“बदलाव की आंधी में भारत की उभरती तस्वीर”

एक समय था जब भारत को सोने की चिड़ियाँ कहा जाता था पर आज का दौर बदलाव का है नई तकनीकि, ग्रीन ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक धरोहर को संजोकर एक नई ऊँचाई पर राष्ट्र को विश्व पटल पर रखकर अन्य देशों के लिए भारत एक मैत्रिक पद्धति के साथ उन्नति की एक जीती जागती मिशाल सिद्ध हो रहा है ।

बदलाव की इस आंधी में भारत ने तेज गति से देश-दुनियां के लोगों के दिलों में अपनी अहम जगह बना ली है और इतना ही नहीं कोविड महामारी के दौरान जहाँ हर देश एक ऐसी चुनौती से जूझ रहा था कि वो इस घड़ी से उभर पायेगा या नहीं वहीं भारत ने अपने अति सूझ-बूझ के साथ न केवल देशवासियों के लिए वैक्सीन बनाकर महाभारी से बचाया बल्कि अन्य देशों की मदद करके एक सच्चे मित्र की भांति उनके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ा रहा ।

जब हम छोटे थे तब से चंदा मामा की कहानियाँ दिल और दिमाग में वसी हुई हैं वहाँ कहीं दूर-दराज गांव के कोने में बैठी एक मां अपने बच्चे को चांद-सितारों की कहानियाँ सुनाकर कहती है कि तुमको चांद पर ले जाऊँगी । और आज वो सपना भारत माँ की संतान हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के सफल परीक्षण से जहाँ विदेशी ताकत अभी तक नहीं पहुँच पायी और ये मुकाम इतने कम खर्चे में कर दिखाया जितने में हॉलीवुड की आधी फिल्म भी न बन पाये ।
अब, जब भारत को G20 की अध्यक्षता करने का अवसर आया तो देश की बदलती तस्वीर को देख विदेशी लोगों की आंखें वस देखती रह गई । चाहे हो मनमोहक प्रचीनतम संस्कृति, डिजिटल क्रांति या विकास की रफ़्तार क्योंकि भारत का हर एक नागरिक अपने वेजोड़ परिश्रम से देश की तस्वीर संवारने में पूरी कोशिश कर रहा है। आज “भारत मण्डपम्” की शानदार तस्वीर ने देश-दुनियाँ को एक बड़ा संदेश देने का काम किया है कि जो देश सपेरों की भूमि के नाम से जाना जाता था आज वो चांद का सफर तय कर चुका है जहाँ दुनियां के विकसित राष्ट्र भी नहीं पहुँच पाये । इसी प्रकार ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की अनूठी पहल से सभी प्रभावित है। इसके अलावा अनगिनत उपलब्धियाँ और ढेरों मुकाम हांसिल करने की राह में है भारत ।

हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है कि जैसा राष्ट्र हम चाहते है वैसा परिवेश अपने चारों ओर बनाने की कोशिश करें । जैसे कि एक सुंदर केनवास बनाने के लिए अनेक रंगों की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार देश की चमकती तस्वीर को सरोकार करने के लिए आपके स्नेह, परिश्रम और त्याग रूपी रंगों से भरने की जरूरत है ।

कर कोशिश तूं मंजिल पाने की, हरेक मुक्कदर साथ होगा
कभी होगा हतास तूं, तो कभी उदास भी होगा
न रुके कदम तेरे, वस इतनी शिद्दत चाहिए
मुकाम पाने के लिए, वस एक नेक इरादा चाहिए
बदलेगी तकदीर तेरी रंग भरने से, उभरेगी तस्वीर देश की उमंग भरने से 

रविंद्र कुमार
संयुक्त निदेशक
पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ
(पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय)

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