पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल का दायरा ज़िला और यूनिवर्सिटी स्तर तक बढ़ाने का ऐलान

चंडीगढ़

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य भर में ज़िला और यूनिवर्सिटी स्तर पर मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल (ऐमऐलऐफ) की मेज़बानी करके इसके दायरे का विस्तार करने का ऐलान किया है।यहाँ मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने हर साल इस प्रतिष्ठित समागम के प्रबंध के लिए प्रबंधक कमेटी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भविष्य में राज्य सरकार नौजवानों को हथियारबंद सेनाओं की समृद्ध विरासत से अवगत करवाने और उनमें फ़ौज में भर्ती होने की भावना पैदा करने के लिए ज़िला और यूनिवर्सिटी स्तर पर यह मेला करवाएगी। भगवंत मान ने कहा कि नौजवानों में राष्ट्रवाद और देश भक्ति की भावना पैदा करना समय की ज़रूरत है, जिससे उनको हथियारबंद सेनाओं में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया जा सके।

भारत को विश्व का सबसे बड़ा और सफल लोकतंत्र बनाने में हथियारबंद सेनाओं की अहम भूमिका की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में लोकतंत्र सफलतापूर्वक प्रफुल्लित हुआ है क्योंकि हथियारबंद बलों ने इसकी रक्षा में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हथियारबंद सेनाओं ने देश की सरहदों की रक्षा करने के साथ-साथ देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को भी बरकरार रखा है। भगवंत मान ने कहा कि इस कारण ही भारत आज दुनिया भर में सबसे सफल लोकतंत्र के तौर पर उभरा है।

पाकिस्तान की मिसाल देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां लोकतंत्र कभी भी कायम नहीं रहा क्योंकि फ़ौज ने इस पड़ोसी मुल्क में कई बार चुनी हुई सरकारों को भंग किया है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भारत में हथियारबंद बलों की सक्रिय भूमिका के कारण लोकतंत्र सफल रहा है। भगवंत मान ने कहा कि इसी कारण ही आज उन जैसा आम आदमी राज्य का मुख्यमंत्री बना है।

मुख्यमंत्री ने भारतीय फ़ौज के समर्पण, वचनबद्धता और देश भक्ति की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय फ़ौज की बहादुरी की दुनिया भर में कोई भी मिसाल नहीं मिलती। भगवंत मान ने कहा कि भारतीय हथियारबंद सेनाओं ने अपने हौसले और बहादुरी के साथ कई प्रेरणादायक इबारतें लिखी हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश की सेवा में डाले बेमिसाल योगदान के लिए हर देश निवासी भारतीय हथियारबंद बलों का ऋणी है। उन्होंने कहा कि जब हममें से हर कोई अपने परिवारों के साथ आराम की नींद सो रहा होता है, तब हथियारबंद बल कड़ाके की ठंड और गर्मी के मौसम में हमारी सरहदों की रक्षा कर रहे होते हैं। भगवंत मान ने कहा कि देश की सरहदों की रक्षा और अमन-कानून की सुरक्षा के लिए अपनी जानें न्यौछावर करने वाले बहादुर सैनिकों को विनम्र श्रद्धांजलि के तौर पर राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों को दिए जाने वाले मानभत्ते को बढ़ा कर एक करोड़ रुपए किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्यूटी के दौरान शहीदी प्राप्त करने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से यह विनम्र सा प्रयास है। भगवंत मान ने कहा कि इस कदम का मकसद शहीद सैनिकों के पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत देना है। उन्होंने आगे कहा कि मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले सैनिकों के परिवारों की मदद करना राज्य सरकार का फर्ज है।

मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों और हथियारबंद बलों के साथ अपने मज़बूत रिश्तों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि उनके मामा जी भारतीय फ़ौज में नौकरी कर चुके हैं। भगवंत मान ने यह भी कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि एस. ए. एस. नगर ( मोहाली) में उनके पड़ोसी पुरस्कार विजेता पूर्व फ़ौजी अफ़सर थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कई पुस्तकों का भी विमोचन किया और मेले में भाग लेने वाली मशहूर शख्सियतों का सम्मान किया।