विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और केंद्रीय विदेश एवं संस्‍कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों से विकास सदन में चर्चा की

अधिकारियों को संबोधित करते हुए डॉ० जयशंकर ने इस बात की ओर ध्‍यान दिलाया कि वे ही देश सफलतापूर्वक विकास और समृद्धि प्राप्‍त कर पाते हैं, जहाँ नौकरशाही और राजनीतिक कार्यकर्ता आपस में मिलकर न केवल नीतियाँ तैयार करते हैं, बल्कि उनका सफलतापूर्वक कार्यान्‍वयन भी करते हैं। उन्‍होंने सरकार की प्रगतिशील सोच और भारत के दृष्टिकोण में बदलाव लाने वाली नई पहलों का समर्थन करने के लिए कर्मचारियों को समर्पण और उत्‍साह के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्‍साहित किया। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि दिल्‍ली देश का मुख्‍य केन्‍द्र है और अन्‍य देशों के राजनयिकों ने भी भारत के नेतृत्‍व को पहचानना है और उसे महत्‍व देना आरंभ कर दिया है। इसके अलावा, उन्‍होंने शहर में लाए गए सकारात्‍मक परिवर्तनों के लिए डीडीए का धन्‍यवाद किया और कहा कि डीडीए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी निभा रहा है तथा राजधानी शहर में इन रूपांतरकारी परिवर्तनों को लाकर डीडीए वास्‍तव में विश्‍व में भारत की छवि को बदल रहा है।

माननीय विदेश एवं संस्‍कृति राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने अपने सम्बोधन में, शहर के लिए डीडीए के विकासात्‍मक कार्यों, जन स्‍वास्‍थ्‍य एवं आरोग्‍यता के लिए हरित स्‍थानों के रखरखाव, यमुना नदी के आस-पास जैव-वैविध्‍य पार्कों और यमुना बाढ़ क्षेत्रों के आस-पास के क्षेत्रों को और बेहतर बनाने के लिए डीडीए का धन्यवाद किया और उसके कार्यों को मान्‍यता प्रदान की। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि सरकार और आम नागरिकों के समग्र प्रयासों से भारत एक आर्थिक शक्ति के रूप में भी उभर रहा है।

इस चर्चा के दौरान, उपाध्‍यक्ष महोदय ने दिल्‍ली विकास प्राधिकरण की अनेक पहल और उपलब्धियों तथा विभिन्‍न परियोजनाओं एवं स्‍कीमों की वर्तमान स्थिति का वि‍वरण दिया।

दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 की धारा 3 के अंतर्गत गठित एक प्राधिकरण है, जो माननीय उपराज्यपाल की अध्यक्षता में 13 सदस्य वाला एक निकाय है । डीडीए मास्टर प्लान, ज़ोनल प्लान और एक्शन एरिया प्लान की प्रक्रिया के माध्यम से दिल्ली के नियोजित विकास के मार्गदर्शन हेतु नीतियाँ और प्रस्‍ताव तैयार करता है। दिल्‍ली मास्‍टर प्‍लान एक महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज है, जो दिल्‍ली विकास अधिनियम के संबद्ध खंडों के अंतर्गत तैयार किया जाता है। अब तक, डीडीए ने दिल्‍ली मास्‍टर प्‍लान 1962, दिल्‍ली मास्‍टर प्‍लान 2001 और दिल्‍ली मास्‍टर प्‍लान 2021 तैयार किया है। दिल्‍ली मास्‍टर प्‍लान-2041 पिछली योजनाओं के कार्यान्‍वयन से सीखे गए सबक के आधार पर शहर के भावी विकास का मार्गदर्शन करने के लिए एक नीतिपरक और सक्षम रूपरेखा है। मास्‍टर प्‍लान-2041 के प्रारूप को प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है।

