तेल और गैस पीएसयू विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्ट-अप को बढ़ावा दे रहे हैं: श्री हरदीप एस पुरी

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने अपनी जीवंत उद्यमशीलता की भावना और तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के साथ कई यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप का उदय देखा है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और बाजारों को नया रूपाकार दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूनिकॉर्न की गिनती के मामले में भारत आज विश्व में तीसरे स्थान पर है और यहां ~347 बिलियन अमरीकी डॉलर के संयुक्त मूल्यांकन के साथ 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। श्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ पहल के तहत पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को निर्देश दिया है कि वे अपस्ट्रीम/मिडस्ट्रीम/डाउनस्ट्रीम परिचालनों में आईओटी, व्यावसायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण, हरित ईंधन, वैकल्पिक ऊर्जा आदि जैसे क्षेत्रों में एक नए इकोसिस्टम को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, ‘तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल 405 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड बनाए हैं। तेल और गैस पीएसयू 208 करोड़ रुपये के संवितरित मूल्य के साथ 232 स्टार्टअप का वित्त पोषण कर रहे हैं।

उन्होंने जेनरोबोटिक इनोवेशन द्वारा विकसित रोबोटिक स्कैवेंजर बांदीकूट सहित सफल स्टार्टअप के कुछ उदाहरणों की याद दिलाई, जिन्हें स्वच्छता श्रमिकों की कार्य स्थितियों में सुधार के लिए अंकुर परियोजना के तहत बीपीसीएल द्वारा अनुदान, संरक्षक सहायता और विशेष तकनीकी सहायता प्रदान की गई थी।

श्री पुरी ने आईओसीएल द्वारा वित्त पोषित प्रौद्योगिकी आधारित कंपनी वसीतार्स प्राइवेट लिमिटेड की सराहना की,  जो खराब पाइपलाइनों की मरम्मत के लिए पेटेंट पंजीकृत नवाचार नैनो फिलर से युक्त पॉलिमर कम्पोजिट रैप का उपयोग करके ट्रांसमिशन पाइपलाइनों में सभी प्रकार के नुकसान के लिए पूर्ण इन-सीटू समग्र मरम्मत समाधान प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत में पाइपलाइन मरम्मत में क्रांति ला सकती है।

केपीएमजी के सम्मेलन की विषयवस्तु ‘ग्रोइंग विद लैस’ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह विषय हमारे आसपास के इकोसिस्टम के साथ सद्भाव में रहने के भारतीय मूल्यों के साथ पूरी तरह तालमेल रखता है।

मंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग तेजी से बढ़ रही है  और यह भविष्य के आर्थिक विकास के लिए ईंधन प्रदान करना जारी रखेगी। भारत तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, वह तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता भी है, इसके अलावा वह चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक और चौथा सबसे बड़ा तेल शोधक तथा चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में भारत का योगदान 25 प्रतिशत होगा।

भारत की डीकार्बनाइजेशन की यात्रा में ऊर्जा उद्योग की  भूमिका का उल्लेख करते हुए, उन्होंने 2038 -2046 की अवधि के दौरान अपने शुद्ध शून्य उत्सर्जन – स्कोप 1 और 2 को प्राप्त करने के लिए तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की प्रतिबद्धताओं का उल्लेख किया।

जैव ईंधन के क्षेत्र में देश द्वारा तेजी से की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि भारत आज इथेनॉल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपयोगकर्ता है, जिसका श्रेय पिछले पांच वर्षों में हुए लगभग तीन गुना उत्पादन को जाता है। पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 2014 के 1.5 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में ~11.70 प्रतिशत हो गया है।उन्होंने कहा कि हमने 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को 5 साल आगे बढ़ाकर 2025-26 कर दिया है और लगभग 5000 ईंधन स्टेशन पहले से ही ई20 ईंधन वितरित कर रहे हैं।

विश्व के पहले बीएस-6 चरण-2, विद्युतीकृत फ्लेक्स ईंधन वाहन के प्रोटोटाइप का उल्लेख करते हुए श्री पुरी ने कहा कि देश बड़े पैमाने पर जैव ईंधन अपनाने के लिए फ्लेक्स-ईंधन वाहनों को प्रोत्साहित कर रहा है।वैश्विक जैव ईंधन परिदृश्य को बदलने के लिए हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका और ब्राजील के साथ भारत द्वारा शुरू किए गए ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह सहयोगी मंच सर्वोत्तम प्रथाओं, प्रौद्योगिकी विकास और अनुकूलन, नीति सीखने और बाजार विकास जैसे प्रमुख पहलुओं पर ज्ञान साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा। जैव ईंधन गठबंधन हमें 500 अरब डॉलर के अवसर देगा, क्योंकि हम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा देकर विश्व स्तर पर जैव ईंधन का उपयोग बढ़ाने में तेजी लाएंगे।उन्होंने हरित हाइड्रोजन के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि हरित हाइड्रोजन एक और सतत ईंधन विकास अवसर है जहां भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार द्वारा शुरू किए गए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य 2030 तक 5 एमएमटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। उन्होंने कहा कि भविष्य ग्रीन हाइड्रोजन का ही है।उन्होंने कहा कि क्योंकि हम अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा उपलब्धता, ऊर्जा सामर्थ्य और ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करना चाहते है अतः बेस लोड जरूरतों को पूरा करने के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोत आवश्यक हैं, जबकि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नए और अभिनव ऊर्जा स्रोत महत्वपूर्ण हैं।अपने भाषण के अंत में श्री पुरी ने हितधारकों से सामाजिक और पर्यावरणीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए भारतीय ऊर्जा उद्योग में निवेश के अवसरों का पता लगाने और सतत व्यवसाय करने का आग्रह किया है क्योंकि इसी के माध्यम से व्यवसाय भविष्य में पनपेंगे और जीवित रहेंगे।कार्यक्रम की शुरुआत में, मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का दौरा किया। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करने में केपीएमजी के प्रयासों की सराहना की।

error: Content is protected !!