“आप”और उसके नेताओं पर निशाना साधने के लिए नौकरशाही का दुरुपयोग कर रही केंद्र सरकार-मनीष सिसोदिया

भाजपा द्वारा केंद्र सरकार के जरिए दिल्ली सरकार के अफसरों का असंवैधानिक रूप से दुरूपयोग करने का एक ताजा मामला सामने आया है। इस संबंध में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं पर निशाना साधने के लिए केंद्र सरकार नौकरशाही का दुरूपयोग कर रही है। भाजपा अपना राजनीतिक हित साधने के लिए अधिकारियों का इस्तेमाल कर रही है, ताकि सीएम अरविंद केजरीवाल जनहित के काम न कर सकें। भाजपा चाहती है कि अधिकारी केवल चुनी हुई दिल्ली सरकार को टारगेट करें और जनता के काम न करें। ताजा मामला सूचना विभाग की सचिव एलिस वाज की ओर से अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजने का है, जिसमे उन्होंने 163 करोड़ रुपए की रिकवरी का नोटिस दिया है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के अख़बार भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के विज्ञापनों से भरे पड़े हैं। क्या भाजपा इन राज्यों के अफसरों को अपने मुख्यमंत्री से पैसे वसूलने को कहेगी? एलजी के जरिए भाजपा दिल्ली सरकार के अफसरों के उपर असंवैधानिक कब्ज़ा जमाकर उनका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एलजी का सर्विस डिपार्टमेंट पर नियंत्रण होने के कारण उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डालकर मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसा नोटिस जारी कराया। भाजपा लोकतंत्र का सम्मान करें और अपना राजनीतिक हित साधने के लिए अफसरों का दुरूपयोग कर इस तरह से चुनी हुई सरकार को टारगेट करना बंद करें।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने  दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के अफसरों के उपर भाजपा ने केंद्र सरकार के माध्यम से पिछले 7 सालों से असंवैधानिक नियंत्रण कर रखा है और भाजपा लगातार अफसरों का असंवैधानिक तरीके से दुरूपयोग करती रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा किस तरह अपने राजनैतिक हित साधने के लिए दुरूपयोग करती रही है, इसका उदाहरण कल दिल्ली के सूचना विभाग की सचिव एलिस वाज़ द्वारा मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी के नाम भेजा गया नोटिस है|
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार के सूचना विभाग की सचिव (आई.ए.एस अधिकारी) एलिस वाज ने अरविन्द केजरीवाल जी को नोटिस भेजा है कि 2016-17 के आसपास दिल्ली सरकार ने दिल्ली के बाहर जो विज्ञापन दिए थे, उनकी 163 करोड़ रूपये की वसूली अरविन्द केजरीवाल जी से की जाएगी| साथ ही एलिस वाज़ ने अरविन्द केजरीवाल जी को क़ानूनी रूप से धमकी दी है कि वे 163 करोड़ रूपये 10 दिन के अंदर जमा करें वर्ना उनके ऊपर कारवाई की जाएगी| उन्होंने कहा कि सूचना विभाग की सचिव आई.ए.एस अधिकारी एलिस वाज भाजपा के कहने पर अरविन्द केजरीवाल जी को धमकी दे रही हैं कि 10 दिन के अंदर 163 करोड़ रूपये दो, वर्ना आपके ऊपर कारवाई की जाएगी| यह बात एलिस वाज जी या किसी अन्य आई.ए.एस अधिकारी की नहीं है|  यह उदाहरण है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिल्ली सरकार के अफसरों का किस प्रकार दुरूपयोग किया जा रहा है|
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि, दिल्ली के लोगों ने अरविन्द केजरीवाल जी को प्रचंड बहुमत देकर चुना है और केजरीवाल जी को यह मेंडेट दिया है कि वे दिल्ली सरकार के अफसरों से दिल्ली की जनता के हित में काम करवाएं, उनसे जनता के लिए स्कूल बनवाएं,अस्पताल बनवाएं, गरीबों के लिए काम करवाएं, दिल्ली की तरक्की के लिए काम करवाएं|  लेकिन भाजपा असंवैधानिक तरीके से इन अफसरों के उपर अपना कब्ज़ा जमाकर बैठी है और इन अफसरों का दुरूपयोग अरविन्द केजरीवाल जी के खिलाफ अपनी राजनीति हित साधने के लिए कर रही है और चुनी हुई दिल्ली सरकार के मंत्रियों को टारगेट करने में इस्तेमाल कर रही है|
