अभिभावकों से अपील,बच्चों को एक्सीलेंस के लिए प्रेरित करें-राष्ट्रपति

चंडीगढ़

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी  संस्थान कुरुक्षेत्र के 18वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने डिजिटल माध्यम से डिग्री प्रदान करने के लिए एनआईटी कुरुक्षेत्र और अन्य सहयोगी के द्वारा विकसित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बेस्ड डिग्री सॉल्यूशंस का भी उद्घाटन किया और वर्ष 2020 व 2021 बैच के विद्यार्थियों को डिजिटल माध्यम से डिग्री प्रदान की। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल भी उपस्थित रहे।

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का यह दिन सभी  विद्यार्थीयों के लिए अविस्मरणीय दिन है। आपकी सफलता में परिवारजनों और समाज की भी भूमिका होती है। इसलिए समाज के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए अपने ज्ञान का उपयोग देश व समाज की भलाई के लिए करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर बेहद खुशी महसूस हो रही है।शिक्षा से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता महसूस होती है, क्योंकि अपने जीवन की सार्वजनिक जीवन की शुरुआत से पहले उन्होंने अध्यापन का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि एनआईटी, कुरुक्षेत्र अपना डायमंड जुबली वर्ष मना रहा है। विश्व के तकनीकि संस्थानों में एनआईटी ने अपना नाम बनाया है। इस संस्थान से निकले लगभग 40 हजार पूर्व विद्यार्थियों ने देश की प्रगति में अपना योगदान दिया है। सिंगापुर से लेकर सिलिकॉन वैली और सिविल सोसायटी से लेकर सिविल सर्विसेज में अपना स्थान बनाया है

राष्ट्रपति ने कहा कि एनआईटी के 5800 विद्यार्थियों में से 1100 से अधिक लड़कियां हैं और आज डिग्री प्राप्त 2800 विद्यार्थियों में से 500 से अधिक लड़कियां हैं।यह भी गौरवान्वित करने वाला क्षण है। आज बेटियां हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि साइंस, गणित प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लड़कियां आगे आएं।

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के तकनीकि युग में तीव्र  गति से बदलती प्रौद्योगिकियों से चुनौतियां भी पेश आ रही हैं, इसके लिए भी तकनीकि संस्थानों को विद्यार्थीयों को फ्यूचर रेडी बनाना होगा। यही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के भी प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि एनआईटी, कुरुक्षेत्र डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स इत्यादि की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है, यह प्रशंसनीय कदम है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा के किसानों ने हरित क्रांति में  अपना बहुमूल्य भूमिका निभाकर खाद्यान उत्पादन में अपना योगदान दिया। लेकिन वर्तमान में इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, गिरता भू- जल स्तर इत्यादि समस्याएं पैदा हो गई हैं। इन समास्याओं का प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाधान निकालना विद्यार्थियों की जिम्मेवारी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड -19 महामारी ने यह दिखाया कि आम आदमी भी तकनीकि फ्रेंडली है।डिजिटल भुगतान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यदि तकनीक जनता की भलाई के लिए हो, तो उसे अपनाने में नागरिकों का सहयोग भी मिलता है। अब समय टेक्नोलॉजी फॉर सोशल जस्टिस का है। यानी प्रौद्योगिकी का किस प्रकार समाज की भलाई के लिए उपयोग किया जा सकता है, इस सोच पर आगे बढ़ना होगा और वंचितों की मदद करनी होगी, ताकि वे कहीं पीछे न रह जाएं।

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ज्ञान, योग्यता और जीवन की  सफलता को कभी भी पैसे के अधार पर न आंकें। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील करते हुए कहा कि बच्चों को एक्सीलेंस के लिए प्रेरित करें तभी बच्चे जीवन में संतोष और सार्थकता का अनुभव कर पाएंगे।इस अवसर पर सांसद श्री नायब सिंह सैनी, खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह, विधायक श्री सुभाष सुधा, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल और पुलिस महानिदेशक श्री पी के अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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