त्रिदिवसीय नृत्य संगीत का महा संगम – शाश्वत भारत: कलायात्रा 2023 का दिल्ली के कमानी सभागार में 6 मई से होगा आयोजन

दिल्ली में तीन दिन तक चलने वाले “शाश्वत भारत फेस्टिवल : कलायात्रा 2023” में देश भर के मशहूर कलाकार की परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी

नई दिल्ली : विश्व प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नृत्य गुरु पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह “शाश्वत भारत महोत्सव, अनंत भारत का जश्न : कालयात्रा 2023” की यादगार प्रस्तुति करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में 6 से 8 मई 2023 तक आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव के जश्न के संस्करण के रूप में भारत की सदाबहार सांस्कृतिक विविधता को श्रद्धांजलि होगी। श्री कामाख्या कला पीठ सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेस की ओर से शाश्वत भारत महोत्सव : कलायात्रा 2023 आयोजित किया जाएगा।

शाश्वत भारत महोत्सव दिल्ली के सांस्कृतिक आकाश को तरह-तरह की विविध संस्कृति के आसमानी इंद्रधनुषी रंगों, बेहतरीन परफॉर्मेंस और त्योहार की उमंग से रंग देगा। सांस्कृतिक महोत्सव कलायात्रा 2023 में अपनी मौजूदगी को भी आज ही सुनिश्चित कर लीजिए। “शाश्वत भारत महोत्सव-अनंत भारत का जश्न” में देश भर से प्रसिद्ध कलाकार अपनी परफॉर्मेंस का नजारा पेश करेंगे। यह महोत्सव अपनी तरह का अनोखा महोत्सव होगा। इसमें नृत्य, संगीत और थियेटर की सभी विधाएं शामिल होंगी। इसमें इन कलाओं के पारंपरिक से लेकर समकालीन विधाओं का नजारा पेश किया जाएगा।

शाश्वत भारत : कला यात्रा 2023 का भव्य शुरुआत 6 मई 2023, शनिवार को संत मीरा बाई के जीवन पर आधारित नाट्य कथा : मीरा से होगा। इस नाट्य कथा को डॉ. सोनल मानसिंह और उनका समूह पेश करेगा। महोत्सव के पहले दिन कर्नाटक और हिंदुस्तानी वाद्य संगीत का संगम चित्र वीणा वादक श्री एन. रविकिरण, इंडिया सेलो में उस्ताद सास्किया राव, और सितार वादक पंडित शुभेंद्र राव के साथ मशहूर तालवादकों की बेहतरीन परफॉर्मेंस में देखने को मिलेगा। महोत्सव के दूसरे दिन लोकगीत और लोकसंगीत मुख्य आकर्षण रहेगा। अरुणाचल प्रदेश के डेलोंग पडुंग और समूह, गुजरात के योगेश भाई गढ़वी और समूह, राजस्थान के उस्ताद अनवर खान मंगानियार और समूह तथा बिहार की लोक गायिका मैथिली ठाकुर और उनका समूह रविवार 7 मई 2023 को संगीत प्रेमियों को अपने अपनी कला से आकर्षित करेंगे। शाश्वत भारत फेस्टिवल का समापन देश भर के आदिवासी लोक नर्तकों की परफॉर्मेंस और आदिवासी नृत्य परंपरा के साथ सोमवार 8 मई को होगा।

कामख्याकलापीठ केंद्र की संस्थापिका और महोत्सव की निदेशक पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा, “यह साल कई पहलुओं से खास है। यह साम्राज्यवादी शासन से हमारे प्यारे देश की स्वतंत्रता का यह 75वां साल है। यह साल आजादी का अमृत महोत्सव का है। इस साल भारत जी-20 समूह की अध्यक्षता का भी सौभाग्य हासिल हुआ है। भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता मिलना एक

 

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