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार के अफसरों को काम नहीं करने दे रही है| अफसर यदि जनता के काम कर रहे है तो उसे रुकवा देती है और उनका इस्तेमाल मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके मंत्रियों को टारगेट करने के लिए कर रही है|  यह अफसरों के ऊपर असंवैधानिक  नियंत्रण का नाजायज इस्तेमाल है| इसलिए भाजपा दिल्ली सरकार के सर्विस डिपार्टमेंट पर असंवैधानिक तरीके से कब्ज़ा जमाकर बैठी है, ताकि उनका दुरूपयोग कर सके और मुख्यमंत्री जी को अफसरों के माध्यम से इस तरह के नोटिस भेजकर काम न करने दे|
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सूचना विभाग की सचिव द्वारा केजरीवाल जी को यह 163 करोड़ रुपए की नोटिस इसलिए भेजा गया है कि सरकार ने 2016-17 में दिल्ली से बाहर विज्ञापन दिए गए| उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग सिर्फ पिछले 1 महीने के दिल्ली के अख़बारों को देखे| ये अख़बार भाजपा के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के विज्ञापनों से भरा हुआ है| अगर दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली से बाहर विज्ञापन देना गलत है तो क्या भाजपा शासित राज्यों के सूचना सचिव अपने मुख्यमंत्रियों को इस प्रकार नोटिस भेज उनसे पैसे की रिकवरी करेंगे।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार के अफसरों का दुरूपयोग कर उन्हें मजबूर कर रही है कि अफसर जनता के काम न करे, मुख्यमंत्री जी को इस तरह के नोटिस भेजे और जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के मंत्रियों को टारगेट करें| उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी चाहते हैं कि अफसर जनता के लिए काम करे और भाजपा चाहती है कि अफसर केवल चुनी हुई सरकार को टारगेट करें और जनता के काम न करे| अफसरों पर नाजायज नियंत्रण का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है।
उन्होंने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार के अफसरों का दुरूपयोग बंद करें| लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार के पास ताकत होती है कि वो अफसरों से काम करवाए| इसलिए भाजपा लोकतंत्र का सम्मान करें और अफसरों का दुरूपयोग कर इस तरह से चुनी हुई सरकार को टारगेट करना बंद करें।
लगभग हर दिन समाचार पत्रों के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित अन्य राज्य सरकारों का पूरे पेज का विज्ञापन देखा जा सकता है, क्या वहां के अधिकारी अपने ही सीएम को वसूली की नोटिस जारी करने की हिम्मत करेंगे – मनीष सिसोदिया
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सवाल करते हुए कहा कि “क्या अपने राज्य के बाहर विज्ञापन देना अपराध है? हर राज्य सरकार अपने राज्य के बाहर विज्ञापन देती है। पूरी दिल्ली में योगी आदित्यनाथ, एम एल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान समेत कई अन्य मुख्यमंत्रियों के होर्डिंग्स देखे जा सकते हैं। इसके अलावा, लगभग हर दिन समाचार पत्रों के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित अन्य राज्य सरकारों का पूरे पेज का विज्ञापन देखा जा सकता है। अगर यह अपराध है तो उनकी सरकारों द्वारा खर्च किया गया पैसा भी भाजपा या कांग्रेस से वसूला जाना चाहिए। क्या उनके अधिकारियों ने अपने ही मुख्यमंत्रियों को वसूली की नोटिस जारी किए? नहीं किए, क्योंकि एक तो यह मनमाना और ओछी नोटिस है और दूसरा उन राज्यों में किसी अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं है कि वो अपने ही सीएम को ऐसी नोटिस भेज सके। चूंकि दिल्ली में एलजी का सेवाओं के ऊपर नियंत्रण है। एलजी अधिकारियों पर दबाव डालते है कि वे अपने ही मंत्रियों और मुख्यमंत्री के खिलाफ इस तरह की नोटिस जारी करें। आज दिल्ली में अधिकारी पानी, बिजली, शिक्षा समेत अन्य सार्वजनिक सेवाओं पर काम नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर अधिकारी ऐसे ही बेकार के कामों में लगे रहते हैं। इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि अधिकारियों पर नियंत्रण निर्वाचित सरकार के पास हो। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने नोटिस का जवाब दिया है और इसे मनमाना और विकृत बताया है। साथ ही “आप” ने उन सभी विज्ञापनों की प्रतियां भी मांगी हैं, जिनकी कीमत वसूलने के लिए नोटिस भेजी गई है।
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