इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को घोषणा की कि रूस से सस्ते तेल की पहली खेप कराची बंदरगाह पहुंच गई है। इस तेल को सोमवार को उतारा जाना शुरू होगा। भारत की तरह से पाकिस्तान ने अब रूस से सस्ता तेल खरीदा है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इससे कर्ज के संकट और भुगतान संतुलन से जूझ रहे देश को बड़ी राहत मिलेगी। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्राभंडार भी 4 अरब डॉलर से कम हो गया है। शहबाज शरीफ जहां रूसी तेल को लेकर खुश हो रहे हैं, विशेषज्ञ उन्हें आने वाले समय में अमेरिकी कोपभाजन की चेतावनी दे रहे हैं।
पाकिस्तान को सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा ऊर्जा के आयात करने पर खर्च करनी पड़ती है। इस डील में पाकिस्तान केवल क्रूड ऑयल खरीदेगा और अगर पहला ट्रांजेक्शन सही से हो गया तो कुल आयात 1 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि इस तेल के लिए पाकिस्तान पैसे का भुगतान चीन की मुद्रा में कर रहा है। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस इस समय पश्चिमी देशों की बजाय भारत और चीन को बहुत बड़े पैमाने पर तेल का निर्यात कर रहा है।
शहबाज ने ट्वीट करके कहा, ‘मैंने देश के साथ किया गया एक और वादा पूरा कर लिया है। इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि रूस का सस्ता तेल कराची पहुंच गया है और कल से तेल उतारा जाना शुरू हो जाएगा। आज का दिन बदलाव का है। हम समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक और कदम बढ़ा चुके हैं।’ शहबाज ने कहा कि यह पाकिस्तान और रूस के बीच रिश्तों की नई शुरुआत है। शहबाज भले ही भारत के करीबी दोस्त रूस के साथ अच्छे रिश्ते को बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं लेकिन विशेषज्ञ उसे चेतावनी दे रहे हैं।
अमेरिका के विल्सन सेंटर में फेलो और पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार बाकिर सज्जाद ने कहा कि रूसी तेल के पाकिस्तान पहुंचने से जहां नई संभावनाएं खुली हैं, वहीं इससे कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। इसमें लाभ, दाम, निरंतरता और पेमेंट का तरीका शामिल है। उन्होंने कहा कि क्या रूसी तेल नियमित तेल की क्वालिटी से बराबरी कर सकेगा। उन्होंने कहा कि क्या रूसी तेल को रिफाइन करने के बाद वह बाजार में प्रतियोगी साबित होगा। क्या जनता को कम दाम पर यह मिल सकेगा।