नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को खुद आम आदमी पार्टी के रिठाला से विधायक श्री मोहिन्दर गोयल द्वारा सामने लाने से स्पष्ट हो चुका है कि आम आदमी पार्टी का खासा वर्ग मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की कार्यशैली से नाखुश है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नाम पर सत्ता में हाए केजरीवाल ने दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा किया था परंतु 8 वर्षों में दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुॅच गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ठेके पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार का मामला और आम आदमी पार्टी के रिठाला से विधायक श्री मोहिन्दर गोयल द्वारा रिश्वत का 15 लाख की राशि विधानसभा में लहराने के बावजूद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और विधानसभा अध्यक्ष ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की, जो साबित करता है केजरीवाल सरकार बिना भ्रष्टाचार नही चल सकती।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार के अम्बेडकर अस्पताल में नर्सिंग समेत अन्य पदों पर अनुबंधित कर्मचारियों की भर्ती के घोटाले को आम आदमी पार्टी के विधायक ने विधानसभा में शिकायत करने के बावजूद मामले पर कोई कार्यवाही नहीं होने से साबित हो गया है कि सब कुछ मुख्यमंत्री की शय पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी खत्म करने का दावा करके सत्ता हासिल करने वाले केजरीवाल ने दिल्ली की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को ही ठेकेदारी प्रथा पर निर्भर बना दिया है
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती घोटाला कोई नई बात नही इससे पूर्व शराब घोटाला, अस्पताल में रख-रखाव व कोविड में दवाई घोटाला, क्लास रूम निर्माण घोटाला, शौचालय परिसर निर्माण घोटाला और डीटीसी बस खरीद और रखरखाव अनुबंध घोटाला में केजरीवाल के दोहरे चेहरे को दिल्लीवासी पहले ही देख चुके है। उन्हांने कहा कि भारी भ्रष्टाचार के कारण केजरीवाल सरकार के स्वास्थ मंत्री पिछले 7 महीने से जेल में है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले रिठाला के विधायक ठेकेदारी प्रथा में 80 प्रतिशत स्टॉफ की पुनः नियुक्ति की बात करने की बजाय ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने के लिए आवाज उठाए और पुराने कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी के रुप में नियुक्ति के लिए कांग्रेस की पुनरावृति में आवाज उठाऐं।चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि दिल्ली सरकार द्वारा करदाताओं के पैसे की भारी कीमत पर बुलाए गए विधानसभा के शीतकालीन सत्र को संबोधित करने के बजाय सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा विरोध और भ्रष्टाचार के आरोपों का एक मंच बना दिया गया, जबकि विधानसभा में वायु और जल प्रदूषण, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, दिल्ली की सड़कों की दयनीय स्थिति और शहर और इसके लोगों से संबंधित ऐसे अन्य मु