कोरोना के घातक स्‍ट्रेन से हार रहा ड्रैगन

चीन ने जीरो कोविड नीति में बिना किसी तैयारी के ढील दे दी है, जिसके दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। चीन में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि चीन के अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। छोटे-छोटे क्लीनिक पर भी भीड़ बढ़ गई है। चीन में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने तबाही मचा रखी है। संक्रमण फैलने की रफ्तार इतनी तेज है कि 1 शख्स 16 लोगों को संक्रमित कर रहा है। चीन में कोरोना वायरस के कारण मार्च तक 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है। चीन में दी गई ढील के बाद कोरोना बड़े शहरों से ग्रामीण इलाकों में भी फैल गया है, जिसके बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। दक्षिण-पश्चिमी चीन में चोंगकिंग में प्रशासन ने अजीबोगरीब तरीके से हल्के कोरोना लक्षण या बिना लक्षण वाले मरीजों को काम करने को कहा। इससे पहले पूर्वी प्रांत झेजियांग ने कहा था कि बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज जरूरत पड़ने पर काम पर लौट सकते हैं। कई कोरोना संक्रमित स्वास्थ्यकर्मी भी काम पर लौट आए हैं।

कोरोना टेस्टिंग खत्म करने के बाद चीन ने संक्रमितों का डेटा जारी करना बंद कर दिया है, जिसके कारण सही आंकड़े नहीं पता। अधिकारियों का कहना है कि बिना टेस्टिंग के असिंप्टोमैटिक मरीजों का पता नहीं लगाया जा सकता इसलिए डेटा जारी नहीं किया जा रहा। चीन के सोशल मीडिया पर लोग अपने परिवार, रिश्तेदारों और आसपास के अनगिनत लोगों में कोरोना के मामलों को रिपोर्ट कर रहे हैं। अस्पतालों में लगातार भीड़ बढ़ रही है चीन में कोरोना वायरस बढ़ने के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण चीन की एक बड़ी आबादी, जिसे वैक्सीन नहीं लगी है। इनमें बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा है। जो वैक्सीन लगाई गई है वह प्रभावी नहीं है। चीन में 65 साल से ऊपर की आबादी 20 करोड़ है।

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