नीम करोली बाबा के भगतो ने उनके बारे में बताया कि कितनी अदभुत शक्ति थी नीम करोली बाबा और उनके दर्शन मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं और मनोकामना पूरी होती है

आधुनिक भारत को अनेक संतो ने समय और परंपरा की निरंतरता के साथ अपनी कृपादृष्टि से लाभान्वित किया है, इस श्रंखला में संत बाबा नीम करोली महाराज जी का नाम शामिल है, बाबा महाराज जी एक रहस्यमयी संत हैं जो अपनी कृपा दृष्टि अपने भगतो पर सदैव प्रदान करते हैं।ये संस्था महाराज जी नीम करोली बाबा के प्रमुख संदेश- सब से प्रेम करो, निस्वार्थ सेवा करो, जिनके पास खाने और पहनने को नहीं है उन्हें वह दो का प्रचार प्रसार करने के लिए गठित की गई है आज कल समाज मे स्वार्थ और भोतिक लाभ ज्यादा व्याप्त है और मानवता पीड़ित है दुखी है इसलिए हमारा प्रयास होगा कि बाबा महाराज जी की मानवता समानता और एकता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाए।किसी भी प्रकार की जानकारी इस टीवी धारावाहिक/फिल्म मे उपयोग या सांझा करने से पहिले संस्था की टीम हमें प्रमाणिकता की सत्यता की जांच करती है तथा जानकारी के सही पाए जाने के बाद ही उसे इस टीवी धारावाहिक/फिल्म पर प्रमाण एवं संधर्भ के साथ प्रस्तुत किया जाता है।

ऐसे थे नीम करोली बाबा

नीम करोली बाबा जी को दुनिया ऐसे हीं नही मानती उन्होंन जो कार्य किए हैं पूरे विश्व में ऐसे चमत्कार किए है कि स्वदेशी भी उनके सामने नतमस्तक होते हैं जैसे एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव वोज्नियाक वे आश्रम में आए क्योंकि उन्होंन कई करोबार किए लेकिन वे सफल नहीं हो पाए तो वे खुद कैची धाम आए थे और उनको महाराज के आशीर्वाद से प्रेरणा मिली जब वे यहां से गए तो नैनीताल में एप्पल बहुत मशहूर है उन्होंने अपनी प्रेरणा बना कर एप्पल को अपना लोगो बनाया और आगे बढ़े ऐसे ही फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग भी बहुत परेशान थे वो भी आश्रम में आए लेकिन तब तक महाराज ने अपना शरीर छोड़ दिया था 1973 में । उस समय आश्रम में सीधीमा थी उनसे वो मिले और उन्हें अपनी समस्या बताई उन्होंन उनको कहा हनुमान जी की मूर्ति है आश्रम में आप उनको अपनी परशानी बताय वह आपको जारूर रस्ता दिखाएंगे ओर उसके बाद उनको आशीर्वाद मिला जब वह वापस लौटकर आए तो आपको बताने कि आवश्यकता नही कि आज वह कहा से कहा पहुंच चुके है अमेरिकन एक्टरेस जूली रोबर्ट भी बाबा जी से बहुत प्रभावित थी उन्होंन अपना ईसाई धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म को अपनाया इसी तरह मेडिकल लाइन मे डॉ. लेरी बेलिएंट है जो कि महाराज जी के पास 1970-1971 मे आए उस समय चेचक की महामारी निकलती थी वो इसके ऊपर शोध करना चाहते थे जो (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के साथ था लेकिन दो बार वो वाहा जाकर असफ़ल हो चुके थे उनका चयन नही हो पाता था तो कुछ समय लगभग 6 महीने वो महाराज जी के पास रहे तब महाराज जी ने उन्हें कहा कि अब आप जाओ आपको सफलता मिलेगी तुम चेचक की बीमारी का इलाज ढूंढोगे तो वे झिझक रहे थे जाने मे लेकिन महाराज जी ने उन्हें प्रोत्साहित किया की हम कह रहे हैं जाओ तुम सफल होगे हनुमान जी सब ठीक करेंगे इस तरह के बहुत सारे उद्धार हैं।

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