शराब नीति केस में दिल्ली कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की कस्टडी 14 दिन बढ़ा दी है। कस्टडी CBI के केस में बढ़ाई गई है। सिसोदिया अभी इसी केस में 22 मार्च तक ED की कस्टडी में हैं। CBI और ED दोनों ही शराब नीति केस की जांच कर रही हैं।
ED ने सोमवार को उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। स्पेशल जज एमके नागपाल ने 3 अप्रैल तक कस्टडी बढ़ाने के बाद कहा कि सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई 21 मार्च यानी मंगलवार को होगी।
सिसोदिया के मोबाइल से मिले डेटा का एनालिसिस कर रही ED
ED ने कोर्ट में कहा था कि LG ने जब इस मामले की शिकायत की तो सिसोदिया ने अपना फोन बदल दिया था, लेकिन एजेंसी ने उनके मोबाइल डेटा को फिर से निकाल लिया है। अब एजेंसी उनके ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा का एनालिसिस कर रही है। अभी हमें सिसोदिया से और सवाल पूछने हैं।
ED के वकील जोहैब हुसैन ने कहा था कि सिसोदिया के असिस्टेंट विजय नायर इस पूरी साजिश को कोऑर्डिनेट कर रहे थे। इस घोटाले में सरकारी तंत्र, बिचौलिये और कई अन्य लोग शामिल हैं। ये साजिश नायर, सिसोदिया, तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता और कई दूसरे लोगों ने मिलकर रची। इस मामले में 219 करोड़ रुपए के मनी ट्रेल का पता चला है।
सिसोदिया के वकील ने कहा- ED अब CBI की प्रॉक्सी बन गई है
वहीं, सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि ED ने पूर्व डिप्टी CM के खिलाफ किसी क्राइम का जिक्र नहीं किया है। एजेंसी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ। कन्फ्रंट कराने के लिए हिरासत की जरूरत नहीं होती।
जब CBI मामले में पूछताछ कर चुकी है तो ED को पूछताछ करने की क्या जरूरत है? ED अब CBI की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है।
उधर, सिसोदिया ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने पिछले 7 दिनों की कस्टडी में उनसे रोजाना महज आधा से एक घंटा ही पूछताछ की है। सिर्फ गुरुवार को उनसे देर रात तक पूछताछ हुई थी।