36 मौतों की बावड़ी वाला मंदिर फिर बनाने की मांग, इंदौर में सड़कों पर उतरे रहवासी

इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी में 36 मौतों के बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण तोड़ दिया था। इसके विरोध में शुक्रवार को रहवासी सड़क पर उतर आए। मंदिर के आसपास के रहवासी जयश्री राम के नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। आधे दिन के लिए बाजार भी बंद रखा गया है। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी वहीं पर नया मंदिर बनाने की बात का समर्थन किया। बता दें, रामनवमी पर बावड़ी की छत धंसकने से 60 लोग पानी में गिर गए थे।

सीएम शिवराज ने भोपाल में कहा, इंदौर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हमने उस बावड़ी को भर दिया, लेकिन वह मंदिर बहुत पुराना था। छोटा था, लेकिन पुराना था, कई वर्षों से वहां श्रद्धालुजन पूजा कर रहे थे। पूरे विधि-विधान और पूजा के साथ प्रतिमा दूसरे स्थान पर मंदिर में स्थापित की गई। लेकिन मुझे ये उचित लगता है कि पूरी तरह से सुरक्षित रखते हुए… सामंजस्य और सद्भाव के साथ एकबार फिर से मंदिर स्थापित कर दिया जाए ताकि कॉलोनीवासी वहां फिर से पूजा और अर्चना कर सकें।

इससे पहले इंदौर में रहवासी कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग पर अड़ गए। तब कलेक्टर इलैया राजा टी ने सभी को परिसर में बुलाया। कलेक्टर ने हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए मीडिया से कहा कि हम सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते हैं। रहवासियों की मांग को लेकर जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी जरूर की जाएगी।

लोग बोले- अफसर-कर्मचारियों की वजह से रेस्क्यू देर से शुरू हुआ

रहवासियों ने कलेक्टर से फिर से मंदिर बनाने की मांग की। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में हुई देरी का मुद्दा भी उठाया। कहा- रेस्क्यू में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करें। पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए। रहवासियों ने कहा कि बावड़ी को बंद कर देना तो ठीक है, पर मंदिर तोड़ना शर्मनाक है। इससे रहवासियों और श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। सात दिन तक इंतजार करेंगे नहीं तो खुद ही मंदिर बनाने में जुट जाएंगे।

मंदिर निर्माण के लिए समिति में 700 से ज्यादा लोग जुड़े

मंदिर दोबारा बनवाने के लिए समिति का गठन दो दिन पहले हुआ। बुधवार को समिति की घोषणा की गई। घोषणा के साथ ही सबसे पहले वॉट्सएप ग्रुप बना। देखते ही देखते इस ग्रुप से 700 से ज्यादा लोग जुड़ गए। समिति को लीड कर रहे ललित पारानी कहते हैं कि इस मंदिर से कई लोगों की आस्था जुड़ी है। लोग अपने व्यापार-नौकरी पर जाने के पहले यहां भगवान का आशीर्वाद लेकर जाते थे। गुरुवार को इंदौर आए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भी बात पहुंचाई गई है।

ललित पारानी ने बताया कि संघर्ष समिति में सभी सदस्य है, इसमें न तो कोई अध्यक्ष है ओर न ही कोई सचिव है। सबका एक ही उद्देश्य है मंदिर का पुनर्निर्माण। खास बात यह है कि इस समिति में कोई भी नेता को नहीं जोड़ा है।

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