प्रधानमंत्री मुद्रा योजना(पीएमएमवाई) के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 में 6,23,10,598 ऋण स्वीकृत किये गए

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का उद्देश्य नवीन  अथवा मौजूदा सूक्ष्म इकाईयों/उद्यमों को 10 लाख रुपये तक संस्थागत वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करना है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने पिछले दो वर्षों के दौरान इस योजना के तहत ऋण लेने वाले लोगों को स्वीकृत किये गए ऋणों की संख्या के बारे में भी बताया, जो वित्त वर्ष के आधार पर इस प्रकार है:

वित्तीय वर्ष 2021-22   5,37,95,526

वित्तीय वर्ष 2022-23    6,23,10,598

अखिल भारतीय आंकड़ा, राज्य-वार और केंद्रशासित प्रदेश-वार संख्या को अनुलग्नक-I में उपलब्ध कराया गया है।केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत ऋण देने वाले सदस्य संस्थानों  (एमएलआई) अर्थात अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों (एमएफआई) द्वारा 10 लाख रुपये तक का समानान्तर-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान किया जाता है। कोई भी व्यक्ति, जो इस योजना के तहत ऋण लेने हेतु पात्रता रखता है और उसके पास लघु व्यवसाय या उद्यम करने के उद्देश्य से व्यवसायिक योजना है, तो वह विनिर्माण, व्यापार व सेवा जैसे क्षेत्रों में आय सृजन की गतिविधियों तथा कृषि से संबद्ध कार्यों के लिए योजना के अनुसार ऋण प्राप्त कर सकता है। इन ऋणों को तीन श्रेणियों में प्राप्त किया जा सकता है अर्थात शिशु (50,000/- रुपये तक का ऋण), किशोर (50,000/- रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक का ऋण) तथा तरूण (5 लाख रुपये से अधिक व 10 लाख रुपये तक का ऋण)। डॉ. भागवत किशनराव कराड ने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के कार्यान्वयन के संबंध में सभी समस्याओं का निवारण संबंधित बैंकों के परामर्श से किया जाता है। केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर प्राप्त हुई शिकायतों को निर्धारित समय सीमा के भीतर निवारण करने के लिए संबंधित बैंकों के साथ भी साझा किया जा रहा है।

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