दिल्ली मास्टर प्लान -2041 का विज़न सतत, रहने-योग्य और जीवंत दिल्ली को बढ़ावा देना है। दिल्ली को अगली योजना अवधि में 4 मुख्य नीतिगत क्षेत्रों- लैंड पूलिंग, हरित विकास क्षेत्र, शहरी पुनः उत्थान और ट्रांज़िट ओरिएंटिड डेवलपमेंट (टी ओ डी) द्वारा नया स्‍वरूप दिया जाएगा।

अब तक 54 आवासीय योजनाएँ शुरु की जा चुकी हैं और विभिन्‍न श्रेणियों के 4,17,063 फ्लैट आबंटित किये जा चुके हैं। आवासीय परियोजनाएँ पारम्‍परिक पद्धति के साथ-साथ प्रीफैब तकनीक से भी निर्मार्णाधीन है। 24813 आवास तैयार कर लिए गए हैं, 17829 आवासों (01.04.2022 तक) का कार्य चल रहा है तथा 11449 आवासों का निर्माण कार्य 31.10.2023 तक पूरा कर लिया जाएगा और 6380 आवासों का निर्माण कार्य 31.03.2024 तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है।

केंद्र सरकार द्वारा शुरु की गई प्रमुख योजनाएँ पीएम-उदय और प्रधानमंत्री आवास योजना हैं और इन्‍हें दि.वि.प्रा. द्वारा निष्‍पादित किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शुरु की गई रूपान्‍तरकारी पीएम-उदय योजना के अंतर्गत अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को संपत्ति अधिकारों की मान्‍यता प्रदान की जानी है। इसमें 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लगभग 5 लाख परिवारों को ये अधिकार प्रदान किए जाने का लक्ष्‍य है। स्‍वामित्‍व अधिकार क्षेत्रों की सर्किल दर के 0.5%, 1% और 2.5% की मामूली दर पर क्रमश: 100 वर्ग मी. से कम, 100 से 250 वर्ग०मी. और 250 वर्ग०मी. से अधिक आकार के प्‍लॉट हेतु प्रदान किये जाते हैं। 4,62,330 पंजीकरण में से 1,13,518 आवेदन प्राप्‍त हुए, जिनमें से पहली बार प्रोसेस किए गए कुल आवेदन 1,13,254 हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जे.जे. क्‍लस्‍टर को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्‍यम से जे.जे. क्‍लस्‍टर के नीचे की भूमि को संसाधन के रुप में उपयोग करके पक्‍के आवासीय रिहायशी इकाइयों से प्रतिस्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है। डीडीए और एल एण्‍ड डी ओ की भूमि पर बने 376 जे.जे. क्‍लस्‍टरों की नोडल एजेंसी स्‍वयं डीडीए है। इस योजना के अंतर्गत 3 प्रमुख योजनाएँ कालकाजी एक्‍सटेंशन, जेलरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी हैं। 10 अन्‍य परियोजनाओं का कार्य भी चल रहा है, जहाँ 18 जे.जे. समूहों में प्रस्‍तावित ई.डब्‍ल्‍यू.एस. आवासों की संख्‍या 22752 है।

डीडीए द्वारा शुरु किए गए कुछ प्रमुख विकास कार्य: सैक्‍टर 20, द्वारका स्थित 200 एकड़ का भारत वंदना पार्क, दिल्‍ली साइकिल वॉक, यमुना नदी बाढ़ क्षेत्र के जीर्णोद्धार और कायाकल्‍प कार्य की 10 परियोजनाएँ, पूर्वी दिल्‍ली हब: कड़कड़डूमा में टीओडी परियोजना, नेहरु प्‍लेस और भीकाजी कामा प्‍लेस स्थित मौजूदा कमर्शियल बिजनेस डिस्ट्रिक्‍ट का नवीनीकरण, द्वारका स्थित ट्रंक ड्रेन 2 और ट्रंक ड्रेन 5 के लिए ग्रीन बफर के आस-पास के क्षेत्र विकास के साथ सीवरेज इंटरसेप्‍शन और ट्रीटमेंट द्वारा नाले का कायाकल्‍प, विरासत (दिल्‍ली अर्बन हैरिटेज फाउंडेशन के तत्‍वाधान में) ऐसी ही कुछ परियोजनाएँ है।

