आपको पता है कि हवाई जहाज का टिकट कब महंगा होता है

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार में सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य  सिंधिया ने खुलासा किया है। प्लेन के टिकट की कीमतें मौसम पर निर्भर करती हैं। हालांकि पैसेंजर चाहे तो एडवांस बुकिंग कर कम किराए में प्लेन का टिकट खरीद सकते हैं।सिंधिया ने बताया कि सिविल एविएशन एक विनियमित क्षेत्र है। सरकार का मार्ग विस्तार पर नियंत्रण नहीं है। एविएशन कंपनियों पर निर्भर करता है। फेस्टिवल सीजन के दौरान प्लेन के टिकट का दाम बढ़ जाने के सवाल पर मंत्री ने बताया कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र एक मौसमी उद्योग है। उन्होंने कहा कि इसकी मांग में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।अक्टूबर में त्योहारों का मौसम शुरू होता है। तब से डिमांड बढ़ती है। और यह फरवरी तक चालू रहती है। उस समय सिविल एविएशन सेक्टर में हाई डिमांड रहता है। उसके बाद डिमांड में थोड़ी कमी आती है। उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान डिमांड में काफी कमी आ जाती है।

कोरोना महामारी के दौरान यह क्षेत्र दुनिया के किसी भी उद्योग के लिए संभव: सबसे खराब दौर से गुजरा है। उन्होंने कहा कि टिकट के मूल्य निर्धारण में एयर टर्बाइन ईंधन (हवाई ईंधन) एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। इस पर एविएशन इंडस्ट्री का खर्च करीब 50 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि कोविड से पहले इसकी कीमत 35,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति किलोलीटर थी जो अब 1,17,000 रुपये प्रति किलोलीटर तक हो गई है।

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