केजरीवाल सरकार अब एक क्लिक में उपलब्ध कराएगी सरकारी सेवाएं और जानकारियां, सीएम ने किया 180 नए वेबसाइट का शुभारम्भ

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की सेवाएं और जानकारियां अब आपको एक क्लिक में उपलब्ध हो जाएंगी। अब वेबसाइट पर कितना भी ट्रैफिक लोड पड़ेगा, पर वो क्रैश नहीं होगी और मोबाइल व टैब पर भी बड़ी आसानी से एक्सेस कर पाएंगे। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली सरकार का नया वेबपोर्टल और 50 विभागों की 180 वेबसाइट्स का शुभारंभ किया। सभी विभागों की वेबसाइट को वेब पोर्टल से इंटीग्रेट किया गया है। 2008 में लांच की गई दिल्ली सरकार की मौजूदा वेबसाइट पुरानी तकनीक पर आधारित थी, जो ट्रैफिक लोड बढ़ते ही क्रैश हो जा रही थी। इसकी वजह से लोगों को सरकारी सेवाएं और जानकारियां प्राप्त करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की नई वेबसाइट क्लाउड पर आधारित है। इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और स्पेस भी पर्याप्त है। अब ट्रैफिक बढ़ने पर भी वेबसाइट क्रैश नहीं होगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के बेवपोर्टल के साथ विभिन्न विभागों की 180 वेबसाइट को लांच किया। इस दौरान आईटी मंत्री कैलाश गहलोत और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सर्व प्रथम आईटी विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को नई वेबसाइट की खासियतें बताई और पुरानी और नई वेबसाइट में अंतर बताया। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा वेबसाइट पुरानी टेक्नोलॉजी पर आधारित थी। उसका सर्वर पुरानी तकनीक पर आधारित था। जब भी सरकार किसी स्कीम की घोषणा करती थी तो वेबसाइट पर आचानक से ट्रैफिक बढ़ जाता था और वेबसाइट के साथ कई बार सर्वर भी क्रैश हो जाता था। पुरानी तकनीक पर आधारित होने के कारण सर्वर को ठीक करने के लिए कोई वेंडर नहीं मिल पाता था। साथ ही पुरानी वेबसाइट मोबाइल व टैब फ्रैंडली नहीं थी। इन वजहों से लोगों को सरकारी सेवाएं और जानकारियां हासिल करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। नई वेबसाइट में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ये वेबसाइट्स प्रति सेकेंड लाखों की ट्रैफिक आने पर भी क्रैश नहीं होंगी।
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने आईटी विभाग को बधाई देते हुए कहा कि आज दिल्ली सरकार के 50 विभागों की 180 वेबसाइट लांच की गई है। सभी वेबसाइट दिल्ली सरकार के वेब पोर्टल से इंटीग्रेटेड हैं। इससे पहले 2008 में दिल्ली सरकार की वेबसाइट बनाई गई थी, जो पुरानी तकनीक पर आधारित थी और सर्वर भी पुराने तकनीक पर थे। वो वेबसाइट मोबाइल और टैब फ्रैंडली नहीं थी। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब हम क्लाउड पर चले गए हैं और सर्वर की जरूरत को खत्म कर दी गई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोविड के दौरान दिल्ली सरकार ने कुछ स्कीम की घोषणा की थी। उस दौरान एकदम से वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ गया था और सर्वर तक क्रैश कर गए थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब हमारे पास लेटेस्ट तकनीक है और पर्याप्त स्पेस है। हम आने वाले समय में इस बात पर भी नजर रखेंगे कि लोगों की क्या-क्या जरूरते हैं। कौन सी चीजों को जनता ज्यादा देख रही है और जनता को कौन सी चीज ज्यादा चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस है। हम लोगों की सेवाएं बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का सरकार के कामकाज में अधिक से अधिक कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इस पर ज्यादा ध्यान देंगे।
