श्री राजीव कुमार विश्नोई ने भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार संभाला है। श्री विश्नोई ने 13 दिसंबर 2022 को एनएचपीसी निगम मुख्यालय, फरीदाबाद में कार्यभार ग्रहण किया। श्री विश्नोई वर्तमान में टीएचडीसीआईएल के सीएमडी पद के साथ टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी) और निदेशक (कार्मिक) एवं नीपको के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं।
श्री आर. के. विश्नोई के पास जलविद्युत परियोजना संरचनाओं के डिजाइन, इंजीनियरिंग और निर्माण में 35 से अधिक वर्षों का विशाल और समृद्ध अनुभव है। वे वर्ष 1989 में टीएचडीसीआईएल में इंजीनियर के स्तर पर शामिल हुए और विभिन्न क्षमताओं में काम करते हुए वर्ष 2013 में महाप्रबंधक के स्तर तक पहुंचे और उसके बाद वर्ष 2016 में कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नत हुए। डिजाइन विभाग का नेतृत्व करने के अलावा, उन्होंने कार्यकारी निदेशक, विष्णुगाड-पीपलकोटी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (वीपीएचईपी) 444 मेगावाट का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। उनके पास टिहरी, कोटेश्वर और विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजनाओं के साथ काम करते हुए कई प्रतिष्ठित उपलब्धियां हैं। वह सितंबर 2019 में टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी) बने और अगस्त 2021 में टीएचडीसीआईएल के सीएमडी के रूप में पदभार संभाला।
श्री विश्नोई बिट्स पिलानी से सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स स्नातक हैं और उन्होंने एमबीए की योग्यता भी प्राप्त की है तथा मास्को, रूस की स्टेट यूनिवर्सिटी से हाइड्रोलिक संरचनाओं और जलविद्युत निर्माणों के डिजाइन और निर्माण में व्यावसायिक अपग्रेडेशन कार्यक्रम किया है। उन्होंने एसडीए बैकोनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, इटली व एएससीआई, हैदराबाद के सहयोग से लीडिंग स्ट्रैटजिक चेंज में एडवांस मैनेजमेंट प्रोगाम में भी भाग लिया है।
श्री विश्नोई ने विश्व बैंक मुख्यालय, वाशिंगटन (यूएसए) के निमंत्रण पर पारस्परिक विचार-विमर्श के माध्यम से संविदाओं के संबंध में दिशानिर्देशों को तैयार करने के लिए विश्व बैंक विशेषज्ञ समूह के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे वर्तमान में बड़े बांधों के अंतर्राष्ट्रीय आयोग (ICOLD) की भारतीय समिति के अध्यक्ष हैं और बांधों की भूकंपीय सुरक्षा पर तकनीकी समिति के लिए ICOLD में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं।उन्होने अनेक देशों जैसे यूएस (स्पोकेन एवं वाशिंगटन डीसी), रूस (सेंट पीटर्सबर्ग), चीन (चेंगडू एवं बीजिंग), ग्रीक (पोर्टो कैरस), टर्की (अंताल्या), कनाडा (ओटावा), सिंगापुर और नेपाल में प्रमुख विषयों पर विशिष्ट व्याख्यान दिए हैं।