केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक मिनी-रत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को 122.47 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया है। नई दिल्ली स्थित निर्माण भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में एचएलएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री बेजी जॉर्ज ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को चेक भेंट किया। इस अवसर पर मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान एचएलएल के 35,668 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड व्यापार (टर्नओवर) व 551.81 करोड़ रुपये के कर से पहले लाभ (पीबीटी) पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कोविड महामारी के दौरान कंपनी द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की। डॉ. मांडविया ने कहा, “एचएलएल ने कोविड-19 महामारी प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सहायता करने वाली आपातकालीन चिकित्सा आपूर्तियों की खरीद और वितरण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने कोविड-19 महामारी प्रबंधन के लिए आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों की खरीद और इनकी आपूर्ति के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में संकट के रियल टाइम प्रबंधन को सक्षम किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की स्थापना बड़ी सोच के साथ की गई थी, लेकिन उनका प्रदर्शन हमेशा संतोषजनक नहीं रहा है। डॉ. मांडविया ने सार्वजनिक उपक्रमों की स्थिरता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पीएसयू की स्थिरता के लिए वित्तीय अनुशासन और जिम्मेदार व्यवहार महत्वपूर्ण पहलू हैं।”वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने एचएलएल को उसकी उपलब्धि के लिए बधाई दीं और कोविड महामारी के दौरान इसके प्रयासों की सराहना भी कीं।एचएलएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री बेजी जॉर्ज ने कंपनी पर विश्वास करने व भारत सरकार के विभिन्न विभागों, विशेष रूप से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिए गए समर्थन को लेकर हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।
एचएलएल की स्थापना 1 मार्च, 1966 को सरकार के परिवार नियोजन कार्यक्रम में सहायता करने के उद्देश्य से गर्भ निरोधकों का उत्पादन करने के लिए किया गया था। एचएलएल ने मुख्य क्षेत्रों जैसे कि प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान देने और उनका विस्तार करते हुए अस्पताल के उत्पादों, अस्पताल के बुनियादी ढांचे के प्रबंधन, चिकित्सा उपकरण खरीद परामर्श, नैदानिकी (डायग्नोस्टिक) सेवाओं, दवाइयों की खुदरा बिक्री आदि जैसे अन्य स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में विविधता लाई।