डीडीए ने अपनी कार्य प्रक्रियाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई कदम उठाए हैं।

आम जनता अपनी सुविधानुसार सेवाओं का लाभ उठा सके इसके लिए भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देने हेतु, डीडीए ने अपनी कार्य प्रक्रियाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई कदम उठाए हैं।हाल ही में शुरू की गई कुछ पहलों में विभिन्न एप्लिकेशन पेश किए गए हैं, जैसे हाउसिंग के लिए AWAAS ऐप (आवेदक आवेदन, भुगतान और कब्जे के लिए सभी औपचारिकताएं ऑनलाइन कर सकते हैं), भूमि निपटान के लिए BHOOMI ऐप (भूमि निपटान विभाग में ऑनलाइन सेवाओं का डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन) कोर्ट केस मैनेजमेंट के लिए Provakil ऐप (अदालत की कार्यवाही और अनुपालन को ट्रैक करने के लिए), शिकायतों की जांच के लिए DDA-311 और शिकायत प्रबंधन के लिए STF ऐप। इन्हें निर्बाध रूप से पूरी तरह से ऑनलाइन कार्यान्वित किया गया है।

पूरी दिल्ली में कम्प्यूटरीकृत नागरिक सुविधा केंद्र और पीएम-उदय प्रोसेसिंग सेंटर भी स्थापित किए गए हैं।जन केंद्रित गतिविधियां जैसे कनवर्जन, पट्टा बहाली, आबंटन, बुकिंग, निविदा, ई-नीलामी, प्रोक्योरमेंट, भुगतान, इंजीनियरिंग मेजरमेंट, शिकायत निवारण, विजिटर अपॉइंटमेंट सेवाएं अब ऑनलाइन हैं, इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सेवाएं समयबद्ध तरीके से पूरी होंगी।इसके अतिरिक्त, दिल्ली मुख्य योजना-2041 के लिए, आम जनता से सुझाव और फीडबैक प्राप्त करने हेतु एक ऑनलाइन सिस्टम पहले से ही स्थापित है।जनता की आसान पहुँच के लिए दिल्ली की डिजिटाइज लेआउट योजनाओं हेतु भौगोलिक सूचना प्रणाली शुरू की गई है।दिल्ली के लगभग 240 गाँवों के भूमि रिकार्ड के प्रबंधन और मानचित्रों को डिजिटाइज करने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर एल.आई. एम.एस. (भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली) विकसित की गई है। इसमें ऑनलाइन डैमेज कलेक्शन, ऑनलाइन डिमोलिशन प्रोग्राम मैनेजमेंट इत्यादि शामिल हैं।

किसी आबंटित प्लॉट को भूमि पर वास्तविक रूप से इंगित करने हेतु दिल्ली के लेआउट प्लान को जीयो-मैप्स-जीयोपोर्टल के अंतर्गत डिजिटाइज किया गया है।दि.वि.प्रा. भूमि पर अतिक्रमण का पता लगाने और इसके नियंत्रण हेतु दि.वि.प्रा. के लगभग 3000 खाली भूखण्डों को डिजिटाइज किया गया है और मैपिंग करने के लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को सौंप दिया गया है।पर्याप्त जानकारी के साथ दि.वि.प्रा. की एक नई वेबसाइट (www.dda.gov.in) शुरू की गई है, जो जनता के लिए उपयोगी होगी। यह वेबसाइट विकेंद्रीकृत है और संबंधित विभाग नियमित रूप से अपनी सामग्री अपलोड कर रहे हैँ। इससे जनता को किफायती आवास और अन्य ऑफर्स के लिए दि.वि.प्रा. से संबंधित वर्तमान और आगामी लॉन्च के बारे में सूचना प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।इसके अतिरिक्त, लगभग 6 लाख फाइलें डिजिटलाइज्ड की गई हैं और कंप्यूट्रीकृत रिकॉर्ड रूम स्थापित किया गया है ताकि रिकॉर्ड को आसानी से तथा फाइलों को आसानी से ढूंढा जा सके।दि.वि.प्रा ने विभिन्न अन्य ई- गर्वेनेंस पहल शुरू की हैं। ई- ऑफिस, ई-एचआरएमएस और एनआईसी, भारत सरकार की ई-मेल सेवाएँ ऑनलाइन फाइलों और कागजों की आवाजाही के लिए क्रियान्वित की गई है और रोजमर्रा के कार्यकलापों का प्रबंधन करने के लिए कर्मचारियों के उनके डिजिटल हस्ताक्षर से उन्हें क्रियान्वित किया गया है।

अब तक लगभग 15000 फाइलों को ऑनलाइन कर दिया गया है।चल रहे प्रोजेक्ट डिजिटलिकृत दि.वि.प्रा. के कार्य-क्षेत्र में और अधिक वृद्धि करने के लिए कई अन्य कार्यकलाप (प्रोजेक्ट) अभी विकसित किए जा रहे हैः

1. ऑनलाइन यूजर-फ्रैंडली जन शिकायत निवारण, लेखा विभाग का इन-डेप्थ आटोमेशन, नवीनतम बायो-मेट्रिक उपस्थिति और खेल परिसर गतिविधियों का कंप्यूटरीकरण।
2. शिकायत निवारण के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर एप्लीकेशन को विकसित करने के लिए संभावनाएँ तलाश करना और जनता की शिकायतों के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया का विश्लेषण करना ताकि उनकी शिकायतों का विधिवत निवारण हो सके।
3. डाटा की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एनआईसी के सर्वर पर आटोमेशन गतिविधियों के सभी डाटा को डालना।
4. दि.वि.प्रा. के सभी सुदूर कार्यालयों को लीज लाइनों के माध्यम से जोड़ा जा रहा है ताकि इनके कार्य बिना गतिरोध के और एकीकृत हो सके।
5. सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन जारी करने और रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए डीजी लॉकर के साथ इंटीग्रेशन करना।

error: Content is protected !!