दिल्‍ली का ग्रीन कवर इसके कुल क्षेत्रफल के 20% से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। डीडीए का हरित क्षेत्र 719 पार्कों के रुप में 16035 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यमुना नदी परियोजना (कांलिंदी के अलावा) के अंतर्गत लगभग 3527.60 एकड़ और जैव-विविधता पार्कों के अंतर्गत लगभग 2122.87 एकड़ हरित क्षेत्र है। यमुना जैव-विविधता पार्कों के अंतर्गत, अप्रयुक्‍त भूमि का उद्धार किया जा रहा है और उसे हरित भूमि में रुपांतरित किया जा रहा है।

पर्यावरणीय लाभों के लिए उद्यान क्षेत्र में शुरु की गई नई पहलें: ग्रीन वेस्‍ट का खाद में परिवर्तन, शोधित जल का सिंचाई के लिए उपयोग आदि। पूरे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीडीए की अनेक मॉडर्न और अत्‍यंत उत्‍पादकता वाली नर्सरी हैं, जो स्‍व-स्थिरता के लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को मजबूत करेंगी।

डीडीए अपने स्‍पोर्ट्स इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के माध्‍यम से जनता के स्‍वास्‍थ्‍य और उनके आरोग्‍य लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए अवसर उपलब्‍ध कराता है और उन्‍हें बढ़ावा देता है। पूरी दिल्‍ली में 15 खेल परिसर, 3 मिनी खेल परिसर और 2 गोल्‍फ कोर्स हैं। डीडीए कुछ खेल परिसरों/उत्‍कृष्‍टता केंद्रों और प्रतिस्‍पर्धा आयोजन कराने के स्‍तर के एक गोल्‍फ कोर्स का निर्माण किया जा रहा है।

आजादी का अमृत महोत्‍सव मनाते हुए, डीडीए के 16 पार्कों के नाम दिल्‍ली के उन भूले-बिसरे नायकों के नाम पर रखे गए है, जिन्‍होंने भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है। इन पार्कों में उनके संक्षिप्‍त जीवन परिचय और योगदान वाली पट्टिकाएं लगाई गई हैं।

जनता की सुविधा के लिए, डीडीए की कार्यविधियों को डिजिटल बनाने के लिए अनेक कार्य किए गए हैं। नागरिक केंद्रित अधिकांश सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्‍ध हैं, ई-ऑफिस कार्यान्वित किया गया है; आई डी एल आई (इडली) पोर्टल के माध्‍यम से भूमि/प्‍लॉटों का लीज-होल्‍ड से फ्रीहोल्‍ड में ऑनलाइन कन्‍वर्जन और नामांतरण, लैंड पूलिंग नीति के लिए ऑनलाइन पोर्टल, सभी खाली पड़े भूखंडों की जियो मैपिंग, फोटो अपलोडिंग के माध्‍यम से भूमि संरक्षण के लिए मोबाइल एप्‍लीकेशन, ले-आउट योजनाओं का डिजिटलीकरण, आवास (AWAAS) पोर्टल या हाउसिंग स्‍कीम और आवास विभाग की गतिविधियों और भूमि निपटान के लिए भूमि (BHOOMI) पोर्टल, फ्लैटों को लीजहोल्‍ड से फ्रीहोल्‍ड में ऑनलाइन कन्‍वर्जन, पट्टा बहाली आदि ऐसी ही कुछ पहल हैं। विभिन्‍न ऑनलाइन सेवाएँ विकसित की जा रही हैं: सीधी भर्ती/प्रतिनियुक्ति/संविदा आधार पर भर्ती के लिए आवेदन, संपत्ति के खोए हुए दस्‍तावेजों की प्रति के लिए आवेदन, परिसर के उपयोग में परिवर्तन की प्रक्रिया/परिसर के उपयोग में परिवर्तन की अनुमति लेना तथा पार्कों को गोद लेने की प्रक्रिया।

error: Content is protected !!