उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केन्द्रीय बजट 2023-24 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने देश के लिए निराशा भरा ही नहीं बल्कि खतरनाक बजट दिया है| उन्होंने कहा कि 45 लाख करोड़ के बजट में 15 लाख करोड़ का कर्जा है इससे देश पर महंगाई की मार पड़ेगी| बजट में महंगाई,न बेरोजगारी से लड़ने के लिए कोई योजना नहीं, न खपत बढाकर छोटे व्यापारियों को आगे बढाने की योजना, ये कुछ अरबपतियों फायदा पहुँचाने और देश को 15 लाख करोड़ रूपये के और कर्जे में झोंकने का बजट है| देश में बेरोजगारी दर 8.3% लेकिन फिर भी बजट में बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई विज़न नहीं है| उन्होंने कहा कि देश में खपत बढाने से बेरोजगारी दूर होगी न की 4 कैपिटल प्रोजेक्ट बनाने और अरबपतियों को फायदा पहुँचाने से| उन्होंने कहा कि इस बजट से देश के करोडो आम लोगों को फायदा पहुँचाने के बजाय केवल चंद अरबपतियों को फायदा होगा| केन्द्रीय बजट में दिल्ली की उपेक्षा पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने बजट में दिल्ली के लोगों को दोबारा निराश किया है| केन्द्रीय करों में दिल्ली की हिस्सेदारी 1.75 लाख करोड़ है पर दिल्ली को इसमें केवल 325 करोड़ रूपये मिले है| इसपर ट्वीट करते हुए सीएम अरविन्द केजरीवाल ने भी कहा कि बजट में महंगाई को कम करने के लिए कुछ नहीं है बल्कि इससे महंगाई और बढ़ेगी,इसमें बेरोजगारी को दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है| शिक्षा का बजट 2.64% से घटाकर 2.5% करना दुर्भाग्यपूर्ण है और स्वास्थ्य बजट का 2.2% से घटाकर 1.98% करना हानिकारक है| बजट में एक बार फिर दिल्ली वालो से सौतेला व्यवहार किया गया, दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रूपये का इनकम टैक्स दिया, उसमें से मात्र 325 करोड़ रूपये दिल्ली के विकास के लिए दिया गया, ये दिल्लीवालों के साथ घोर अन्याय है|
श्री सिसोदिया ने कहा कि ये मोदी जी के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है| इन दोनों कार्यकाल में इन्होने अच्छे दिन को जुमला करार दिया| नौकरी देने के वादे को जुमला करार दिया और अब दोबारा एक ऐसा बजट लेकर आये है जिसमें केवल जुमला और जुमला है| 2014 के बजट के बाद भी इस सरकार से बुलेट ट्रेन लाने से लेकर किसानों की आय को दोगुना करने सहित पिछले साल के बजट में 60 लाख नौकरी देने का जुमला सुन चुके है और इस साल के बजट में इनकी बात भी नहीं की गई है| उन्होंने कहा कि आज के बजट में सबसे अहम् और चिंताजनक बात ये है कि ये देश को कर्जे में डुबाने वाला बजट है जो देश की माली हालत को और ख़राब करेगा| 2014 तक केंद्र सरकार के उपर 53 लाख करोड़ रूपये का कर्जा था जो मोदीजी के अच्छे दिन के जुमले से आज बढ़कर 152 लाख करोड़ का हो गया और अब इस बजट के माध्यम से इसमें 15 लाख करोड़ का कर्जा और जुड़ रहा है| यानि की देश के उपर इस बजट के बाद से 167 लाख करोड़ का कर्जा हो जायेगा|
श्री सिसोदिया ने कहा कि इस साल केंद्र सरकार का बजट 45 लाख करोड़ का है जिसमें 15 लाख करोड़ का कर्जा है| यानि भारतीय जनता पार्टी देश को कर्जे में डूबने वाला बजट लेकर आई है| जब जब सरकारें कर्जा लेती है तो महंगाई बढती है, बेरोजगारी बढती है न कि देश की समस्याओं का समाधान होता है| ये बजट देश को 15 लाख करोड़ के कर्जे में और डुबायेगा जो देश के लिए खतरनाक है|
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि,इस बजट में महंगाई को कम करने के लिए कुछ नहीं है बल्कि इससे महंगाई और बढ़ेगी| इसमें बेरोजगारी को दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है| शिक्षा का बजट 2.64% से घटाकर 2.5% करना दुर्भाग्यपूर्ण है और स्वास्थ्य बजट का 2.2% से घटाकर 1.98% करना हानिकारक है| बजट में एक बार फिर दिल्ली वालो से सौतेला व्यवहार किया गया है| दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रूपये का इनकम टैक्स दिया| उस में से मात्र 325 करोड़ रूपये दिल्ली के विकास के लिए दिया गया| ये दिल्लीवालों के साथ घोर अन्याय है|