वैन के साथ श्री औरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली में स्थित एन.सी.ई.आर.टी  परिसर का भी दौरा किया, जिसमें 50 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित विभिन्न शीर्षकों का प्रदर्शन किया गया। मोबाइल प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए एन.सी.ई.आर.टी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी जी ने कई भारतीय भाषाओं में किताबें उपलब्ध कराने में रा.पु.न्या-भारत के प्रयासों की सराहना की।

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