लेखकः पंडित मोहन लाल बड़ौली, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा, हरियाणा

जीएसटी 2.0ः सरलीकरण और राहत का नया दौर
2017 में लागू जीएसटी ने भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया था, लेकिन बहु-स्तरीय कर स्लैब (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, 28 प्रतिशत ) और वर्गीकरण विवादों ने व्यवसायों के लिए जटिलताएं पैदा की थीं। नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स इन कमियों को दूर करते हुए दो-स्तरीय कर संरचना (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत ) लागू करते हैं। इसके अतिरिक्त, लग्जरी और सिन गुड्स (जैसे सिगरेट, प्रीमियम कारें) के लिए 40 प्रतिशत का स्लैब जोड़ा गया है। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “ये सुधार आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने, व्यवसायों को प्रोत्साहन देने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।” जीएसटी काउंसिल के अनुसार, इन सुधारों से वार्षिक 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जो उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में और मजबूत बनाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 21 सितंबर 2025 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत हो रही है। आपकी बचत बढ़ेगी और आप अपनी पसंदीदा चीजें आसानी से खरीद सकेंगे।” यह उत्सव 22 सितंबर से 31 दिसंबर 2025 तक चलेगा। यह 100-दिवसीय अभियान ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर विशेष छूट और जागरूकता कार्यक्रमों से जुड़ा है।
भाजपा ने 22 से 29 सितंबर तक सात दिवसीय अभियान शुरू किया, जिसमें बाजारों में जाकर व्यापारियों से फीडबैक लिया जा रहा है। पीएम मोदी ने एक ओपन लेटर में लिखा, “ये सुधार हर राज्य की प्रगति को गति देंगे और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेंगे।” इस उत्सव का एक प्रमुख लक्ष्य ‘स्वदेशी’ को बढ़ावा देना है। पीएम ने अपील की कि उपभोक्ता ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों को प्राथमिकता दें। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट ने ‘बचत उत्सव’ सेल शुरू की है, जहां जीएसटी लाभ सीधे कीमतों में दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह अभियान वित्तीय वर्ष 2026 में विज्ञापन खर्च को बढ़ाएगा और उपभोग में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।
आर्थिक प्रभावः विकास की नई गति
नए रिफॉर्म्स सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), किसानों, और निर्यातकों के लिए लाभकारी हैं। उल्टे ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करने से टेक्सटाइल और कृषि क्षेत्र मजबूत होंगे। विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल किया गया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये सुधार भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएंगे। जीएसटी 2.0 राजस्व संग्रह से आगे बढ़कर आर्थिक उन्नति का आधार बनेगा। पीएम मोदी ने कहा, “ये रिफॉर्म्स गरीब, मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं और व्यापारियों सबके लिए हैं।” यह न केवल बचत ला रहा है, बल्कि एक समावेशी विकास की कहानी लिख रहा है।
हरित ऊर्जा और कृषि को प्रोत्साहन
बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई उपकरण, ट्रैक्टर, और हार्वेस्टर पर जीएसटी दरें 12þ से घटाकर 5þ कर दी गई हैं। इससे खेती की लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा, जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। सौर और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर भी जीएसटी 5þ होने से परियोजना लागत कम होगी, जिससे भारत की हरित ऊर्जा क्रांति को बल मिलेगा। शिक्षा और स्टार्टअप्स के लिए वरदान
नए जीएसटी सुधार शिक्षा क्षेत्र के लिए भी लाभकारी हैं। किताबें, स्टेशनरी, पेंसिल-कॉपी, लैपटॉप, और टैबलेट्स पर कर कम किया गया है। ऑनलाइन शिक्षा सेवाओं को भी कर राहत दी गई है। स्किल डेवलपमेंट कोर्सेस सुलभ होने से युवाओं को लाभ होगा। यह भारत को ज्ञान और कौशल आधारित समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों को नया बल मिलेगा।
वैश्विक पहचान और डिजिटल ढांचा
नये सुधार भारत की वैश्विक आर्थिक पहचान को और मजबूत कर रहे हैं। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में भारत की स्थिति और बेहतर होगी। जीएसटी फाइलिंग अब पूरी तरह मोबाइल-फ्रेंडली और सरल हो गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन आधारित निगरानी ने पारदर्शिता बढ़ाई है, जिससे भ्रष्टाचार और कर चोरी पर रोक लगी है।
निष्कर्षः समावेशी विकास की ओर नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स केवल कर सरलीकरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह भारत के आर्थिक उदय का प्रतीक हैं। यह हर नागरिक, किसान, व्यापारी, और उद्योग के लिए सकारात्मक बदलाव ला रहा है। पीएम मोदी ने इसे एक समावेशी विकास का आधार बताया है, जो सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति को जोड़ता है। यह सुधार न केवल देश की अर्थव्यवस्था को गति देगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और सशक्त बनाएगा।