प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है : ठा0 रघुराज सिंह

लखनऊ : उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार राज्य परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष, ठा0 रघुराज सिंह ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है तथा सरकार का प्रयास है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जाये, इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे बच्चे, जो विभिन्न आर्थिक व परिवारिक कारणों से बाल श्रम में संलिप्त हैं, उन्हें बाल श्रम से अवमुक्त कराकर विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाय तथा उनके परिवार के वयस्क सदस्यों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कराया जाय,

ठा0 रघुराज सिंह ने अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित वृहद जनजागरण कार्यक्रम में यह वक्तव्य दिए। उन्हांेने कहा कि बाल श्रम देश में अभिशाप की तरह है। इससे उस परिवार के भविष्य के साथ-साथ बच्चों का भी भविष्य खराब हो रहा है। प्रदेश सरकार ऐसे मामलों में बाल श्रमिकों के पुनर्वासन एवं उनकी शिक्षा के प्रति संवेदनशील है और इस पर गम्भीरता से कार्य कर रही है। इस कार्य में समाज, स्वयंसेवी संस्थाओं और स्वयं बाल श्रमिकों के परिवारों का भी सहयोग आवश्यक है।

इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन प्रमुख सचिव, श्री अनिल कुमार-प्प्प् ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी और श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर जी के निर्देश हैं कि बाल श्रम विषय पर अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जाये और अधिक से अधिक समाज के लोगों को बाल श्रम उन्मूलन के कार्यक्रमों में सम्मिलित किया जाये, ताकि जल्द से जल्द प्रदेश को बाल श्रम मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन कार्यों में ट्रेड यूनियन, नियोक्ता संगठनों, समाजसेवी संगठनों व शैक्षणिक संस्थानों एवं विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसीलिए यदि हमें प्रदेश को बाल श्रम मुक्त  कराना है तो सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होेंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा बालश्रम मे संलिप्त न होकर शिक्षा की मुख्यधारा में सम्मिलित होकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करें।

प्रमुख सचिव ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम में लगे बच्चों के शोषण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। चूंकि बाल श्रम बच्चे की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व शैक्षिक विकास पर सीधे प्रभाव डालता है। ऐसी स्थिति में इस प्रथा को जल्द से जल्द समाप्त किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नया सवेरा योजना से आच्छादित 20 जनपदों के 200 ग्राम पंचायतों एवं शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा रहा है। पूर्व में भी वर्ष 2018-2022 के मध्य 508 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा चुका है। ऐसे ही चरणबद्ध रूप से नया सवेरा योजना से आच्छादित इन 20 जनपदों को शीघ्र ही पूरी तरह बाल श्रम मुक्त घोषित करा लिया जायेगा, इसके लिए बहुत कठिन परिश्रम करना होगा और इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा।

सचिव, उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, सुश्री निशा अनंत ने बताया कि उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। साथ ही बोर्ड द्वारा शीघ्र ही निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय का संचालन प्रारम्भ करने जा रहा है। वर्तमान में अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश प्रारम्भ हो चुके है शीघ्र ही शैक्षणिक सत्र का प्रारम्भ किया जायेगा। कार्यक्रम में अपर श्रमायुक्त,  श्रीमती अंजूलता ने बताया कि श्रम विभाग उत्तर प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहा है। बाल श्रम अधिनियम में दी गयी व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवर्तन की कार्यवाही की जा रही है और विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से बाल श्रमिक, कामकाजी बच्चों व उनके परिवारों का पुनर्वासन सुनिश्चित कराया जाता है।

कार्यक्रम में उपस्थित यूनीसेफ प्रतिनिधि ने कहा कि यूनीसेफ लगातार कई वर्षों से श्रम विभाग उत्तर प्रदेश के साथ कार्य कर रहा है। जिसमें यूनीसेफ समय-समय पर तकनीकी सहयोग प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि गत 05 वर्षों से अधिक समय से श्रम विभाग के साथ मिलकर नया सवेरा योजना का संचालन किया जा रहा है। नया सवेरा योजना के अन्तर्गत प्रदेश के बाल श्रम से सर्वाधिक प्रभावित 20 जिलों में गत वर्षों में बहुत ही सार्थक परिणाम प्राप्त हुये है।उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत कामकाजी बच्चांे का चिन्हांकन कर, उसे शिक्षा की मुख्यधारा में सम्मिलित कराया जा रहा है। इस योजना के तहत कामकाजी बच्चों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों को भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से भी लाभान्वित कराया जा रहा है। इन जिलों में नियमित सर्वेक्षण होता है तथा यूनीसेफ के सहयोग से उपलब्ध कराये गये तकनीकी रिसोर्स पर्सन समय-समय पर डोर-टू-डोर भी कामकाजी बच्चों को चिन्हित कर विद्यालयों में नियमित कराते हैं।