वहीं, दिल्ली के आईटी मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि 2007-8 के बाद अब जाकर सरकार के विभिन्न विभागों की वेबसाइट का पुनर्गठन हो सका है। अभी तक हम जब भी कोई प्रोग्राम लांच करते थे तो ट्रैफिक बढ़ते ही वेबसाइट क्रैश हो जाती थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविड के दौरान पैरा ट्रांजिट ड्राइवरों को पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। उस समय जैसे ही वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ता था, तब वेबसाइट क्रैश हो जाती थी। नई वेबसाइट में इन बातों का ध्यान रखा गया है। इसलिए इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। अब अगर वेबसाइट पर प्रति सेकेंड लाखों की संख्या में ट्रैफिक होती है तब भी ये क्रैश नहीं होगी। पब्लिक यूजर फ्रैंडली बनाने के लिए वेबसाइट में सभी आवश्यक चीजों का ध्यान रखा गया है। अब लोग मोबाइल पर भी वेबसाइट को बड़ी आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। पहले की वेबसाइट मोबाइल फ्रैंडली नहीं थी। मोबाइल पर पूरा कंटेंट नहीं आता था।
दिल्ली सरकार की मौजूदा वेबसाइट्स को 2008 में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आईबीएम द्वारा एक सामग्री प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) का उपयोग करके लॉन्च किया गया था। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक पुरानी थी और सर्वर मौजूदा समय में प्रचलन में नहीं है। पुरानी तकनीक के कारण मौजूदा सीएमएस को बनाए रखना चुनौती है। इस वजह से बार-बार आउटेज और ब्रेकडाउन का सामना करना पड़ता है
आईटी विभाग ने नई तकनीक और मानकों का उपयोग कर दिल्ली सरकार की नई वेबसाइटों को डिजाइन, विकसित, होस्ट और संचालित करने के लिए एक एजेंसी को नियुक्त किया है। नई वेबसाइट्स जीआईजीडब्ल्यू (सरकारी वेबसाइटों के लिए दिशानिर्देश) या डब्ल्यूसीएजी (वेब सामग्री अभिगम्यता दिशानिर्देश) के अनुरूप है। वेबसाइट लांच से पहले सभी विभागों को मौजूदा वेबसाइटों की सामग्री से मिलान करने और उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षण (यूएटी) प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया था।
दिल्ली सरकार ने अब अपनी सभी मौजूदा वेबसाइटों को इस नए प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट कर दिया है। वेबसाइट बनाते समय मजबूत और स्केलेबल आर्किटेक्चर को लागू किया गया है और दुनिया की सर्वाेत्तम प्रैक्सिेज और स्टैंडर्ड का पालन किया गया है। वेबसाइट को आवश्यकता के अनुसार अधिक जानकारीपूर्ण, सौंदर्यपूर्ण और उन्नत किया गया है। अब वेबसाइट पर दिल्ली सरकार की सभी जानकारी एक क्लिक में आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। लोग आसानी से अपनी जानकारी तलाश सकेंगे। वेबसाइट बनाते समय इन सारी बातों का ध्यान रखा गया है।
दिल्ली सरकार की नई वेबसाइट नई तकनीक पर आधारित है। अब कोइ भी व्यक्ति अपने मोबाइल, टैबलेट या वेब ब्राउजर पर इसको बड़ी आसानी से एक्सेस कर सकता है। इसमें विभिन्न विभागों के सोशल मीडिया अकाउंट को एक साथ इंटीग्रेटेड किया गया है। पुरानी वेबसाइट्स की तुलना में नई वेबसाइट को एक्सेस करना बहुत आसान है। इसमें कोई भी कंटेंट बहुत तेजी से कम समय में लोड किया जा सकता है। वेबसाइट की परफार्मेंस अच्छी है, जिससे उपयोगकर्ता को एक्सेस करने में अच्छा लगेगा। डेटा और साम्रगी को सुरक्षित रखने के लिए ऑटो आर्काइव है। ये वेबसाइट्स जीआईजीडब्ल्यू या डब्ल्यू3सी और द्विभाषी/बहुभाषी का समर्थन करता है। पेज का लेआइट सुंदर और आकर्षक बनाया गया है। वेबसाइट पर ट्रैफिक, विजिटर और समय का विश्लेषण आदि भी है। किसी भी स्तर पर थर्ड पार्टी एपीआई के साथ एकीकृत करना आसान है। वेबसाइट पर उपयोगकर्ता के जुड़ाव, अवधारण और व्यवहार को ट्रैक करने के लिए डेटा एनालिटिक्स भी उपलब्ध है। वेबसाइट को पुराने वर्जर से नए वर्जर में अपग्रेड करना बहुत आसाना है। अपग्रेड के दौरान बहुत कम समय में नया वर्जन डाउनलोड हो जाता है। साथ ही, प्रासंगिक सूचनाओं और ट्रिगर्स के साथ सामग्री का प्रबंधन करने के लिए आसान इंटरफ़ेस है।