विज्ञापन-प्रणाली में नैतिक मानदंडों की आवश्यकता तथा जिम्मेदार विज्ञापन-प्रणाली और उपभोक्ता सुरक्षा का महत्त्वःउपभोक्ता कार्य विभाग सचिव

फार्मास्यूटिकल्स विभाग 7 मार्च 2023 को 5वां जन औषधि दिवस मना रहा है। विभिन्न शहरों में 1 मार्च 2023 से 7 मार्च 2023 तक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिसमें जन औषधि योजना के बारे में जागरूकता पर ध्यान केन्‍द्रित किया जाएगा। सेमिनार, बच्चों, महिलाओं और एनजीओ के लिए कार्यक्रम, हेरिटेज वॉक, स्वास्थ्य शिविर और पीएमबीजेके के मालिकों, लाभार्थियों, राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, नर्सों, फार्मासिस्टों और जन औषधि मित्रों को शामिल कर अनेक कार्यक्रम पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं। यह जेनेरिक दवाओं के उपयोग और जन औषधि परियोजना के लाभों और इसकी मुख्य विशेषताओं और उपलब्धियों के बारे में जागरूकता पैदा करेगा।

फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) केन्‍द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री और नए और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री भगवंत खुबा, पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और फार्मास्यूटिकल्स विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन  और समर्थन के तहत इस कार्यक्रम को सफल बनाने की पूरी तैयारी की गई है।

सभी को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, नवम्‍बर, 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) शुरू की गई थी। पीएमबीजेपी के तहत 31 जनवरी तक, 2023 तक, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्‍द्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़कर 9082 हो गई है। देश के 764 जिलों में से 743 जिलों को कवर किया गया है।यह योजना देश के कोने-कोने में लोगों तक सस्ती दवा की आसान पहुंच सुनिश्चित करती है।  सरकार ने दिसम्‍बर 2023 के अंत तक पीएमबीजेके की संख्या बढ़ाकर 10000 करने का लक्ष्य रखा है। पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, नई दवाएं और न्यूट्रास्यूटिकल्स उत्पाद जैसे प्रोटीन पाउडर, माल्ट-आधारित फूड सप्लीमेंट, प्रोटीन बार, इम्युनिटी बार, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर आदि भी शुरू किए गए हैं।

पीएमबीजेपी के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड कीमतों की तुलना में 50% -90% कम है। वित्तीय वर्ष (2021-22) के दौरान, पीएमबीजेपी ने 893.56 करोड़ रुपये (एमआरपी पर) की बिक्री हासिल की है। इससे देश के आम नागरिकों की लगभग 5360 करोड़ रुपये की बचत हुई है। चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 15.02.2023 तक, पीएमबीजेपी की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की है, जिससे नागरिकों की लगभग 6000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। वर्तमान में पीएमबीजेपी के तीन आईटी सक्षम गोदाम गुरुग्राम, चेन्नई और गुवाहाटी और सूरत में काम कर रहे हैं। इसके अलावा, दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की आपूर्ति के लिए देश भर में 36 वितरक नियुक्त किए गए हैं।

पिछले 8 वर्षों में, देश के लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध होने के कारण पीएमबीजेपी ने जबरदस्त वृद्धि और अपराजेय सफलता हासिल की है। इसने भारत के निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के जेब खर्च में भारी कटौती की है। इससे नागरिकों की दवाओं की कीमत पर 20000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। लोगों की इस व्यापक स्वीकृति ने पीएमबीजेपी को देश के हर कोने में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए और प्रोत्साहन दिया है।

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