आनंद मोहन की रिहाई पर हाय-तौबा क्यों-अशोक चौधरी, मंत्री बोले- उनकी सियासी बिसात से डरी भाजपा !

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर सियासी पारा गिरने का नाम नहीं ले रहा है। जनता दल यूनाइटेड ने अब रिहाई पर मचे बवाल पर कहा है कि आखिर हाय-तौबा क्यों मचा है। भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने आनंद मोहन की रिहाई पर कहा कि राज्य सरकार के पास अधिकार है। पहली बार राज्य सरकार ने यह प्रावधान नहीं किया है। देश के अन्य राज्यों में इस तरह के प्रावधान नहीं हैं। आनंद मोहन के अलावा कोई और चेहरा होता तो क्या इतना हाय-तौबा मचाई जाती। इस कानून के तहत कितने दलित, कितने पिछड़े कितने गरीब को छोड़े गए।

चौधरी ने कहा है कि दरअसल भारतीय जनता पार्टी आनंद मोहन की सियासी बिसात से डरी हुई है। आनंद मोहन 2 बार सांसद रहे। उनकी पत्नी सांसद और विधायक रहीं और बेटा चेतन आनंद विधायक हैं। आनंद मोहन की जगह कोई और होता तो कोई नोटिस नहीं लेता। और जो लोग छूटे हैं, उन पर कोई सवाल नहीं हो रहा।

‘अपनी सुविधा के अनुसार राजनीति कर रहे हैं मोदी’

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि दरअसल सुशील कुमार मोदी कन्फ्यूज हैं। कभी रिहाई को लेकर बात करते हैं। तो कभी विरोध में। वे इस पर हाय तौबा मचा रहे हैं। वे अपनी सुविधा के अनुसार राजनीति कर रहे हैं। पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी दोहरा चरित्र दिखा रहा है।

दलित आईएएस के हत्या के सवाल पर चुप्पी

अशोक चौधरी ने दलित आईएएस के हत्यारे को बचाने के सवाल पर कहा कि स्पेशल ईमिशन का जो प्रावधान है, उसके हिसाब से हो रहा है। आनंद मोहन ने 22 साल से भी अधिक की सजा काटी है। 15 साल आजीवन कारावास में काटे हैं । उन्हें स्पेशल ईमिशन दिया गया है। क्योंकि लोक सेवक के हत्यारे को स्पेशल ईमिशन देने का प्रावधान नहीं था, इसीलिए संशोधन किया गया। बिहार के अलावा किसी और राज्य में यह कानून नहीं था।

उन्होंने कहा है कि जेल मैनुअल और सीआरपीसी के प्रावधान के तहत समानता करने का प्रयास किया गया है।

गठबंधन के साथी वाम दलों के विरोध पर कहा

वाम दलों के आनंद मोहन सहित 27 लोगों के परिहार क़ो लेकर धरना-प्रदर्शन करने के सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हर दल का अपना विचार और अपना सिद्धांत होता है। अपनी आईडोलाजी से आगे बढ़ती है। विचारधारा के हिसाब से काम करती है। वह अपने तरीके से काम कर रहे हैं। वैसे अपनी बातों को लेकर उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलना चाहिए। उनसे मिलकर अपनी बात कर सकते हैं।

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