दिल्ली सरकार दिल्ली मेट्रो की 100 मौजूदा ई-बसों और 380 नई फीडर ई-बसों का अधिग्रहण करेगी

दिल्ली सरकार जल्द ही दिल्ली के नागरिकों के लिए लास्ट माईल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल  कॉर्पोरेशन (DMRC) की मौजूदा इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन को अपने हाथ में लेगी। दिल्ली कैबिनेट ने हाल ही में परिवहन विभाग के अधीन दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की 100 से अधिक मौजूदा ई-बस बेड़े और अतिरिक्त 380 फीडर ई-बसों को संचालित करने का निर्णय लिया है।

डीएमआरसी दिसंबर 2019 से पूर्वी और उत्तरी क्लस्टर में  शास्त्री पार्क और मजलिस पार्क डिपो से फीडर ई-बसों का संचालन कर रही है। इन बसों को परिवहन विभाग दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के जरिए चलाएगा। इसके अलावा, अतिरिक्त 380 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने के लिए, 6 (छह) स्टेशनों- वेलकम, कोहाट एन्क्लेव, रिठाला, नांगलोई, मुंडका और द्वारका की पहचान की गई है । डीएमआरसी इन स्थानों पर बस डिपो का निर्माण करेगी। परिवहन विभाग इन सभी फीडर बसों को प्रति किमी के आधार पर संचालित करेगा, जिसके अंतर्गत परिचालकों को उनके द्वारा तय की गई दूरी के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

बता दें कि दिल्ली में लास्ट माईल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने और एक निश्चित अंतराल पर बसें उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा आयोजित रूट रेशनलाइजेशन अध्ययन के बाद इसकी सिफारिश की गयी थी। रूट रेशनलाइजेशन का पहला चरण अक्टूबर 2022 में शुरू  हुआ था जिसके अंतर्गत 26 नए मार्गों पर पीक आवर्स के दौरान 5 से 20 मिनट की आवृत्ति पर मानक (12 मीटर) बसों को चलाया गया था। अध्ययन में जहां सड़क की कम चौड़ाई या यात्री भार बहुत अधिक नहीं होने के कारण 12 मीटर लंबी डीटीसी और क्लस्टर बसें संचालित नहीं हो सकती हैं, वहां मिनी/मिडी बसों के उपयोग की सिफारिश की गयी थी।

इस पर टिप्पणी करते हुए, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार  सार्वजनिक परिवहन को अपने नागरिकों के लिए अधिक किफायती, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। रूट रेशनलाइजेशन के कार्यान्वयन को मिली अच्छी प्रतिक्रिया और सफलता के बाद अब ये नई इलेक्ट्रिक फीडर बसें लोगों के लिए लास्ट माईल कनेक्टिविटी को और आसान बना देंगी। रूट रेशनलाइजेशन अध्ययन ने हमें शहर में बस यात्रियों की वास्तविक स्थिति को समझने में मदद की, जिसके बाद आवश्यकता अनुसार रुट्स पर बसों की आवृत्ति बढाई गयी और नए मार्गों को भी जोड़ा गया। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए शहर में जोड़ी जा रही सभी नई बसें इलेक्ट्रिक हों।