सपनों का घर ,मिली जीवन की नई शुरुआत की चाबी

घर के बिना सभी संभावनाएं धुंधली होती है। जब किसी को नए घर की चाबी मिलती है तो नई खुशी, नए संकल्प और नए सपने जागृत होते हैं। फिर सालों से झुग्गी बस्ती में गुजर-बसर करने वाले परिवार को सुविधायुक्त घर मिले तो समझिए उनके लिए नए जीवन की शुरुआत होने जा रही है। मन में नई ऊर्जा का संचार होने के साथ ही नई संभावनाएं उन्हें दिखती है। ऐसी ही नई उमंग की शुरुआत हुई दिल्ली के कालकाजी इलाके में रहने वाले सैकड़ों लोगों के जीवन में जब 2 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां 575 फ्लैटों की चाबी सौंपी.

वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार 1.39 करोड़ परिवारों के करीब 6.55 करोड़ लोग स्लम बस्तियों में रहने को मजबूर थे। इनमें से राजधानी दिल्ली की 10 फीसदी से अधिक आबादी यानी करीब 17.85 लाख लोग यहां की स्लम बस्तियों में रह रहे थे। इन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तो देशभर के गरीब-वंचितों को पक्के घर देने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई, जिसमें जहां झुग्गी-वहीं मकान के तहत स्लम निवासियों को पक्के आवास उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके तहत पिछले तीन साल में ही करीब 2.50 लाख मकान उपलब्ध कराए गए हैं, संकल्प सिद्धि के साथ अंत्योदय से सर्वोदय के उद्देश्य को पूरा करने का रास्ता भी इससे बन रहा है।
नए भारत के सपने को साकार करने के साथ हर समस्या का हल निकालने में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों का जीवन आसान कर, देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ा रहे हैं। इन संकल्पों में हर देशवासी को अपना घर मुहैया कराना भी शामिल है। दिल्ली की स्लम बस्ती में रहने वालों को उनकी झुग्गी की जगह पक्के घर देने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालकाजी स्थित जहां-झुग्गी वहीं मकान पुनर्वास योजना के पहले चरण में बने 3,024 फ्लैट का शुभारंभ करने के साथ की। इसमें से 1,862 परिवारों को आवंटन पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली की 376 झुग्गी क्लस्टर में उसी स्थान के इर्द-गिर्द झुग्गी पुनर्वास का काम कर रहा है। कालकाजी के भूमिहीन कैंप के झुग्गी क्लस्टर निवासियों के पुनर्वास के लिए गुणवत्तायुक्त मॉडल के ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया है। पहले चरण में 343 करोड़ रुपये की लागत से 3.06 हेक्टेयर में कुल 5 टॉवर बनाए गए हैं। इन फ्लैट में भूमिहीन शिविर, नवजीवन शिविर और जवाहर शिविर का पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। 25 वर्ग मीटर के क्षेत्र पर बनने वाले इन फ्लैट में एक लिविंग रूम, एक बेडरूम, एक किचन, एक बाथरूम और एक बालकनी शामिल है। लाभार्थियों की आंखों में अपने घर की चाबी मिलने की खुशी साफ दिख रही थी। लाभार्थी ऊषा रॉय कहती हैं कि, “मेरे और मेरे दो बच्चों का भविष्य इससे बहुत ज्यादा उज्ज्वल होगा।” इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सबके लिए घर, सबके लिए बिजली, सबके लिए बीमा, सबके लिए गैस कनेक्शन, यह न्यू इंडिया की संपूर्णता की तस्वीर होगी। आज देश में जो सरकार है, वो गरीब की सरकार है, इसलिए वो गरीब को अपने हाल पर नहीं छोड़ सकती। देश की नीतियों और निर्णयों के केंद्र में गरीब है। दिल्ली के अनाधिकृत कालोनियों में बने घरों को पीएम-उदय योजना के माध्यम से नियमित करने का काम चल रहा है।”

केंद्र की योजनाओं का दिल्ली को लाभ

दिल्ली में 50 लाख से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ा। बैंकिंग से जुड़ने के कारण ही दिल्ली के 50 हजार से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिला।

पीएम मुद्रा योजना में बिना गारंटी 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सहायता छोटे उद्यमियों को दी

केंद्र सरकार ने दिल्ली के लाखों गरीबों को दो साल से लगातार मुफ्त राशन देने पर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की। 40 लाख से ज्यादा गरीबों को बीमा सुरक्षा का कवच दिया।
गरीब व मध्यम वर्ग के लोग अपना मकान बना सकें इसके लिए केंद्र सरकार ने ब्याज में 700 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी।

दिल्ली-एनसीआर में 2014 में 190 किलोमीटर मेट्रो रेल का नेटवर्क था जो अब 400 किलोमीटर तक पहुंच गया है। आठ साल में 135 नए मेट्रो स्टेशन जोड़े गए हैं।

ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए भारत सरकार की तरफ से 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करके सड़कों का चौड़ीकरण और आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

द्वारका एक्सप्रेस-वे, अर्बन एक्सटेंशन रोड, अक्षरधाम से बागपत तक 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल हाइवे, गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड कॉरिडोर सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के कई काम सरकार करवा रही है।

दिल्ली-एनसीआर के लिए जल्द ही रैपिड रेल शुरू होने जा रही है तो नई दिल्ली के भव्य रेलवे स्टेशन का पुनर्निमाण जल्द शुरू होने जा रहा है। द्वारका में 80 हेक्टेयर जमीन पर भारत वंदना पार्क का निर्माण अगले कुछ महीने में समाप्त होने वाला है।
nयमुना किनारे वजीराबाद बैराज से ओखला बैराज तक के 22 किलोमीटर के स्ट्रेच पर डीडीए विभिन्न पार्क विकसित कर रहा है।

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