केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी, 2023 को संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ पेश करते हुए बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएम-जेएवाई) के अंतर्गत 4 जनवरी 2023 तक 21.90 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया गया है। इसमें राज्यों की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली के अंतर्गत सत्यापित 3 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं। आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अंतर्गत 50,409 करोड़ रुपये के व्यय से अस्पतालों में लगभग चार करोड़ तीस लाख रोगियों का उपचार किया जाना उल्लेखित है।
बजट पूर्व समीक्षा यह दर्शाती है कि आयुष्मान भारत पीएम जेएवाई योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्चों के कारण लक्षित लाभार्थियों की वहन क्षमता से बाहर के खर्चों को कम से कम करना है। यह योजना 10 करोड़ 70 लाख से अधिक निर्धन एवं कमजोर वर्गों के उन परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को दूसरे और तीसरे चरण के चिकित्सा व्यय के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपये वार्षिक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराती है, सामाजिक, आर्थिक, जातिगत गणना 2011 (एसईसीसी 2011) तथा राज्यों की अन्य योजनाओं के अंतर्गत निर्धनता और व्यवसायजनित मानदंडों के आधार पर पहचानी गई भारत की सबसे निचले स्तर की 40 प्रतिशत जनसंख्या होती है।
आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केन्द्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उच्चीकरण करने के बाद देशभर में 1 लाख 54 हजार 70 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से वर्तमान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं और संचारी रोग सेवाओं को विस्तारित एवं सुदृढ़ करके तथा मानसिक तनाव, मधुमेह और मुहं, स्तन और गर्भाश्य के तीन समान कैंसर रोगों के उपचार से जुड़ी सेवाओं को इसमें शामिल करके समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। 14 अप्रैल, 2018 को छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में पहले स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र का उद्घाटन किया गया था।
देशभर में 1,54,070 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं।135 करोड़ से अधिक लोगों का आगमन हुआ
कुल 87 करोड़ से अधिक लोगों की गैर-संचारी रोगों के लिए जांच की गई, योग सहित 1.60 करोड़ से अधिक कल्याण सत्र आयोजित किए गए
ई-संजीवनी दूरभाष परामर्श मंच पर 17 जनवरी, 2023 तक देशभर में संचालित किए जा रहे स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से 15,465 केन्द्रों, जिसमें क्षेत्रीय स्तर पर एमबीबीएस/ विशेषज्ञ/अतिविशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हैं और राज्यों में स्थित आयुष्मान भारत स्वास्थ्य केन्द्रों में 1,12,987 वार्ताओं के माध्यम से 9 करोड़ 30 लाख दूरभाष परामर्श दिए गए हैं।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम)
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य मुक्त परस्पर संचालन योग्य डिजिटल मानकों के अनुरुप एक सुरक्षित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है। इससे सभी नागरिकों को स्वास्थ्य पहचान पत्र जारी करने, स्वास्थ्य देखरेख विशेषज्ञ पंजीकरण, स्वास्थ्य सुविधा पंजीकरण और स्वास्थ्य दस्तावेजों जैसी सेवाओं के लिए नागरिकों की सहमति के साथ स्वास्थ्य दस्तावेजों तक पहुंच और उनके आदान-प्रदान में सहायता मिलेगी। साथ ही इससे स्वास्थ्य देखरेख में डिजिटल प्रौद्योगिकीगी को बढ़ाकर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी की पहुंच में उचित मूल्यों पर पहुंचाना संभव हो सकेगा।