हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने वाहनों में ई27 ईंधन और इथेनॉल मिश्रित डीजल ईंधन के उपयोग का एक अनूठा प्रायोगिक अध्ययन किया और उसे इसके सफल परीक्षण की घोषणा करते हुए बड़ा गर्व महसूस हो रहा है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ, एचपीसीएल भारत में “2025 तक भारत में इथेनॉल मिश्रण की रूपरेखा” के अनुरूप इतने बड़े पैमाने पर अनुसंधान कार्यक्रम शुरू करने वाली ऐसी पहली तेल विपणन कंपनी बन गई है, जिसका उद्देश्य गैसोलीन में इथेनॉल मिलाने को बढ़ावा देना है।
हरे-भरे तथा अधिक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई रूपरेखा में अप्रैल 2023 तक 20% इथेनॉल मिश्रित गैसोलीन (ई20) प्राप्त करने तथा अप्रैल 2025 तक इसकी व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक चरणबद्ध योजना शुरू करने की रूपरेखा तैयार करना शामिल है। इसके अलावा, इसमें ई20 सामग्री और ई-10 इंजन-ट्यून्ड वाहनों का इस्तेमाल करने पर बल दिया गया है। ये वाहन अप्रैल 2023 से चलाए जाएंगे, जिसके बाद अप्रैल 2025 से ई20-ट्यून इंजन वाहनों का निर्माण किया जाएगा।देवनगुंथी, बेंगलुरु में एचपीसीएल के अत्याधुनिक ग्रीन आरएंडडी केंद्र में जैव ईंधन पर व्यापक अनुसंधान करने के लिए विशिष्ट प्रयास चल रहे हैं। केंद्र की कुशल टीम इंजन अनुसंधान प्रयोगशाला में परीक्षण वाहनों की विभिन्न श्रेणियों पर 10% से 27% तक इथेनॉल-गैसोलीन के विभिन्न मिश्रणों के प्रभाव और प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रही है, साथ ही इथेनॉल-डीजल के विभिन्न मिश्रणों का मूल्यांकन भी कर रही है।ई27 से चलने वाले वाहनों पर किए गए प्रारंभिक अध्ययनों से पारंपरिक गैसोलीन की तुलना में सीओ और टीएचसी जैसे उत्सर्जन में हुई उल्लेखनीय कमी का पता चला है। इसके अलावा, शुद्ध सीओ2 उत्सर्जन को कम करने की व्यापक क्षमता का भी पता चला है। दोपहिया वाहनों और यात्री कारों में अधिक इथेनॉल मिश्रण का उपयोग करके, हम ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करने और कम कार्बन का उत्सर्जन करने वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। प्रायोगिक परियोजना के भाग के रूप में, एचपीसीएल यात्री कारों पर इथेनॉल-डीजल परीक्षणों का भी मूल्यांकन करेगा, जिसका लक्ष्य शुरुआत में 20,000 कि.मी. के लक्षित लाभ प्राप्त करना है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के महत्वपूर्ण अवसर पर, एचपीसीएल को वाहनों में ई27 ईंधन और इथेनॉल मिश्रित डीजल ईंधन का उपयोग करके प्रायोगिक अध्ययन शुरू करने वाली भारत की पहली तेल विपणन कंपनी बनने पर गर्व है। इस प्रायोगिक अध्ययन में छह वाहनों को शामिल किया गया था, जिसमें ई27 ईंधन परीक्षण के लिए 1×4वॉट और 2×2वॉट, इथेनॉल मिश्रित डीजल ईंधन परीक्षण के लिए 1×4वॉट, कंप्रेस्ड बायो-गैस ईंधन परीक्षण के लिए 1×3वॉट और ई20 ईंधन अध्ययन के लिए 1×4वॉट का कॉन्फ़िगरेशन शामिल था।
ई27 ईंधन के प्रायोगिक अध्ययन में मील दूरी के बढ़ने पर इंजनों और वाहनों में इसके प्रदर्शन और कार्बन उत्सर्जन का आकलन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस चरण के तहत दोपहिया वाहनों के लिए 10,000 कि.मी. और ई27 ईंधन का उपयोग करने वाली यात्री कारों के लिए 20,000 कि.मी. तक की मील दूरी का पता लगाने की योजना है। आईएस 1460:2017 ईंधन विनिर्देशों के अनुसार, इथेनॉल परीक्षण बायोडीजल-डीजल पर भी किया जाएगा। भविष्य में, इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम में भारत का अगला पड़ाव ई20 ईंधन से परे 27% इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य प्राप्त करना है। चल रहे परीक्षणों की सफलता और ई27 ईंधन की उपलब्धि को देखते हुए, भारत इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम में वैश्विक मंच पर बड़े