बड़ा इशारा कर गये सीएम ‘वनवास’ समाप्त होने की जगी क्षेत्रवासियों में आस,

हिसार

जिले के आदमपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। मतदान में मात्र कुछ ही घंटे शेष है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस जहां इस उपचुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं वहीं चुनाव प्रचार के अंतिम समय में इनेलो ने भी अपनी ताकत दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। राजनीतिक दलों के दावों के साथ—साथ जो तस्वीर निकलकर आई है और जनता में चर्चा चल रही है उसके अनुसार चुनाव प्रचार के अंंतिम दिन मुख्यमंत्री की जबरदस्त रैली करवाकर भाजपा—जजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने अपनी स्थिति ऐतिहासिक रूप में मजबूत कर ली है और इस रैली के बाद आदमपुर हलके की फिजां ही बदल गई है। मुख्यमंत्री के दावे पर गौर किया जाए तो हलके की जनता अभी से सरकार में अपनी सांझेदारी को लेकर उत्साहित है। माना जा रहा है कि भव्य को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा किया गया इशारा क्षेत्र में पूरा गुल खिला रहा है।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, उनके सांसद पुत्र दीेपन्द्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में ताबड़तोड़़ प्रचार अभियान चलाया। हुड्डा पिता पुत्र ने जहां पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई पर हलके की समस्याओं व मांगों के प्रति सदैव निष्क्रिय रहने का आरोप जड़ते हुए उन्हें घेरने का प्रयास किया वहीं प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने दलित विरोध के मुद्दे पर कुलदीप को घेरा। इसी तरह इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला व प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने अपने पुत्र के लिए सीट खाली करने के मसले पर कुलदीप को घेरा। ऐसे में विपक्ष ने कुलदीप को जमकर निशाना बनाया लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आदमपुर मंडी में बड़ी रैली करके विपक्ष के सभी आरोपों को न केवल धो डाला बल्कि हुड्डा पिता—पुत्र, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान व कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश को भी ऐसा निशाने पर लिया कि देर शाम तक खुद कांग्रेस ही बचाव की मुद्रा में आ गये। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भव्य का हाथ पकड़वाने की जो अपील जनता से की, उसके आदमपुर हलके की जनता अलग ही मायने निकाल रही है। आदमपुर की इस समय सबसे बड़ी समस्या 26 साल का वनवास है और मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के साथ ही क्षेत्र की जनता को उम्मीद बंध गई है कि अब वनवास खत्म होने वाला है, और वनवास खत्म होगा तो विकास सहित अन्य कार्य भी होंगे।

दुष्यंत के संबोधन के बाद जजपा वर्करों में उत्साह

जनता में चर्चा है कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा जनसभा में दिए गए संबोधन के बाद जजपा वर्करों में उत्साह देखा जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस की ओर से अफवाह फैलाकर जजपा वर्करों को गुमराह किया जा रहा था कि जजपा वर्कर भव्य की मदद नहीं कर रहे हैं और जजपा का वोट कांग्रेस की तरफ जा रहा है लेकिन दुष्यंत के संबोधन व भव्य को विधानसभा भेजने की अपील के बाद जजपा वर्करों व वोटरों के समक्ष स्थिति स्प्ष्ट हो चुकी है और उनमें भी उत्साह देखा जा रहा है। जजपा वर्करों के उत्साह से भव्य की स्थिति पहले सेे ज्यादा मजबूत समझी जा रही है।

दलित—पिछड़ा प्रेम पर कांग्रेस बैकफुट पर

कुलदीप बिश्नोई पर दलित व पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उन्हें लगातार निशाने पर ले रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री ने अपनी जनसभा में हुड्डा शासन में हुए मिर्चपुर कांड की याद दिलाकर कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में ला दिया। मिर्चपुर कांड के समय दलित बाप—बेटी की मौत हो गई थी और अनेक दलित परिवार गांव से पलायन करके हिसार में जाकर टैंट लगाकर रहने लगे थे। प्रदेश की भाजपा सरकार ने पार्टी नेता कृष्ण बेदी की मध्यस्थता के बाद मिर्चपुर के इन विस्थापितों को बसाया था।

रणबीर गंगवा ने खोली हुड्डा के पिछड़ा वर्ग प्रेम की पोल

मुख्यमंत्री की जनसभा के दौरान सत्तापक्ष भाजपा—जजपा गठबंधन कांग्रेस पर पूरा आक्रामक रहा। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने हुड्डा के पिछड़ा वर्ग प्रेम की पोल खोली और कहा कि अपने शासनकाल में हुड्डा ने पिछड़ों को उनके हकों से वंचित किया और यहां तक अपमान किया कि योग्य उम्मीदवार न मिलने के कारण सीटें खाली छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग जो जन्मजात अपने काम में योग्य है, वो अयोग्य कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि हुड्डा ने दो दिन पहले सम्मेलन को पिछड़ा वर्ग का बुलाया लेकिन उसमें अपने वर्कर बुलाकर खाली कुर्सियां भरनी पड़ी।

इनेलो प्रत्याशी ने भी की स्थिति मजबूत

चुनाव प्रचार के दौरान इनेलो भी पूरी तरह से अपनी स्थिति मजबूत बनाने में जुटी रही। यूं कहा जाए कि नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से ही इनेलो लगातार कांग्रेस को झटका दे रही है, जो गलत नहीं होगा। इनेलो ने सबसे पहले तो कांग्रेस टिकट के दावेदार रहे बालसमंद निवासी कुरड़ाराम नंबरदार को अपनी तरफ मिलाकर कांग्रेस को झटका दिया। हलके के सबसे बड़े गांव के होने व इस क्षेत्र में उनका व्यापक प्रभाव होने के कारण ही इनेलो ने उन्हें टिकट दिया, जिसके चलते कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो गई। जल आंदोलन सहित हर कार्य में सक्रिय रहने व हलके के सबसे बड़े गांव बालसमंद का निवासी होने का कुरड़ाराम को जितना फायदा मिला उतना ही कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ा। बताया जा रहा है कि इसी नुकसान को भांपते हुए जयप्रकाश का वीडिया वायरल करवाया जा रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि हम कुरड़ाराम को वापिस लेकर आएंगे। रही सही कसर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बालसमंद में अभय चौटाला ने जनसभा करके पूरी कर दी, जिसके चलते बालसमंद बेल्ट में कुरड़ाराम की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। बालसमंद गांव के वोटर भी मानने लगे हैं कि चाहे चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन वेे हर संघर्ष में उनके साथ रहने वाले कुरड़ाराम को ही वोट देंगे
कुल मिलाकर प्रचार के लगभग 15 दिनों के दौरान विभिन्न दलों का चुनाव अभियान जोरों पर रहा, ताबड़तोड़ रैलियों, जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं व अन्य प्रचार माध्यमों के चलते राजनीतिक दल मतदाताओं तक पहुंचे और अपनी—अपनी स्थिति मजबूत होने का दावा भी किया। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने प्रचार के अंतिम दिन जनसभा करके भव्य की स्थिति काफी मजबूत कर दी वहीं अभय चौटाला ने बालसमंद में जनसभा करके कांग्रेस की कड़ी को कमजोर कर दिया। देखना है अब इस रण में कौन बाजी मारता है लेकिन सत्तापक्ष की मजबूती के चलते क्षेत्रवासी अभी से वनवास समाप्ति का दावा अवश्य करने लगे हैं।

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